इटली का लग्जरी फैशन ब्रांड प्राडा एक बार फिर भारतीय फैशन की नकल को लेकर विवादों में घिर गया है. इस बार मामला कोल्हापुरी चप्पलों का नहीं, बल्कि भारतीय जूतियों से मिलती-जुलती डिजाइन का है. इससे पहले, मिलान फैशन शो में कोल्हापुरी चप्पलों की नकल करने पर प्राडा को भारी आलोचना झेलनी पड़ी थी.
इसके बाद ब्रांड ने कोल्हापुर जाकर स्थानीय कारीगरों से मुलाकात की थी और डिजाइन के भारतीय मूल को स्वीकार किया था. अब सोशल मीडिया पर प्राडा की नई डिजाइन की ‘Antiqued Leather Pumps’ की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखकर लोग उन्हें भारतीय जूतियों की नकल बता रहे हैं.
प्राडा ने किया ‘ओरिजिनल डिजाइन’ का दावा
हालांकि प्राडा की वेबसाइट पर ये सैंडल कई रंगों और डिजाइनों में उपलब्ध हैं, लेकिन एक खास डिजाइन पारंपरिक पंजाबी जूती जैसी दिखती है. प्राडा का दावा है कि ये ‘ओरिजिनल’ डिजाइन है, जो बछड़े के लेदर से बनी है.
वेबसाइट पर बताया गया है कि ‘नुकीले सिरे वाला यह डिजाइन प्राचीन लुक देने वाले लेदर से बना है, जिसमें सिलाई साफ दिखाई देती है और किनारों को जानबूझकर अधूरा छोड़ा गया है.’ हालांकि पारंपरिक जूतियां आमतौर पर फ्लैट होती हैं, लेकिन प्राडा का यह वर्जन स्टिलेट्टो हील्स के साथ आता है.
अमृतसर के दुकानदारों में भारी आक्रोश
पंजाब के अमृतसर में जूती व्यापार से जुड़े दुकानदारों ने इस पर गहरा आक्रोश जताया है. एक स्थानीय दुकानदार आकाश ने आजतक से कहा, ‘हम दिन-रात मेहनत करके पंजाबी जुत्तियां और कोल्हापुरी चप्पलें 400 से 2000 रुपये तक में बेचते हैं. यही काम हजारों कारीगरों और दुकानदारों के लिए रोजी-रोटी है. लेकिन अब प्राडा हमारी पंजाबी जूतियों की नकल कर लाखों रुपये में बेच रहा है, ये हमारी सांस्कृतिक विरासत पर सीधा हमला है. भारत सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.’
क्या बोले फुटवियर एक्सपर्ट्स?
फुटवियर विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही प्राडा की पूरी कलेक्शन को जूतियों की सीधी नकल नहीं कहा जा सकता, लेकिन जिस एक जोड़ी की बात हो रही है, वह राजस्थानी मोजड़ी या पंजाबी जूतियों से प्रेरित जरूर लगती है.
रश्मि तोमर, जो एक पेशेवर फुटवियर डिजाइनर हैं, बताती हैं, ‘ये जूते बिल्कुल जूतियों की नकल तो नहीं हैं, लेकिन इनका डिजाइन साफतौर पर भारतीय जूतियों से प्रेरित लगता है, जैसे राजस्थान की मोजड़ी या पंजाब की जूती- खासतौर पर इनके आगे के नुकीले हिस्से और ऊपरी डिजाइन.’ उन्होंने यह भी बताया कि पहले यह डिजाइन सिर्फ पुरुषों की जूतियों में दिखाई देता था.
वहीं Artimen ब्रांड के संस्थापक सुकृत खन्ना का कहना है कि उन्हें प्राडा के ये जूते पसंद आए लेकिन शुरुआत में उन्हें इनमें कोई ‘भारतीयता’ नहीं दिखी. हालांकि उन्होंने माना कि टो शेप और डिजाइन कुछ हद तक राजस्थानी जूतियों से मेल खाता है.
कोल्हापुरी चप्पलों की नकल पर मचा था बवाल
गौरतलब है कि प्राडा कुछ हफ्ते पहले ही कोल्हापुरी चप्पलों को बिना भारतीय क्रेडिट दिए रैंप पर शो कर चुका है, जिस पर महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर (MACCIA) ने औपचारिक शिकायत दर्ज की थी. इसके बाद ब्रांड को सफाई देनी पड़ी, कोल्हापुर आना पड़ा और कारीगरों के साथ सहयोग की घोषणा करनी पड़ी. हालांकि जूतियों के मामले पर अभी तक प्राडा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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