सोमवार से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण नहीं चल सकी. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों से चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने की बात कही, लेकिन बात नहीं मानी.
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में अब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए समय तय हो गया है. बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए लोकसभा में 16 घंटे का समय तय किया गया है. राज्यसभा में इस विषय पर नौ घंटे चर्चा होगी. संसद के दोनों सदनों मेंऑपरेशन सिंदूर पर कुल मिलाकर 25 घंटे चर्चा होगी. वहीं संसद में राष्ट्रीय खेल विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है. इसके अलावा मणिपुर बजट पर 2 घंटे की चर्चा होगी.
ऑपरेशन सिंदूर पर अगले हफ्ते चर्चा हो सकती है. वहीं, आयकर बिल पर चर्चा के लिए लोकसभा में 12 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह भी तय हुआ है कि संसद में शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन, सफल वापसी पर भी चर्चा होगी.
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में विपक्षी दलों ने यह भी डिमांड रखी कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सदन में मौजूद रहें. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बैठक के बाद कहा कि सभी ने समर्थन दिया, हर दल चाहता है कि प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित रहें.
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वहीं, कांग्रेस संसदीय दल के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने कहा कि आज बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक से कांग्रेस संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. गौरव गोगोई ने कहा ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए समय का जिक्र नहीं किया गया है, कोई आश्वासन नहीं दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए समय निर्धारित करना चाहिए. गौरव गोगोई ने सवालिया अंदाज में कहा कि सरकार वीर सपूतों को किस प्रकार का संदेश देना चाहती है?
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