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    भारत ने अपने एयर डिफेंस को कैसे किया मजबूत, हमला रोकने के साथ काउंटर अटैक में भी सक्षम

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    पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत की वायुसेना का दम पूरी दुनिया देख रही है. गुरुवार रात जब पाकिस्तान की ओर से भारत पर 300 से ज्यादा ड्रोन दागे गए तब देश के एयर डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को नाकाम कर दिया. इससे विपरीत भारत ने पाकिस्तान के रावलपिंडी, लाहौर और कराची जैसे शहरों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए ड्रोन अटैक किए, जिसमें भारी नुकसान हुआ है.

    भारत ने किया जवाबी हमला

    वायुसेना का सुदर्शन चक्र कहे जाना वाला S-400 एयर डिफेंस हो या फिर आकाश मिसाइल सिस्टम, भारत के इन हथियारों ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए. भारत ने अब तक जवाबी कार्रवाई में आकाश, MRSAM, Zu-23, L-70 और शिल्का जैसे एयर डिफेंस का इस्तेमाल किया है और हर बार निशाना सटीक और प्रहार तगड़ा हुआ है. लेकिन भारत के पास ये अत्याधुनिक हथियार अचानक से नहीं आ गए, बल्कि इससे लिए सरकार की ओर से लंबे वक्त से तैयारियां की जा रही थीं.

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    भारत ने अपने रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है. साथ ही आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाने का काम किया है. इसी वजह से पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ऑपरेशन सिंदूर इतना सटीक और नपा-तुला रहा कि आतंकी ठिकानों के अलावा आस-पास की किसी भी इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा. भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं के बल पर ही पाकिस्तान और पीओके में 9 सैन्य ठिकानों को एयरस्ट्राइक कर तबाह कर दिया.

    आसमान के हीरो हैं ये हथियार

    बौखलाए पाकिस्तान की ओर से जब देश के 15 शहरों को टारगेट कर हमले की कोशिश की गई तब भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को नाकाम कर दिया. इस जवाबी कार्रवाई में 10 मिसाइलों को रोक लिया गया या निष्क्रिय कर दिया गया. भारत की त्वरित और संयमित कार्रवाई ने उसके एयर डिफेंस इकोसिस्टम की ताकत को दिखाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पिछले 11 साल से लगातार इस दिशा में काम किया जा रहा था.

    भारत की क्षमता से उलट पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से खोखला साबित हुआ है. S-400, बराक-8 मिसाइल, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और DRDO की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी ने एक साथ मिलकर भारत के एयर स्पेस को कवच जैसी सुरक्षा दी है. भारत ने इन उपकरणों के जरिए सिर्फ बचाव नहीं किया बल्कि तेजी और सटीकता के साथ जवाबी हमला भी किया है.

    S-400 के लिए रूस से डील

    ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के अंदर तक हमला किया है. पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसकर लाहौर में HQ-9 एयर डिफेंस यूनिट को तबाह कर दिया और प्रमुख राडार इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया है.

    भारत के पास यह ताकत रातोरात नहीं आई बल्कि साल 2014 से ही इसकी तैयारी चल रही थी. मोदी सरकार ने भारत के एयर डिफेंस को अपग्रेड करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसके लिए रूस से पांच S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए 35,000 करोड़ रुपये का सौदा किया गया, इस डील पर 2018 में हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर तीन स्क्वाड्रन अब ऑपरेशनल हैं.

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    बराक-8 मिडिल रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की तैनाती की गई है. बराक-8 MR-SAM के लिए 2017 में इजरायल के साथ 2.5 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ था, जिसका काम एक्टिव रूप से सीमावर्ती ठिकानों की सुरक्षा करना है. इसके अलावा स्वदेशी आकाश मिसाइल बैटरियां और डीआरडीओ की ओर से निर्मित एंटी ड्रोन सिस्टम भी इसमें शामिल हैं.

    इजरायल से आया Harop ड्रोन

    इसके अलावा दुश्मनों के UAV को जाम और निष्क्रिय करने के लिए मेन-पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम (MPCDS) की 2024 में ही तैनाती की गई. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान की सुरक्षा को पूरी तरह से चकमा देते हुए हमला किया है. इसके अलावा इज़रायली मूल के Harop ड्रोन, जो अब भारत में भी तैयार हो रहे है हैं, को कराची और लाहौर में एयर डिफेंस एसेट्स को निशाना बनाने और नष्ट करने के लिए तैनात किया गया है.

    भारतीय वायुसेना के राफेल फाइटर जेट जो कि SCALP और HAMMER मिसाइलों से लैस हैं. इन राफेल ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारत की सैन्य क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया था. रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने लगातार ऐसा दृष्टिकोण अपनाया है और इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. भारत का तकनीक-संचालित एयरस्पेस डिफेंस नेटवर्क काफी मजबूत है, जिसमें खतरों का पता लगाने, उन्हें रोकने और घुसपैठ से पहले ही उन्हें तबाह करने की क्षमता है.

    ऑपरेशन सिंदूर ने एक साफ मैजेस दिया है कि भारत अब सिर्फ अपने आसमान की रक्षा करने में सक्षम नहीं, बल्कि अब उस पर अपना कंट्रोल भी रखता है.



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