Patna Chandan Mishra Murder Case: पटना के पारस अस्पताल में दिनदहाड़े हुए शूटआउट ने पूरे बिहार को दहला दिया. गोलीयों से छलनी किया गया वो शख्स कोई आम आदमी नहीं, बल्कि एक कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा था. परोल पर इलाज के बहाने जेल से बाहर आया चंदन, कहीं अपनी ही पुरानी दुश्मनी का शिकार तो नहीं बन गया. कहीं उसका मर्डर शेरू गैंग से चली आ रही अदावत का खूनी नतीजा तो नहीं है. ये तमाम सवाल सिर उठा रहे हैं. इसके बाद अब पुलिस के रडार पर हैं, वो सुपारी किलर्स. जिनकी पहचान का दावा भी पटना पुलिस ने किया है.
परोल पर बाहर आया था चंदन मिश्रा
पटना के मशहूर पारस अस्पताल में शुक्रवार सुबह एक सनसनीखेज वारदात हुई. जेल से परोल पर बाहर आया कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा अस्पताल में इलाज कराने आया था, लेकिन वहां पांच शूटर्स ने फिल्मी अंदाज में गोलियों से उसकी हत्या कर दी. चंदन को गोली मारने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि इस हत्या के पीछे चंदन के पुराने दुश्मन शेरू का हाथ हो सकता है.
दोस्त से दुश्मन बने चंदन और शेरू
चंदन मिश्रा और शेरू कभी बहुत अच्छे दोस्त थे. दोनों ने कम उम्र में ही जुर्म की दुनिया में कदम रख लिया था. शुरुआत छोटे-मोटे अपराधों से हुई, लेकिन फिर दोनों ने मिलकर एक खतरनाक गैंग खड़ा किया. उनका गैंग धीरे-धीरे पूरे बिहार में खौफ का पर्याय बन गया. दोनों ने मिलकर कई बड़ी हत्याएं और लूट की वारदातों को अंजाम दिया.
बिहार में खौफ का पर्याय था चंदन-शेरू गैंग
इस गैंग का नाम पहली बार 2009 में बक्सर जिले में सामने आया. उसके बाद एक के बाद एक कई संगीन वारदातें हुईं:
– 06 सितंबर 2009: बक्सर सिमरी में अनिल सिंह की हत्या
– 10 मार्च 2011: पूर्व मुखिया मो. नौशाद की हत्या
– 20 अप्रैल 2011: भरत राय की हत्या
– 26 जुलाई 2011: शिवजी खरवार की हत्या
– 31 जुलाई 2011: मो. निजामुद्दीन की हत्या
– 04 मई 2011: जेल क्लर्क हैदर अली की हत्या
– 21 अगस्त 2011: कारोबारी राजेंद्र केसरी की हत्या
– 11 अप्रैल 2012: कोचिंग संचालक हरि नारायण सिंह की हत्या
– 2013 में: सिपाही हामिद अंसारी की हत्या
इन सभी मामलों में चंदन और शेरू के गैंग का नाम सामने आया था.
जेल में भी नहीं थमी दुश्मनी
चंदन और शेरू दोनों इन हत्याओं के मामले में भागलपुर जेल में बंद थे. लेकिन वहां भी दोनों के बीच झगड़े होते रहते थे. दोस्ती कब दुश्मनी में बदल गई, किसी को पता नहीं चला. जेल में ही दोनों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई. बाद में दोनों ने अपने-अपने अलग गैंग बना लिए और एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन बैठे.
गैंगवार में चंदन की बलि
चंदन मिश्रा की हत्या को गैंगवार का नतीजा माना जा रहा है. पुलिस को शक है कि यह पूरा हमला शेरू गैंग की ओर से कराया गया है. चंदन को जिस तरह से फिल्मी स्टाइल में गोलियां मारी गईं, वो दर्शाता है कि यह एक पूरी तरह प्लान की गई सुपारी किलिंग थी. पारस अस्पताल में CCTV फुटेज खंगालने पर पता चला है कि हमलावर वारदात के बाद बक्सर की ओर भागे हैं.
जांच में मिले अहम सुराग
पटना पुलिस के मुताबिक, सुबह 7:15 बजे अस्पताल परिसर में चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के CCTV कैमरों की फुटेज चेक की और हमलावरों की पहचान शुरू की. चंदन मिश्रा के खिलाफ बक्सर जिले में 24 से ज्यादा मामले दर्ज थे और वह वर्तमान में व्यापारी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा था. इलाज के लिए उसे पैरोल मिला था.
कातिलों की पहचान
जांच में पुलिस को इस वारदात में शामिल पांचों शूटर्स की पहचान हो गई है. सूत्रों का कहना है कि इस शूटआउट का लीडर था तौसीफ बादशाह, जो घटना के वक्त सफेद प्रिंटेड शर्ट और नीली जींस में नजर आया. तौसीफ कोई मामूली अपराधी नहीं, बल्कि सेंट कैरेन्स स्कूल, पटना से पढ़ा-लिखा है और अब फुलवारी शरीफ में जमीन का धंधा करता है. पुलिस के मुताबिक, तौसीफ का गैंग सुपारी लेकर हत्या करता है और इस मामले में भी ऐसी ही साजिश की आशंका है.
(पटना शशि भूषण का इनपुट)
—- समाप्त —-