26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को 6 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. शनिवार को उसकी पुलिस एनआईए कस्टडी खत्म हो रही है. उससे एक दिन पहले ही शुक्रवार को उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. यहां उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया गया. इससे पहले उसकी एनआईए कस्टडी 12 दिन के लिए बढ़ाई गई थी.
उसके कड़ी सुरक्षा के बीच स्पेशल एनआईए जज चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया गया था. वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी अभियोजक नरेंद्र मान ने इन चैंबर कार्यवाही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का प्रतिनिधित्व किया था. दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा तहव्वुर राणा का प्रतिनिधित्व किया था. जज ने एनआईए को हर 24 घंटे में उसकी मेडिकल जांच के लिए कहा था.
इसके साथ ही उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने की अनुमति देने, सॉफ्ट-टिप पेन का उपयोग करने और एनआईए अधिकारियों की उपस्थिति में अपने वकील से मिलने की अनुमति दी थी. कोर्ट में बहस के दौरान एनआईए ने साजिश को एक साथ जोड़ने के लिए हिरासत बढ़ानी की मांग की थी. कोर्ट बताया था कि उसको आतंकी घटना को फिर से जानने के लिए अलग-अलग स्थानों पर ले जाने की जरूर है.
26/11 के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी तहव्वुर राणा को 4 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका को खारिज करने के बाद लाया गया था. उसकी भूमिका उसके बचपन के दोस्त डेविड हेडली से पूछताछ के दौरान सामने आई. 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 10 पाक आतंकी शामिल थे.
उन्होंने अरब सागर के रास्ते मुंबई पहुंचने के बाद कई स्थानों पर समन्वित हमले किए थे. इसमें एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटल और एक यहूदी केंद्र शामिल थे. हमला करीब 60 घंटे तक चला और इसमें 166 लोगों की जान चली गई. तहव्वुर राणा पर हेडली उर्फ दाउद गिलानी, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) और पाकिस्तान के साथ हमले की साजिश रचने का आरोप है.