Indian gangsters in Canada: कपिल शर्मा के कैफे पर हमले की जिम्मेदारी लेने वाला गैंगस्टर हरजीत सिंह लाडी कनाडा में पनाह लेने वाला अकेला मुजरिम नहीं है. बल्कि ऐसे कई शातिर गैंगस्टर्स और आतंकी हैं, जिनके लिए कनाडा की धरती अब ‘सेफ हेवन’ बन चुकी है. वहां रहकर ये कुख्यात अपराधी भारत में खून-खराबा और रंगदारी वसूली जैसा धंधा चलाते हैं, लेकिन खुद हजारों किलोमीटर दूर रहकर सुरक्षित रहते हैं. टेक्नोलॉजी, वर्चुअल नेटवर्क और सोशल मीडिया के जरिए ये गैंगस्टर्स कनाडा से भारत में सुपारी किलिंग, धमकी, फिरौती और ड्रग तस्करी जैसे गंभीर जुर्म अंजाम देते हैं. भारत की एजेंसियां इन पर शिकंजा कसने की कोशिश में जुटी हैं, लेकिन कानून और सिस्टम की सीमाएं बार-बार आड़े आ जाती हैं.
गैंगस्टर्स के लिए जन्नत बना कनाडा
कभी स्टूडेंट वीजा पर कनाडा पहुंचे ये लोग आज भारत की कानून-व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं. ये सिर्फ अपराधी नहीं, बल्कि वो शातिर नेटवर्क चला रहे हैं जो सरहद पार बैठकर भारत में खून-खराबा, फिरौती, सुपारी किलिंग और ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं. कनाडा की आधुनिक टेक्नोलॉजी, ढीले कानून और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने इन्हें एक नया मोर्चा दे दिया है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग से लेकर बंबीहा ग्रुप तक, इन गैंगस्टर्स ने कनाडा को गैंगवार की डिजिटल राजधानी बना डाला है. अब ये इंस्टाग्राम पर लाइव धमकी देते हैं, बिटकॉइन में सौदे करते हैं और व्हाट्सएप कॉल से हत्या का प्लान बनाते हैं. आइए जानते हैं उन 7 खतरनाक गैंगस्टर्स के बारे में, जो कनाडा की धरती से भारत में वारदातों को अंजाम देने की साजिश रचते हैं.
गैंगस्टर नंबर-1- गोल्डी बराड़
गोल्डी बराड़ उर्फ सतविंदरजीत सिंह, श्री मुक्तसर साहिब पंजाब का रहने वाला है. उसका जन्म 1994 में पंजाब पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह के घर में हुआ था. जुर्म की दुनिया में गोल्डी की एंट्री एक हत्या के बाद हुई. उसके चचेरे भाई गुरलाल सिंह बराड़ का मर्डर हुआ. गोल्डी इसका बदला लेना चाहता था. इस हत्याकांड में यूथ कांग्रेस के नेता गुरलाल पहलवान का नाम आया तो गोल्डी बराड़ ने उसकी हत्या कर दी. इसी वारदात ने गोल्डी को मुजरिम बना दिया. अब वह जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सबसे भरोसेमंद सहयोगी है. उसने 2017 में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा का रुख किया था और वहीं से उसने सोशल मीडिया के जरिए सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. बराड़ ड्रग तस्करी, फिरौती और सुपारी किलिंग जैसे अपराधों में शामिल है. उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस जारी हो चुका है और भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है. लेकिन इसी दौरान पता चला कि गोल्डी बराड़ का नाम कनाडा की वांटेड लिस्ट से हटा दिया गया है.
गैंगस्टर नंबर- 2 – लाली तकराला
मोगा जिले का लाली तकराला अपने अलग गैंग का सरगना है, जिसने कई दूसरे गैंग्स से गठजोड़ कर रखा है. वह पंजाब में किडनैपिंग और मर्डर कई मामलों में वांछित है और गैंगवार्स का बड़ा चेहरा माना जाता है. साल 2016 से वह कनाडा में सक्रिय है और व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए अपना नेटवर्क चला रहा है. जानकारी के अनुसार, लाली फिलहाल ब्रैम्पटन शहर में रह रहा है, जहां से वह भारत में अपने गैंग को ऑपरेट करता है.
गैंगस्टर नंबर- 3 – अर्जुन रामपाल उर्फ अजय सिंह
हरियाणा के करनाल का रहने वाला अर्जुन रामपाल उर्फ अजय सिंह, लॉरेंस बिश्नोई और कौशल चौधरी जैसे खतरनाक गैंगस्टर्स से जुड़ा है. वह कनाडा से भारत के कारोबारियों को धमकी भरे कॉल करता है और फिरौती की रकम बिटकॉइन में मांगता है. साल 2019 से वह कनाडा के सरे शहर में रह रहा है और कॉलिंग ऐप्स के जरिए खुद को छिपाकर अपराध करता है. भारत सरकार ने उसे हाई रिस्क टारगेट लिस्ट में शामिल किया हुआ है.
गैंगस्टर नंबर- 4 – राजा डुबई वाला
राजविंदर सिंह उर्फ राजा डुबई वाला का नाम भारत-कनाडा-यूके रूट पर फैले अपराधों में लिया जाता है. वह ड्रग्स, हथियारों की तस्करी और नकली पासपोर्ट जैसे मामलों में शामिल है. एक पासपोर्ट फ्रॉड केस के बाद वह कनाडा भाग गया था, जहां से पाकिस्तानी नेटवर्क से भी उसका संपर्क होने की बात सामने आई है. हालांकि उसका इंटरपोल रेड नोटिस अभी पेंडिंग है, लेकिन भारत की एजेंसियां उसे लेकर सतर्क हैं.
गैंगस्टर नंबर- 5 – हरकमल सिंह उर्फ कमलबीर
जालंधर का हरकमल सिंह उर्फ कमलबीर सिंह बंबीहा गैंग से जुड़ा हुआ है. वह सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर पुलिस और विरोधी गैंग्स को धमकाता है. कनाडा के सरे और एबॉट्सफोर्ड शहर में उसके ठिकाने बताए जाते हैं. वह अक्सर लाइव आकर अपनी वारदातों को स्वीकार करता है, जिससे वह पुलिस के लिए यह खुली चुनौती बन गया है. पंजाब पुलिस को कई मामलों में उसकी तलाश है.
गैंगस्टर नंबर- 6 – सुख कनाडा वाला
सुखप्रीत सिंह उर्फ सुख कनाडा वाला, लुधियाना का निवासी है. वो लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क से जुड़ा है. वह लंबे समय से टोरंटो में रहकर भारत में टारगेट किलिंग की सुपारी देता है. फिरौती की रकम बिटकॉइन में लेता है और डार्क वेब के जरिए गैंगस्टर लाइफस्टाइल को प्रमोट करता है. सोशल मीडिया पर वह खुलेआम अपनी गतिविधियों का प्रचार करता है और युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश करता है.
गैंगस्टर नंबर- 7 – अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला
अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला भारत में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों के लिए वॉन्टेड है. वह बहुत लंबे समय से भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर है. पिछले साल कनाडा पुलिस ने एक गोलीबारी के सिलसिले में अर्श को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन दिसंबर 2024 में वहां एक अदालत ने उसे जमानत दे दी थी. अर्श डाला साल 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) संगठन का नेतृत्व कर रहा है.
हाईटेक सिस्टम, हाई रिस्क ऑपरेशन
इन सातों गैंगस्टर्स ने कनाडा में रहकर भारत में अपराध फैलाने का नया और हाईटेक तरीका विकसित किया है. वर्चुअल नंबर, व्हाट्सएप कॉल, बिटकॉइन ट्रांजेक्शन और इंस्टाग्राम लाइव जैसे टूल्स का उपयोग कर ये पुलिस की पकड़ से दूर हैं. भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह नया खतरा है, क्योंकि अपराध की दुनिया अब सीमाओं की मोहताज नहीं रही. इन गैंगस्टर्स को पकड़ना सिर्फ भारतीय कानून ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के लिए भी एक चुनौती बन चुका है.
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