GST को देश में लागू हुए आठ साल हो चुके हैं और इसके जरिए लगातार सरकारी खजाना भरता जा रहा है. इसके साथ ही एक्टिव जीएसटी टैक्सपेयर्स की संख्या में भी जोरदार इजाफा हो रहा. एक सर्वे में सामने आया है कि देश में 85 फीसदी उद्योगों ने इसे अपनी रजामंदी दे दी है और यही कारण है कि इन आठ सालों में साल-दर-साल GST Collection के आंकड़ों में उछाल आता जा रहा है. इसका अंदाजा FY2024-25 में कुल जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े को देखकर लगाया जा सकता है, जो 22 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है.
जीएसटी ने तोड़े पुराने रिकॉर्ड
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो GST Collection का वित्त वर्ष 2024-25 का आंकड़ा 22.08 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो सालाना आधार पर कलेक्शन में 9.4 फीसदी की जोरदार बढ़त को दर्शाया है. साल 2017 में लागू होने के बाद बीते आठ साल में जीएसटी कलेक्शन का ये सबसे बड़ा आंकड़ा भी है. अब तक औसत मथली जीएसटी कलेक्शन की बात करें, तो ये 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा है. बीते अप्रैल और मई महीने में इसमें ताबड़तोड़ तेजी आई थी और April GST Collection जहां 2.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि मई महीने में ये 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा था.
GST टैक्सपेयर की संख्या यहां पहुंची
देश में लागू तमाम तरह के टैक्स को खत्म करते हुए जीएसटी लागू करके टैक्स सिस्टम में सरकार की ओर से बड़ा बदलाव किया गया था. इसका असर भी देखने को मिली देश में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या इन आठ सालों में 60 लाख से बढ़कर अब करीब 1.51 करोड़ हो गई है. इसके लागू होने के बाद से राजस्व संग्रह और कर आधार विस्तार में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है. इसके साथ ही GST ने भारत की राजकोषीय स्थिति को भी लगातार मजबूत करने में अहम योगदान दिया है.
जीएसटी के भारत में कितने स्लैब
भारत में जीएसटी दरें GST Counsil द्वारा तय की जाती हैं और इसपर लिए जाने वाले फैसले में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं. फिलहाल देश में चार जीएसटी स्लैब शामिल किए गए हैं. जो कि 5%, 12%, 18% और 28% हैं. इन प्रमुख जीएसटी स्लैब के अलावा सोना, चांदी, हीरा और आभूषण पर 3%, कटे और पॉलिश्ड हीरों पर 1.5% और कच्चे हीरे पर 0.25% जीएसटी लागू है. इसके अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाई पर अलग-अलग दरें प्रभावी हैं.
5 साल में कहां से कहां पहुंचा कलेक्शन?
बीते पांच साल में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े में आए उछाल पर गौर करें, तो ये लगभग दोगुना हो चुका है. FY2020-21 में कुल संग्रह 11.37 लाख करोड़ रुपये रहा था, इससे अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर 14.83 लाख करोड़ रुपये हो गया और फिर FY2022-23 में 18.08 लाख करोड़ रहा था. इसके अलावा 2023-24 में GST Collection 20.18 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचा और अब इसने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 22 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार दिया.