मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना का रेप की बढ़ती घटनाओं पर एक बयान सामने आया है. जिस पर विवाद खड़ा हो सकता है. दरअसल डीजीपी ने रेप की बढ़ती घटनाओं के लिए इंटरनेट, नैतिक मूल्यों का पतन और मोबाइल फोन को ज़िम्मेदार बताते हुए कहा है कि ‘रेप रोक पाना अकेले पुलिस के बूते की बात नहीं’ है.
जानकारी के अनुसार संभागीय समीक्षा बैठक के लिए उज्जैन पहुंचे डीजीपी से जब रेप की बढ़ती घटनाओं पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके बहुत सारे कारण है. मेरा यह सोचना है कि इसमें इंटरनेट, मोबाइल, अश्लील सामग्री की उपलब्धता, शराब है. मोबाइल से कोई कहीं से कभी भी कनेक्ट हो रहा है. साथ ही समाज में नैतिकता की गिरावट भी हुई है.
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ऐसे में हम यह कहें कि रेप की घटनाओं को रोकना पुलिस के बूते की बात है तो वो संभव नहीं है. हम देख रहे हैं कि घर में कोई एक दूसरे के ऊपर वॉच नहीं रख पा रहा है. पहले होता था कि टीचर्स, माता-पिता की बात बच्चे मानते थे और एक आंख की शर्म रहती थी. लेकिन अब बहुत सारी सीमाएं टूट चुकी हैं.
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अश्लीलता जिस तरह से इंटरनेट से परोसी जा रही है. ऐसे में बचपन से ही बच्चों का दिमाग निश्चित रूप से कहीं न कहीं विकृत हो रहा है. यही वजह है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.