दक्षिण कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति उफान पर है. मामले की जांच के लिए सरकार ने 5 सदस्यीय SIT का गठन कर दिया है. दूसरी तरफ इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और सड़कों पर आंदोलन ने तूल पकड़ लिया है. उधर, टीएमसी में भी इस मुद्दे पर टकराव होता दिख रहा है. टीएमसी नेता मदन मित्रा के बयान पर सांसद महुआ मोइत्रा ने सवाल उठाए हैं.
शनिवार को इस मुद्दे को लेकर बीजेपी ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. सुकांता मजूमदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मजूमदार को कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान गड़ियाहाट चौराहे के पास से हिरासत में लिया और लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय ले जाया गया. उनके साथ 32 बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया. जिसे लेकर पूरी रात हंगामा होता रहा. इस बीच रविवार सुबह सुकांता मजूमदार को बंगाल पुलिस ने रिहा कर दिया.
इधर, BJP ने राज्यभर में थानों के सामने विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है. BJP के मुताबिक, आज शाम भारी संख्या में महिलाएं और पुरुष इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे.
हिरासत के बाद थाने के बाहर बवाल
इससे पहले शनिवार को सुकांता मजूमदार को हिरासत में लेने की खबर फैलते ही कोलकाता और राज्य के कई हिस्सों में बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. हावड़ा, बांकुरा, बालुरघाट समेत कई जिलों में प्रदर्शन हुए. लालबाजार थाने के बाहर बीजेपी पार्षद मीना देवी पुरोहित, साजल घोष और विजय ओझा ने धरना शुरू किया, जिन्हें बाद में पुलिस ने हटा दिया.
जमानत पर हस्ताक्षर से इनकार
इससे पहले डॉ. सुकांता मजूमदार ने पुलिस की जमानत शर्तों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, इस महीने मुझे चार बार लालबाजार लाया गया है. हर बार मुझे बेल बॉन्ड पर साइन कर छोड़ा गया, लेकिन इस बार मैंने ठान लिया है कि साइन नहीं करूंगा. अगर जरूरत पड़ी तो पूरी रात थाने में रहूंगा. अगर बंगाल की महिलाओं के लिए मुझे हजार बार गिरफ्तार होना पड़े तो मैं तैयार हूं. उन्होंने कहा कि जब राज्य की पुलिस सो रही हो तो किसी को तो जागना होगा और बीजेपी यह काम कर रही है.
‘ममता सरकार में अघोषित आपातकाल’
डॉ. मजूमदार ने कोलकाता पुलिस पर निष्पक्षता छोड़कर ममता बनर्जी की ‘निजी सेना’ बनने का आरोप लगाया. उन्होंने एक्स पर लिखा, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के अराजक शासन में अघोषित आपातकाल है. पुलिस अब विपक्ष को डराने और दबाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. चाहे जितनी बार गिरफ्तार करें, बीजेपी का हर कार्यकर्ता बंगाल की बेटियों के सम्मान के लिए लड़ेगा.
गैंगरेप मामले में अब तक क्या कार्रवाई?
घटना 25 जून की है. आरोप है कि दक्षिण कोलकाता के लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया. पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद आरोपी मनोजित मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद को गिरफ्तार किया. इसके अलावा कॉलेज के एक गार्ड को भी हिरासत में लिया गया है.
टीएमसी में भी बवाल… विवादित बयान पर महुआ नाराज
इस पूरे मामले में टीएमसी सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई का दावा किया जा रहा है, वहीं पार्टी के भीतर विवाद गहराता दिख रहा है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के बयानों ने पार्टी को असहज स्थिति में ला दिया.
मदन मित्रा ने कहा कि अगर छात्रा अपने साथ कुछ दोस्तों को ले जाती या किसी को सूचित कर देती तो यह घटना नहीं होती. इस घटना से लड़कियों को यह संदेश गया है कि अगर कॉलेज बंद होने पर कोई उन्हें बुलाता है तो मत जाइए. अगर वो लड़की वहां नहीं गई होती तो यह घटना नहीं होती. जिसने यह गंदा काम किया, उसने स्थिति का फायदा उठाया. इससे पहले सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था, अगर कोई दोस्त अपने दोस्त का रेप करता है तो सुरक्षा की गारंटी कौन देगा? क्या स्कूलों में पुलिस होगी? यह छात्रों द्वारा एक अन्य छात्रा के साथ किया गया.
इन बयानों पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भड़क गईं और खुलकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि हर पार्टी में महिलाओं से नफरत करने वाले लोग हैं. लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी ऐसे नेताओं को बर्दाश्त करने वाली नहीं है. महुआ ने एक्स पर लिखा, देश में महिला विरोध सभी राजनीतिक दलों में फैला हुआ है. जो बात टीएमसी को अलग बनाती है, वह यह है कि हम ऐसे घृणित बयानों की निंदा करते हैं- चाहे बयान देने वाला कोई भी हो.
इससे पहले टीएमसी ने आधिकारिक रूप से दोनों नेताओं के बयानों से खुद को अलग कर लिया और कहा कि यह उनके निजी विचार हैं, पार्टी इससे सहमत नहीं है. पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है. ये विचार किसी भी तरह से पार्टी की स्थिति को नहीं दर्शाते हैं.
कल्याण बनर्जी ने भी टीएमसी की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए और पूछा, क्या पार्टी अप्रत्यक्ष रूप से उन नेताओं को समर्थन दे रही है जो अपराधियों को बचा रहे हैं?
बीजेपी ने गठित की चार सदस्यीय जांच कमेटी
बीजेपी ने इस पूरे मामले पर ममता सरकार को घेरते हुए दिल्ली से चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है, जिसमें बिप्लब देव, मनन मिश्रा, सत्यपाल सिंह और मीनाक्षी लेखी शामिल हैं. ये कमेटी राज्य का दौरा करेगी और तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेगी.
बीजेपी विधायक और विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति शिक्षा विभाग से नहीं, बल्कि कालीघाट और कैमैक स्ट्रीट (मुख्यमंत्री और अभिषेक बनर्जी के दफ्तर) से होती है. उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर भी सवाल उठाए. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी सरकार की आलोचना की और कहा, बंगाल में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है. तुष्टिकरण की राजनीति के कारण यह और खराब हो गई है.
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा, पीड़िता के बयान के आधार पर घटना में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. हम देखेंगे कि जांच में क्या खुलासा होगा. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. बंगाल में ऐसी अमानवीय घटनाएं बार-बार हो रही हैं. किसी तरह ऐसी घटनाओं को दबाया जा रहा है.
बीजेपी ने निकाली रैली…
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में कोलकाता में घटना के विरोध में मार्च निकाला. हालांकि, पुलिस ने इसे रोक दिया. बीजेपी कार्यकर्ता लॉ कॉलेज तक 3 किमी लंबा विरोध मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने लॉ कॉलेज की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी. विरोध मार्च को दक्षिण कोलकाता के गरियाहाट क्रॉसिंग पर रोक दिया गया. मजूमदार और कई अन्य बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. उन्हें लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया.