ओडिशा के पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी. कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है और सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है. यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है. रथ यात्रा शाम 4 बजे से शुरू होगी. उससे पहले सुबह से विधि विधान शुरू होंगे.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के मुख्य प्रशासक अरविंद पड्ढी ने बताया, महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की कृपा से शुक्रवार को रथ यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न कराने की पूरी तैयारी हो चुकी है. हमें सेवायतों का पूरा सहयोग मिल रहा है और सभी इंतजाम मुकम्मल हैं.
तीनों भाई-बहनों भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को खींचने का कार्य सभी अनुष्ठानों के पूर्ण होने के बाद शाम 4 बजे शुरू होगा. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंच रहे हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार शाम तक करीब एक लाख लोग पुरी पहुंच चुके थे. इनमें से कुछ ने ‘नवयौवन दर्शन’ का सौभाग्य भी प्राप्त किया, जिसमें स्नान अनुष्ठान के बाद पहली बार देवताओं का दर्शन होता है. 11 जून को हुए स्नान अनुष्ठान के बाद सार्वजनिक दर्शन बंद कर दिए गए थे. मान्यता है कि स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं और उन्हें दो सप्ताह तक ‘अनासर घर’ (अलगाव कक्ष) में रखा जाता है.
क्या है आज पूरे दिन का कार्यक्रम?
ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर का सिंहद्वार खोला गया. उसके बाद भगवान जगन्नाथ को जगाया गया. पहले मंगला आरती हुई. उसके बाद रथ यात्रा की तैयारी शुरू हुई. भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा. दोपहर में भगवान को गर्भगृह से निकालकर रथ तक लाया जाएगा. रथ पर सवार होने के बाद भगवान का बड़ा श्रृंगार होगा. दोपहर ढाई बजे श्रृंगार खत्म होगा. उसके बाद ओडिशा के गजपति महाराज सोने की झाड़ू से रथ बुहारेंगे. यात्रा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. शाम 4 बजे से यात्रा के लिए रथ आगे बढ़ेंगे.
दरअसल, महाप्रभु जगन्नाथ 11 जून को देव स्नान पूर्णिमा के बाद से बीमार थे. दो हफ्ते से ज्यादा यानी 15 दिन उनका इलाज चला. इस दरम्यान महाप्रभु के दर्शन बंद थे. अब आज से दर्शन शुरू हो जाएंगे.
क्या हैं तैयारियां?
ओडिशा डीजीपी वाई बी खुरानिया ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुरी शहर को किले में तब्दील कर दिया गया है. करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी मोर्चा संभालेंगे, जिसमें 8 केंद्रीय सशस्त्र बल कंपनियां शामिल हैं.
इस साल पहली बार एक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है, जहां से पूरे उत्सव पर बारीकी से नजर रखी जाएगी. 275 से ज्यादा AI सक्षम CCTV कैमरे पुरी और कोणार्क जाने वाले मार्गों पर लगाए गए हैं. ग्रैंड रोड पर मंदिर के सामने NSG स्नाइपर्स की तैनाती भी की गई है. इसके अलावा, ड्रोन, बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वाड, मरीन पुलिस, कोस्ट गार्ड और नौसेना को भी मुस्तैद रखा गया है.
मौसम विभाग ने शुक्रवार को पुरी समेत कई जिलों में आंधी-तूफान और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई है.
श्रद्धालुओं के परिवहन के लिए भारतीय रेल 365 विशेष ट्रेनें चला रही हैं. ओडिशा सरकार ने करीब 800 बसें विभिन्न जिलों से चलाई हैं.
अहमदाबाद में रथ यात्रा की क्या तैयारियां?
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में शुक्रवार को निकलने वाली 148वीं जगन्नाथ रथ यात्रा में करीब 23,884 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. खास बात यह है कि पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं को रोका जा सके.
AI आधारित सॉफ़्टवेयर को सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से लाइव फीड मिलेगी, जिसे वह विश्लेषित करके भीड़ की स्थिति, संख्या और संभावित जोखिम की जानकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष को देगा. यह प्रणाली भीड़भाड़, आग और अन्य आपात स्थितियों में तुरंत सूचना देगी.
यात्रा मार्ग पर GPS ट्रैकिंग सिस्टम से सजी वाहनों की निगरानी की जाएगी. यात्रा के दौरान 4500 पुलिसकर्मी यात्रा के साथ चलेंगे और 1931 ट्रैफिक पुलिसकर्मी मार्ग व्यवस्थित करेंगे. सुरक्षा व्यवस्था में स्थानीय पुलिस, राज्य रिजर्व पुलिस (SRP), चेतक कमांडो, और रैपिड एक्शन फोर्स को शामिल किया गया है. 2872 बॉडी कैमरों, 41 ड्रोन, और 96 निगरानी कैमरों के साथ 25 वॉच टावर बनाए गए हैं.
400 साल पुराने जमालपुर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर से यात्रा शुरू होगी और शाम 8 बजे मंदिर लौटेगी. परंपरानुसार खलासी समुदाय रथ खींचेगा. यात्रा में 18 हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़े शामिल होंगे.
बंगाल में भी रथ यात्रा की खास तैयारियां
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दीघा स्थित नवनिर्मित श्रीजगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की. दिघा-शंकरपुर विकास प्राधिकरण (DSDA), पुलिस और इस्कॉन साधुओं के साथ हाई लेवल मीटिंग के बाद उन्होंने तीनों रथों और 1 किमी यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया.
पूरे शहर को चंदननगर के कलाकारों द्वारा निर्मित मंदिर-थीम वाले कटआउट और रोशनी से सजाया गया है. कोलकाता से दीघा तक 180 किमी के रास्ते पर भगवा झंडे और बैनर लगे हैं. अभी तक 30 लाख श्रद्धालु मंदिर दर्शन कर चुके हैं. रथ यात्रा में भी लाखों की भीड़ आने की संभावना है. इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास के अनुसार, मुख्यमंत्री 27 जून को रथ खींचने में हिस्सा लेंगी.
ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा कि तीनों रथ शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे निकाले जाएंगे और 4 बजे तक यात्रा पूरी हो जाएगी. पूजा गुरुवार शाम से शुरू होगी और रथ खींचने की तैयारी शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से शुरू होगी.
इस बार सुरक्षा के मद्देनजर श्रद्धालुओं को रथ की रस्सी खींचने के लिए सड़क पर उतरने की अनुमति नहीं होगी. लोग बैरिकेड्स के पीछे से रस्सी को छू सकेंगे.