भारत के लिए गर्व का पल आ रहा है, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं. वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान कार्यक्रम और ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे.
आइए, उनके इस ऐतिहासिक मिशन के 10 प्रमुख बिंदुओं को जानते हैं…
मिशन की स्पेशल कवरेज यहां देखें
1. भारत का दूसरा अंतरिक्ष यात्री
शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो अंतरिक्ष में जाएंगे. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के मिशन में हिस्सा लिया था.
2. ऐक्सिओम मिशन-4 का हिस्सा
शुभांशु ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के पायलट होंगे, जो एक निजी अंतरिक्ष मिशन है. यह मिशन नासा, इसरो और स्पेसएक्स के सहयोग से 25 जून 2025 में लॉन्च होगा.
3. ISS पर पहला भारतीय
यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाएगा. शुभांशु 14 दिन तक ISS पर रहेंगे और विभिन्न प्रयोग करेंगे.
4. प्रशिक्षण और अनुभव
शुभांशु भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट हैं. उनके पास सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक और अन्य विमानों में3000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है. उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लिया है.
5. वैज्ञानिक प्रयोग
शुभांशु ISS पर 7 भारतीय और 5 नासा के साथ मिलकर प्रयोग करेंगे. इनमें अंतरिक्ष में मूंग और मेथी जैसी फसलों को उगाने और मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव को समझने जैसे प्रयोग शामिल हैं.
6. भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन
वह अंतरिक्ष में योग करेंगे. भारत की सांस्कृतिक वस्तुएं जैसे भारतीय मिठाइयां और एक खिलौना हंस (जॉय) ले जाएंगे, जो शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरकर मिशन का प्रतीक होगा.
7. लॉन्च और तकनीकी विवरण
मिशन 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए लॉन्च होगा. यह मिशन मौसम और तकनीकी कारणों से 7 बार स्थगित हो चुका है.
8. अंतरराष्ट्रीय सहयोग
इस मिशन में भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. यह मिशन इन देशों के लिए 40 साल बाद पहला सरकारी अंतरिक्ष मिशन है.
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9. गगनयान मिशन की तैयारी
Ax-4 मिशन का अनुभव भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए महत्वपूर्ण होगा. गगनयान 2026 में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाएगा.
10. प्रेरणा और शिक्षा
शुभांशु ISS से भारतीय छात्रों के साथ लाइव बातचीत करेंगे ताकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में उनकी रुचि बढ़े. वह अपनी यात्रा की तस्वीरें और वीडियो भी साझा करेंगे, जो 1.4 अरब भारतीयों के लिए प्रेरणा होगी.