ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले भीषण संघर्ष के बाद मंगलवार सुबह अमेरिकी मध्यस्थता में हुए सीजफायर के साथ जंग का अंत हुआ. इस युद्ध ने दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचाया, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रही इजरायल में हुई संपत्ति की तबाही. इस बीच ईरान से लेकर इजरायल तक में अमेरिका के खिलाफ मिसाइल हमलों का जीत के रूप में जश्न मनाया जा रहा है, और यहां तक कि बेरूत में खामेनेई के आगे ट्रंप को घुटनों पर बैठे दिखाते हुए पोस्टर लगा दिया गया है.
मसलन, लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहीयेह में ईरान की ‘जीत’ का जश्न मनाया जा रहा है. सड़कों पर बैनर लगाए गए, जिनमें लिखा था कि ईरान ने इजरायल को युद्ध में पछाड़ दिया. यह क्षेत्र हिज़्बुल्लाह का गढ़ माना जाता है और वहां ईरान समर्थक भावनाएं काफी मजबूत हैं.
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संपत्तियों के नुकसान का आंकड़ा 50,000 के पार जा सकता है!
इजरायल के टैक्स अथॉरिटी के मुआवजा विभाग ने जानकारी दी है कि इस बार ईरानी मिसाइल और ड्रोन हमलों से संपत्ति को जितना नुकसान हुआ है. वह 7 अक्टूबर 2023 से अब तक हमास, हिज्बुल्लाह और हूथियों के हमलों से हुए कुल नुकसान से दोगुना है. अब तक 40,000 से अधिक लोग मुआवजे के दावे दर्ज करा चुके हैं और यह आंकड़ा 50,000 के पार जा सकता है. इनमें कई फैक्ट्रियां भी शामिल हैं, जो अब भी नुकसान का आकलन कर रही हैं.
ईरान ने इजरायल पर दागीं 500 से ज्यादा मिसाइलें
इजरायल के मुताबिक, ईरान ने इस युद्ध के दौरान 550 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इनमें सिर्फ 31 मिसाइलें आबादी वाले इलाकों में गिरीं, जबकि लगभग 1,000 ड्रोन में से सिर्फ एक ही ड्रोन ने इजरायल के शहरों में एक घर को निशाना बनाया. इसके अलावा, मिसाइल और इंटरसेप्टर से निकले शार्पनेल ने कई जगहों पर नुकसान पहुंचाया.
मुआवजे की संभावित राशि लगभग 5 अरब न्यू शेकेल (1.47 अरब डॉलर) आंकी गई है. यह इस बात को दर्शाता है कि कितनी ताकतवर और विनाशकारी थीं वे गिनी-चुनी मिसाइलें, जो इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को भेद सकीं. इनमें लगे भारी विस्फोटक वारहेड्स ने बड़े-बड़े अपार्टमेंट को जमींदोज कर दिया और आसपास के इलाकों में खिड़कियों और दीवारों तक को तोड़ डाला.
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ईरान नहीं बनाना चाहता परमाणु बम!
ईरान के राष्ट्रपति ने बयान दिया कि उनका देश अब भी मसले को बातचीत से हल करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता, लेकिन अपने वैध अधिकारों की रक्षा जरूर करेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और इजरायल अपनी जबरदस्ती की नीतियों से ईरान पर कुछ भी थोप नहीं सकते.
इस युद्ध में ईरान भले ही भारी नुकसान झेल चुका हो, लेकिन उसने यह भी दर्शाया कि उसकी मिसाइल क्षमता और हिम्मत अब भी कायम है. वहीं, इजरायल की डिफेंस सिस्टम ‘आयरन डोम’ पर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि इतने कड़े बचाव के बावजूद मिसाइलें शहरों में तबाही मचा पाईं.