दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर मंगलवार सुबह गोलियों की गूंज के साथ एक खूंखार अपराधी का अंत हो गया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और हरियाणा एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में 3 लाख रुपए के इनामी बदमाश रोमिल वोहरा को मुठभेड़ में मार गिराया गया. संगठित अपराधों, फिरौती, लूट और हत्या की वारदातों में लिप्त इस अपराधी का आपराधिक इतिहास महज 20 साल की उम्र में खत्म हो गया.
तीन राउंड फायरिंग में खत्म हुआ खेल
जानकारी के मुताबिक, ये मुठभेड़ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के प्रेम बाड़ी पुल के पास हुई. वहां पुलिस की टीम ने रोमिल वोहरा को घेर लिया. दोनों ओर से तीन से चार राउंड गोलियां चलीं. दिल्ली पुलिस के एसआई प्रवीण और हरियाणा पुलिस के एसआई रोहन मुठभेड़ में घायल हुए. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.जवाबी फायरिंग में रोमिल को गोली लगी. उसे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
8 महीनों में 4 कत्ल और 9 मुकदमें
अशोक विहार (यमुनानगर) निवासी रोमिल वोहरा का नाम पिछले कुछ महीनों में अपराध की दुनिया में तेजी से उभरा था. खेड़ी लखा सिंह तिहरा हत्याकांड, कुरुक्षेत्र में शराब कारोबारी शांतनु की हत्या, फिरौती और लूट के कई केस और अवैध हथियारों की तस्करी उसकी लंबी आपराधिक फेहरिस्त में शामिल थे. पुलिस के मुताबिक, रोमिल के खिलाफ 9 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें 7 हरियाणा, 1 मोहाली और 1 दिल्ली से जुड़े हैं.
गैंगस्टर राणा का शूटर था रोमिल
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि रोमिल, कुख्यात गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा का भरोसेमंद शूटर था. राणा को हाल ही में बैंकॉक से भारत लाया गया था, जबकि उसका भाई सूर्य प्रताप उर्फ नोनी राणा अभी भी विदेश में छिपा है. पुलिस को शक था कि रोमिल वोहरा दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में था. इसी इनपुट पर जाल बिछाया गया और उसका अंत कर दिया गया.
अकेलेपन ने बनाया था अपराधी
सूत्रों के मुताबिक, रोमिल का पारिवारिक जीवन भी बेहद बिखरा हुआ था. उसके पिता कपिल किसी आपराधिक मामले में जेल में बंद हैं. मां और बेटा परिवार में अकेले थे. सिर्फ 10वीं तक पढ़ा रोमिल बहुत जल्द जरायम की दुनिया में प्रवेश कर गया. नशे, पैसे और तेजी से ऊपर चढ़ने की चाह में उसने अपराध की राह पकड़ी. छोटी उम्र में ही वह गैंगवार और कत्ल जैसे जघन्य अपराधों का हिस्सा बनने लगा.
यमुनानगर से मोहाली तक दहशत
हरियाणा, मोहाली और दिल्ली के पुलिस रिकॉर्ड्स में रोमिल वोहरा का नाम खौफ के पर्याय के रूप में दर्ज था. वह अकेला नहीं, बल्कि गैंग बनाकर वारदातें अंजाम देता था. उसके निशाने पर अमूमन वही लोग होते जो जमीन, कारोबार या फिर पैसे की वजह से किसी दुश्मनी में फंसे होते. लेकिन उसकी काली करतूतों से उसके पाप का घड़ा भर चुका था. यही वजह है कि महज 20 साल की उम्र में मारा गया.
रोमिल वोहरा के खिलाफ दर्ज केस…
गांधी नगर, यमुनानगर: फर्जी दस्तावेज, हत्या की साजिश, अवैध हथियार.
रादौर, यमुनानगर: संगठित अपराध, लूट और हत्या का प्रयास.
जगाधरी, यमुनानगर: हथियार रखने और साजिश रचने का केस.
छप्पर, यमुनानगर: लापरवाही से हथियार चलाना, गंभीर चोट पहुंचाना.
शाहबाद, कुरुक्षेत्र: शांतनु मर्डर केस, गैंगस्टर एक्ट.
बिलासपुर, यमुनानगर: गैंग से जुड़कर हथियार की योजना.
मटौर, मोहाली: गैंगवार, लूट और हत्या का प्रयास.
शाहबाद, कुरुक्षेत्र: फिर से हत्या के प्रयास का मामला.