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    दो युद्ध और 6 कनफ्लिक्ट जोन… जंग में तबाही के बीच बच्चों की दुर्दशा पर UN की रिपोर्ट क्या कुछ कहती है

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    रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन से ज्यादा साल हो चुके हैं, लेकिन यह लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही. इसी तरह इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध में भी हजारों लोगों की जान चली गई और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. लेकिन दुनिया में चल रहे युद्धों से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को हो रहा है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इस बात की विस्तृत जानकारी दी गई है.

    गाजा-हैती में बुरे हालात

    रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल कई संघर्षों में बच्चों के खिलाफ हिंसा उच्च स्तर पर पहुंच गई है. बच्चों के खिलाफ हिंसा के सबसे ज्यादा मामले 6 कंफ्लिक्ट जोन से सामने आए हैं, इनमें गाजा और वेस्ट बैंक, कांगो, सोमालिया, नाइजीरिया और हैती जैसे इलाके शामिल हैं. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की सैन्य संघर्ष में बच्चों पर वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2024 में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन में 25 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई है, जबकि साल 2023 में इन घटनाओं में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.

    गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों के खिलाफ 41,370 उल्लंघनों की पहचान की है, जिनमें से 36,221 साल 2024 में किए गए थे. बाकी 5,149 पहले किए गए थे, लेकिन इनकी पुष्टि पिछले साल हुई. इन उल्लंघन में बच्चों की हत्या, उन्हें अपाहिज बनाना, भर्ती करना, उनका अपहरण करना, उनके खिलाफ यौन हिंसा, स्कूलों और अस्पतालों पर हमला करना और उनको मानवीय सहायता तक पहुंच से दूर करना शामिल है.

    ब्लैक लिस्ट में इजरायली सेना
     
    इस साल दूसरी बार इजरायली सेना को ब्लैक लिस्ट में रखा गया है, क्योंकि सेना की तरफ से 7,188 गंभीर उल्लंघन किए गए हैं, जिसमें गाजा में 1,259 फिलिस्तीनी बच्चों की हत्या और 941 अन्य को घायल करना शामिल है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि उसके पास सख्त मानदंड हैं और सत्यापन प्रक्रिया अभी भी जारी है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट की तुलना में बहुत ज्यादा आंकड़े बताए हैं.

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    गुटेरेस ने कहा कि वह कब्जे वाले फिलिस्तीनी इलाके और इजरायल में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन के बढ़ते मामलों से हैरान हैं और उल्लंघनों में बढ़ोतरी, विशेष रूप से इजरायली फोर्स की तरफ से मारे गए बच्चों की बड़ी संख्या से चिंतित हैं. उन्होंने इजरायल से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और स्कूलों-अस्पतालों के लिए सुरक्षा के साथ बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करने, हमलों में लड़ाकों और नागरिकों के बीच अंतर करने, नागरिकों को अत्यधिक नुकसान से बचाने की जरूरतों का पालन करने को कहा है. रिपोर्ट में हमास को भी ब्लैक लिस्ट में रखा गया है.

    गाजा के एक कैंप के भीतर खाना खाते बच्चे (AP)

    यूएन की रिपोर्ट में रूसी सशस्त्र बल भी लगातार तीसरे साल ब्लैक लिस्टेड हैं, जिसमें महासचिव ने दावा किया है कि यूक्रेन में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक रूसी फोर्स 94 यूक्रेनी बच्चों की हत्या, 577 अन्य को घायल करने, स्कूलों पर 559 हमले और अस्पतालों पर 303 हमलों के लिए जिम्मेदार है.

    बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा

    संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल कांगो में 3,418 बच्चों के खिलाफ 4,043 गंभीर उल्लंघन, सोमालिया में 1,992 बच्चों के खिलाफ 2,568 उल्लंघन, नाइजीरिया में 1,037 बच्चों के खिलाफ 2,436 गंभीर उल्लंघन और हैती में 1,373 बच्चों के खिलाफ 2,269 गंभीर उल्लंघन की जानकारी दी है. गुटेरेस ने 2024 में बच्चों के बीच यौन हिंसा के बढ़ते मामलों पर भी चिंता जताई है. इनमें विशेष रूप से गिरोह में भर्ती और इस्तेमाल, यौन हिंसा, अपहरण और मानवीय सहायता से इनकार की घटनाएं शामिल हैं.

    ये भी पढ़ें: ताकतवर देशों में भी बच्चों की मेंटल हेल्थ खराब कर देते हैं युद्ध जैसे हालात, इन स्टडीज से समझि‍ए

    रिपोर्ट के मुताबिक यौन हिंसा में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है और कहा गया है कि यह संख्या बहुत कम बताई गई है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, लड़कियों को भर्ती और इस्तेमाल के साथ उन्हें सेक्सुअल स्लेवरी के मकसद से अगवा किया गया था.

    रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 22,495 बच्चे हिंसा से प्रभावित हुए, जिनमें से करीब 50 प्रतिशत के लिए आर्म्ड फोर्स जिम्मेदार हैं और सरकारी बल बच्चों की हत्या और उन्हें अपाहिज बनाने, स्कूल पर हमले करने और मानवीय सहायता न देने के मुख्य अपराधी हैं. रिपोर्ट में कई उल्लंघनों के शिकार बच्चों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह संख्या 2023 में 2,684 से बढ़कर 2024 में 3,137 हो गई.



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