More
    HomeHome'बंकर-बस्टर्स बमों की रेंज 65 मीटर, परमाणु ठिकाने जमीन के 100 मीटर...

    ‘बंकर-बस्टर्स बमों की रेंज 65 मीटर, परमाणु ठिकाने जमीन के 100 मीटर नीचे’, अमेरिकी हमले में ईरान को कितना नुकसान?

    Published on

    spot_img


    चीन के आधिकारिक मीडिया ने रविवार को ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी बम हमलों की आलोचना की, जबकि यहां के विशेषज्ञों ने कहा कि हमलों में इस्तेमाल किए गए बंकर-बस्टर बम ईरान के भूमिगत परमाणु संयंत्रों को नष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते. अमेरिका ने रविवार की सुबह ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज परमाणु प्रतिष्ठानों पर बम गिराए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सेना ने तीन परमाणु केंद्रों पर बहुत सफल हमला किया है. 

    ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों में अमेरिकी बी2 स्टील्थ बॉम्बर्स शामिल थे. चीन ने शनिवार को युद्ध रोकने के लिए ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम का आह्वान किया था. उसने अभी तक अमेरिकी हवाई हमलों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी है. चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली के एक संपादकीय में कहा गया कि ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर अमेरिका के एकतरफा सैन्य हमले एक लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है, जो संघर्ष को और बढ़ाएगा. इसमें कहा गया है कि इस तरह की एकतरफा कार्रवाई नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करती है और हमलों ने स्थिति को और अधिक खराब कर दिया है.

    यह भी पढ़ें: ‘ईरान को न्यूक्लियर हथियार देने को कई देश तैयार’, रूसी नेता का सनसनीखेज दावा, अमेरिकी हमले को बताया नाकाम

    अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को कितना नुकसान?

    चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी सैन्य अभियान की वास्तविक प्रभावशीलता अब भी अस्पष्ट है, तथा हो सकता है कि ये हमले ईरान की भूमिगत परमाणु सुविधाओं को पूरी तरह नष्ट करने के लिए पर्याप्त न हों. चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के असिस्टेंट रिसर्च फेलो ली जिक्सिन ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि फोर्डो का परमाणु संयंत्र जमीन से लगभग 100 मीटर नीचे स्थित है, जिससे इसे एक या दो हमलों से पूरी तरह नष्ट करना बहुत कठिन है, यहां तक ​​कि बंकर-बस्टर बमों का उपयोग करके भी ऐसा नहीं किया जा सकता है. सैन्य मामलों के विशेषज्ञ झांग जुनशे ने भी इसी प्रकार का विचार व्यक्त किया. 

    यह भी पढ़ें: ईरान-इजराइल युद्ध: हाइफा में 1000 किलो वॉरहेड मिसाइल हमला, सायरन फेल होने से हड़कंप

    झांग जुनशे ने कहा कि अमेरिकी हमलों की पहली लहर ईरान की भूमिगत परमाणु सुविधाओं को नष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं रही होगी. उदाहरण के लिए, फोर्डो साइट ठोस चट्टान के 90 मीटर नीचे स्थित है, जो इसे अत्यधिक प्रतिरोधी बनाता है. जबकि इजरायल इसे एक प्रमुख टारगेट के रूप में देखता है और उसके पास इस पर प्रभावी ढंग से हमला करने के साधन नहीं हैं. झांग ने कहा कि अमेरिका ने 30,000 पाउंड के जीबीयू-57 बंकर बस्टर्स से लैस बी-2 बमवर्षक विमानों से ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले किए, जिनके बारे में माना जाता है कि वे केवल 65 मीटर तक ही घुस सकते हैं. उन्होंने कहा कि लगातार दो जीबीयू-57 बंकर बस्टर्स बमों का प्रयोग करके फोर्डो जैसे परमाणु संयंत्र को क्षति पहुंचाई जा सकती है. लेकिन इस रणनीति का कभी सार्वजनिक रूप से परीक्षण नहीं किया गया है, इसलिए अमेरिका के प्रारंभिक हमले की सफलता अनिश्चित बनी हुई है.

    यह भी पढ़ें: ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमले के बाद रेडिएशन लीक का कितना खतरा? एक्सपर्ट ने समझाया

    ईरानी अधिकारी का दावा- हमें हमले में कोई बड़ा झटका नहीं लगा

    ईरानी अधिकारी द्वारा बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू का उल्लेख करते हुए कि ‘ईरान को कोई बड़ा झटका नहीं लगा, क्योंकि सामग्री पहले ही निकाल ली गई थी’, झांग जुनशे ने कहा, ‘इससे यह और स्पष्ट हो जाता है कि अमेरिकी सेना के लिए ईरान की परमाणु सामग्री को पूरी तरह से नष्ट करना कितना कठिन है.’ उन्होंने कहा कि भले ही पहले हमले में फोर्डो सुविधा पूरी तरह नष्ट हो गई हो या नहीं, यह स्पष्ट है कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है. बंकर-बस्टर्स बमों से लैस बी-2 बॉम्बर विमान, इजरायल के एफ-15, एफ-16 और एफ-35 लड़ाकू विमानों द्वारा ले जाए जाने वाले बमों और मिसाइलों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं.

    यह भी पढ़ें: US के हमले के बाद भड़के ईरान के विदेश मंत्री, कहा- अमेरिका ने रेड लाइन क्रॉस की, कल पुतिन से मिलूंगा

    झांग ने कहा, ‘इसलिए, अमेरिका द्वारा पहुंचाई गई क्षति निस्संदेह इजरायल द्वारा पहुंचाई गई क्षति से कहीं अधिक है. इस पृष्ठभूमि में, ईरान अपनी परमाणु सुविधाओं को सुरक्षित रख पाएगा या नहीं, यह अनिश्चित बना हुआ है.’ ली जिक्सिन ने कहा कि इससे पता चलता है कि ईरान पर अमेरिका का हमला एक बार का ऑपरेशन नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘आने वाले दिनों में अमेरिका ईरान के प्रमुख ठिकानों पर अपने हमलों को और बढ़ा सकता है.’ साथ ही ली जिक्सिन ने कहा कि कोई भी पक्ष नहीं चाहता कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए. इसलिए, अमेरिकी हमले सीमित दायरे में ही रहने की संभावना है. अमेरिका ईरान के अन्य बुनियादी ढांचे पर बड़े पैमाने पर हमले करने के बजाय मुख्य रूप से विशिष्ट परमाणु स्थलों पर ही ध्यान केंद्रित करेगा.



    Source link

    Latest articles

    “Don’t try to provoke us” Pawan Kalyan calls for Hindu unity at Murugan Conference

    Andhra Pradesh Deputy Chief Minister Pawan Kalyan has issued a strong statement during...

    Regime change? Trump says it’s inevitable if leaders fail to make Iran great again

    A day after striking Iran's nuclear facilities, US President Donald Trump questioned whether...

    How Taylor Swift’s bodyguard let Travis Kelce take the lead on NYC date night

    Taylor Swift’s bodyguard stepped aside and let Travis Kelce take the lead on...

    Ice Spice Goes Full Bikini Bottom in Jeremy Scott-Era Moschino Platforms at Nickelodeon’s Kids’ Choice Awards

    Ice Spice brought Bikini Bottom to the Kids’ Choice Awards stage on Saturday,...

    More like this

    “Don’t try to provoke us” Pawan Kalyan calls for Hindu unity at Murugan Conference

    Andhra Pradesh Deputy Chief Minister Pawan Kalyan has issued a strong statement during...

    Regime change? Trump says it’s inevitable if leaders fail to make Iran great again

    A day after striking Iran's nuclear facilities, US President Donald Trump questioned whether...

    How Taylor Swift’s bodyguard let Travis Kelce take the lead on NYC date night

    Taylor Swift’s bodyguard stepped aside and let Travis Kelce take the lead on...