More
    HomeHome'चुप रहना विकल्प नहीं... कुछ न किया तो सब पछताएंगे', इजरायल के...

    ‘चुप रहना विकल्प नहीं… कुछ न किया तो सब पछताएंगे’, इजरायल के साथ जंग पर UNHRC में बोले ईरान के विदेश मंत्री

    Published on

    spot_img


    इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध का आज 9वां दिन है. इस बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने इजरायल पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ‘यह जंग नाजायज है और हम पर जबरन थोपी गई है’. अब्बास अरागची ने अपने भाषण में ईरान को एक शांति पसंद देश बताया और कहा कि ईरान ने मानव सभ्यता, संस्कृति और नैतिकता में अहम योगदान दिया है. 

    अरागची ने कहा, ‘आज यह 10 करोड़ की आबादी वाला देश एक बड़े हमले का शिकार है. ये हमला उस शासन की ओर से किया जा रहा है जो पिछले दो साल से फिलिस्तीन में भयानक नरसंहार कर रहा है और अपने पड़ोसी देशों की जमीनों पर कब्जा जमाए हुए है. मैं आप सभी को आपकी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी याद दिलाना चाहता हूं. मानवाधिकार परिषद के हर सदस्य और पर्यवेक्षक देश को इस गंभीर अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए.’

    यह भी पढ़ें: इजरायल से संघर्ष के बीच ईरान में भूकंप के दो झटकों से दहशत, क्या परमाणु गतिविधियों से है इसका संबंध?
     
    ‘हम पर जबरदस्ती थोपी गई जंग’

    उन्होंने कहा, ‘इजरायल ने ईरान पर बिना किसी कारण के हमला किया है, जो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का खुला उल्लंघन है और इस परिषद के सिद्धांतों के खिलाफ है. यह एक नाजायज और जबरदस्ती थोपी गई जंग है, जो 13 जून शुक्रवार की सुबह से शुरू हुई. इजरायल ने हमारे सैनिकों, विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और आम लोगों पर हमला किया. हमारे सैंकड़ों नागरिक मारे गए या घायल हुए. इजरायल ने रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और सार्वजनिक ढांचे पर हमले किए. हमारी शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं को भी निशाना बनाया गया, जबकि ये IAEA की निगरानी में हैं और इन पर हमला करना अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार पूरी तरह प्रतिबंधित है. इन पर हमला एक गंभीर युद्ध अपराध है और इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक रेडियोधर्मी रिसाव हो सकता है.’
     
    ‘युद्ध को सही ठहराने वाला भी भागीदार’
     
    अरागची ने कहा, ‘ईरान, जो संयुक्त राष्ट्र का एक संस्थापक सदस्य है, उम्मीद करता है कि आप सभी न्याय, कानून और मानवता के मूल सिद्धांतों के पक्ष में खड़े होंगे. हम पर बहुत ही बेरहम हमला हुआ है. यह बात बिल्कुल साफ है और इसे इजरायल या उसके समर्थकों की ओर से गलत तरीके से पेश नहीं किया जाना चाहिए. इजरायल की ये आक्रामकता किसी भी कानून या नैतिकता के हिसाब से सही नहीं ठहराई जा सकती. अगर कोई इसे सही ठहराता है, तो वह भी इस अन्याय में भागीदार माना जाएगा. ईरान अपने ऊपर हुए इस बर्बर हमले के खिलाफ आत्मरक्षा कर रहा है. हम अपने देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. यह हमारा मूल अधिकार है, जिसे चार्टर के अनुच्छेद 51 में भी स्वीकार किया गया है.’
     
    ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, ‘शांति और कानून की रक्षा अब खतरे में है क्योंकि इजरायल ने ईरान पर गैरकानूनी हमला किया है. इजरायल युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, जिसे पहले ही फिलिस्तीन में इजरायल के अत्याचारों ने कमजोर कर दिया है, अब और गंभीर खतरे में है क्योंकि इजरायल 1949 के जिनेवा समझौतों का उल्लंघन कर रहा है. स्विट्जरलैंड जिनेवा समझौतों का संरक्षक है और उसकी इस मामले में अहम जिम्मेदारी है. हर वह देश जो 1949 समझौतों का पक्षकार है, उसे खासकर उनके सामान्य अनुच्छेद 1 और 3 के तहत अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.’

    यह भी पढ़ें: हिट लिस्ट बनाई, कमांड दिया और गेम फिनिश होने लगा ईरानी न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स का… मोसाद का ‘ऑपरेशन नार्निया’

    ‘हमला तब हुआ जब हम एक राजनयिक प्रक्रिया में थे’

    उन्होंने बताया, ‘हम पर उस समय हमला किया गया जब हम एक राजनयिक प्रक्रिया में थे. 15 जून को हमारी अमेरिका के साथ एक अहम बैठक तय थी, ताकि हमारे परमाणु कार्यक्रम पर बने विवादों का शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके. इजरायल ने हमला करके कूटनीति के साथ धोखा किया है और अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई है. मैं साफ कहना चाहता हूं कि अगर पिछले 80 वर्षों में हमने जो संस्थाएं और प्रणाली बनाई हैं ताकि मानवाधिकार और गरिमा को सुरक्षित रखा जा सके, तो अब समय है उनका उपयोग करने का. अब हमें कार्रवाई करनी होगी. चुप रहना या कुछ न करना विकल्प नहीं हो सकता. अगर हमने कुछ नहीं किया, तो बाद में पछताना पड़ेगा. इस युद्ध के असर सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रहेंगे, पूरा क्षेत्र और उससे आगे की दुनिया प्रभावित होगी.’

    अब्बास अरागची ने कहा, ‘इससे भी बड़ी बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र पर आधारित पूरी अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था खतरे में पड़ जाएगी. यह मानव सभ्यता के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जब एक सभ्य देश पर अन्यायपूर्ण युद्ध थोपा गया है. दुनिया के हर देश, हर संयुक्त राष्ट्र संस्था और तंत्र को जागरूक होना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए- आक्रमणकारी को रोकने के लिए, सजा से बचने की संस्कृति को खत्म करने के लिए और अपराधियों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह बनाने के लिए.’



    Source link

    Latest articles

    Crocs Beats Q2 Expectations, But Remains Cautious on Q3

    Both the Crocs and Hey Dude brands gave Crocs Inc. something to brag...

    Lauren Sánchez awkwardly dances with stiff Jeff Bezos in Ibiza nightclub

    Dancing to her own tune. Lauren Sánchez awkwardly danced in front of her stiff...

    More like this

    Crocs Beats Q2 Expectations, But Remains Cautious on Q3

    Both the Crocs and Hey Dude brands gave Crocs Inc. something to brag...

    Lauren Sánchez awkwardly dances with stiff Jeff Bezos in Ibiza nightclub

    Dancing to her own tune. Lauren Sánchez awkwardly danced in front of her stiff...