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    Raja Raghuvanshi Case: महिलाएं क्यों कर रही हैं जघन्य अपराध? समझ‍िए इसके पीछे की मनोवैज्ञानिक-सामाजिक वजहें

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    आजकल भारत में ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जहां महिलाएं प्यार के नाम पर बड़े अपराध कर रही हैं. फिलहाल चर्चा में सोनम रघुवंशी है जिसने हनीमून के दौरान अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश रची. इससे पहले मेरठ का नीला ड्रम कांड भी काफी चर्चित रहा था. ये घटनाएं न केवल हैरान करती हैं, बल्कि ये सवाल भी उठाती हैं कि आखिर क्यों कुछ महिलाएं प्रेम के नाम पर इतने घातक कदम उठा रही हैं.

    जिस तरह इंदौर की सोनम रघुवंशी ने अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश रची, वो समाज में संगीन जुर्म के ख‍िलाफ महिलाओं के लिए बनी तमाम धारणाओं को तोड़ता है. वो शादी करके हनीमून के दौरान मेघालय में पति की हत्या में शामिल हुई. पुलिस का कहना है कि सोनम का अपने प्रेमी राज कुशवाह के साथ संबंध था, इसलिए उसने अपने पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई.

    मेरठ का सौरभ हत्याकांड

    इसी तरह, मेरठ के सौरभ हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इसी साल 3 मार्च को मुस्कान रस्तोगी ने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी थी. और हत्या के बाद शव के टुकड़े कर नीले ड्रम में डालकर सीमेंट से जमा दिया था.

    हत्या कर शव के पास रखा सांप

    अप्रैल में ही मेरठ के एक गांव से चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जिसमें अमित नाम के युवक की उसकी पत्नी रविता ने प्रेमी अमरदीप संग मिलकर हत्या कर दी थी और हत्या को हादसा साबित करने के लिए शव के पास सांप रख दिया था.

    प्रेमी संग मिलकर घोंट दिया गला

    11 मार्च को आगरा में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की गला घोंटकर हत्या कर दी थी. फिर शव को ऑटो में रखकर 65 किलोमीटर दूर मथुरा जिले में फेंक आई. पति को अपनी पत्नी के प्रेम संबंघ की भनक लग गई थी इसलिए पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति को रास्ते से हटा दिया.

    ये घटनाएं दिखाती हैं कि प्यार के नाम पर अपराध अब सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं हैं, महिलाएं भी ऐसे मामलों में शामिल हो रही हैं.

    महिलाएं क्यों कर रही हैं जघन्य अपराध?

    अब तक अपराध को पुरुष-प्रधान गतिविधि माना जाता रहा है, और महिलाओं को अक्सर पीड़ित के रूप में देखा जाता है. हालांकि, पिछले कुछ सालों में महिलाओं द्वारा किए गए अपराधों, खासकर प्रेम प्रसंग से जुड़े अपराधों में वृद्धि देखी गई है. NCRB के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हत्या और हिंसक अपराधों में महिलाओं की भागीदारी, हालांकि अभी भी कम है, लेकिन बढ़ रही है. ये बदलाव कई सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारकों का परिणाम हो सकता है. आइए जानते हैं कैसे-

    मनोवैज्ञानिक कारण

    प्रेम प्रसंग से प्रेरित अपराधों में भावनात्मक अस्थिरता और जुनून बड़ी भूमिका निभाते हैं. मनोवैज्ञानिक डोरोथी टेनोव के अनुसार, Limerence यानी प्रेम में गहरा जुनून, लोगों को तर्कहीन और हिंसक कदम उठाने के लिए उकसा सकता है. ईर्ष्या या प्रेमी को खोने का डर भी हिंसा को बढ़ावा देता है. साथ ही, बचपन के आघात या मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अस्वस्थ रिश्तों को जन्म दे सकती हैं, जो हिंसक व्यवहार में बदल सकते हैं.

    सामाजिक और सांस्कृतिक कारण

    भारतीय समाज में प्रेम विवाह और प्रेम प्रसंग को अक्सर स्वीकार नहीं किया जाता, जिससे महिलाओं पर सामाजिक दबाव बढ़ता है. इस दबाव की वजह से कुछ महिलाएं अपने रिश्तों को छिपाने के लिए हिंसक कदम उठा लेती हैं. पितृसत्तात्मक समाज में आर्थिक या सामाजिक निर्भरता महिलाओं को अपमानजनक रिश्तों में फंसा सकती है, जिससे वे हिंसा का रास्ता चुनती हैं. इसके अलावा, आर्थिक स्वतंत्रता ने महिलाओं को ज्यादा जोखिम लेने की आजादी दी है, जो कभी-कभी हिंसक परिणामों की तरफ ले जाती है.

    प्रेम प्रसंग से जुड़े अपराधों पर शोध

    दुनियाभर में प्रेम प्रसंग से प्रेरित अपराधों पर कई शोध किए गए हैं, जो इस जटिल मुद्दे को समझने में मदद करते हैं.

    जर्नल ऑफ जनरल साइकोलॉजी का अध्ययन: 2020 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई, जिसमें महिलाओं द्वारा पुरुषों के खिलाफ हिंसा के मामले भी शामिल थे. यह अध्ययन तनाव, आर्थिक दबाव और भावनात्मक अस्थिरता को हिंसा के प्रमुख कारणों के रूप में चिह्नित करता है.

    फ्रांस में डेटिंग हिंसा पर अध्ययन: फ्रांस में किए गए एक शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं ने बचपन में यौन शोषण का सामना किया, वे डेटिंग हिंसा में शामिल होने की अधिक संभावना रखती हैं. यह अध्ययन भारतीय परिप्रेक्ष्य में भी प्रासंगिक है, क्योंकि भारत में बाल यौन शोषण के मामले भी उच्च हैं.

    अमेरिकी अध्ययन: अमेरिकी लेखिका बेल हुक्स के अनुसार, प्रेम की तलाश में लोग रिश्तों में प्रवेश करते हैं, लेकिन सामाजिक अपेक्षाएं और अस्वस्थ गतिशीलता हिंसा को जन्म दे सकती हैं. यह अध्ययन उन महिलाओं पर केंद्रित है जो भावनात्मक मैनिपुलेशन या दर्दनाक अनुभवों के कारण हिंसक व्यवहार अपनाती हैं.

    ये मामले क्यों चौंकाते हैं?

    ये मामले समाज को इसलिए हैरान करते हैं क्योंकि वे पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं को चुनौती देते हैं. भारतीय समाज में महिलाओं को अक्सर देखभाल करने वाली और सहनशील माना जाता है. जब महिलाएं हिंसक अपराध करती हैं, खासकर प्रेम के नाम पर, तो यह सामाजिक धारणाओं को तोड़ता है. इसके अलावा, प्रेम जैसी सकारात्मक भावना का हिंसा में बदल जाना लोगों को असहज करता है.

    क्या महिलाओं का स्वभाव बदल रहा है?

    महिलाओं के स्वभाव में बदलाव के पीछे आधुनिक समाज की बदलती भूमिकाएं, आर्थिक स्वतंत्रता, मीडिया का प्रभाव और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसे कारण हैं. आज महिलाएं ज्यादा शिक्षित और स्वतंत्र हैं, जिससे उनके पास रिश्तों में अधिक विकल्प हैं, लेकिन यह सामाजिक दबावों से टकराता है. पश्चिमी संस्कृति और मीडिया ने प्यार व रिश्तों के प्रति नजरिया बदला है, जो जोखिम भरे फैसलों को बढ़ावा दे सकता है. साथ ही, भारत में मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी भावनात्मक अस्थिरता को बढ़ाती है, जिससे कुछ महिलाएं हिंसक व्यवहार की ओर जा सकती हैं.

    प्यार में जुनून और पति के लिए घृणा एक साथ कैसे?

    लोग अब भी इस बात से हैरान हैं कि प्यार का जुनून और पति के प्रति घृणा/हत्या की भावना एक ही महिला में कैसे हो सकती है? तो आइए समझते हैं कि दिल और दिमाग कैसे काम करते हैं, जिससे ऐसी स्थिति बनती है.

    दिमाग में अलग-अलग ‘खाने’- हमारा दिमाग प्यार और नफरत को अलग-अलग compartments या हिस्सों में रखता है. एक महिला अपने प्रेमी के लिए बहुत गहरा प्यार महसूस कर सकती है, लेकिन उसी समय अपने पति से नफरत कर सकती है. ये दोनों भावनाएं एक साथ रह सकती हैं, क्योंकि दिमाग उन्हें एक साथ जोड़ता नहीं. जैसे, प्रेमी को देखकर खुशी मिलती है, लेकिन पति को देखकर गुस्सा आता है.

    प्यार का नशा- जब कोई प्यार में होता है, तो दिमाग में डोपामाइन नाम का एक केमिकल निकलता है, जो नशे जैसा अहसास देता है. ये केमिकल महिला को प्रेमी के लिए इतना जुनूनी बना सकता है कि वो सिर्फ उसी के बारे में सोचे. अगर पति इस प्यार में रुकावट बनता है, तो दिमाग उसे ‘दुश्मन’ मान सकता है.

    तनाव और गुस्सा- अगर पति को प्रेम संबंध का पता चल जाए या वो महिला को रोकने की कोशिश करे, तो तनाव बढ़ता है. इस तनाव से दिमाग में कोर्टिसोल नाम का केमिकल निकलता है, जो गुस्सा और नफरत को और बढ़ा देता है. ये गुस्सा इतना ज्यादा हो सकता है कि हत्या जैसा खतरनाक विचार दिमाग में आ जाए.

    ‘सही-गलत’ का भ्रम- प्यार का जुनून इतना गहरा हो सकता है कि महिला को लगे कि प्रेमी के लिए कुछ भी करना सही है. अगर पति को हटाने से प्रेमी के साथ जिंदगी बेहतर होगी, तो वो हत्या को भी “जरूरी” मान सकती है. ये भ्रम दिमाग में सही-गलत की समझ को कमजोर कर देता है.

    किसी घटना का ट्रिगर- कोई छोटी-बड़ी घटना इस सब को शुरू कर सकती है. मिसाल के तौर पर, अगर पति प्रेमी के बारे में ताने मारे, धमकी दे, या महिला को अपमानित करे, तो ये गुस्सा और जुनून को हिंसा में बदल सकता है. जैसे, सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी के साथ रहने के लिए पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची.

    एक और उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए, एक महिला अपने प्रेमी से इतना प्यार करती है कि उसे लगता है कि वही उसकी जिंदगी की खुशी है. लेकिन पति उसकी जिंदगी में बंधन जैसा लगता है. प्यार का नशा और पति का दबाव दिमाग में एक तूफान पैदा करता है. अगर कोई घटना, जैसे पति का गुस्सा या समाज का डर, इस तूफान को और बढ़ा दे, तो वो हत्या जैसे गलत कदम की ओर जा सकती है.

    प्यार का नशा, तनाव, और गलत सोच का मिश्रण दिमाग को इतना उलझा देता है कि एक महिला प्यार और हिंसा, दोनों को एक साथ महसूस कर सकती है. प्रेम एक खूबसूरत भावना है, लेकिन जब यह हिंसा में बदल जाता है, तो यह समाज के लिए एक चेतावनी है. इन घटनाओं से हमें यह सीखने की जरूरत है कि रिश्तों में सम्मान, संवाद और समझ को प्राथमिकता दी जाए. तभी हम एक सुरक्षित और समावेशी समाज की ओर बढ़ सकते हैं.



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