प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को कनाडा के कनानास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के इतर अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. यह एक दशक में पीएम मोदी की पहली कनाडा यात्रा थी और तीसरी बार सत्ता में आने के बाद कार्नी के साथ उनकी पहली मुलाकात थी. बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने और गहरा करने की मजबूत मंशा जताई.
पीएम मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री के चुनाव के बाद मुझे उनसे मिलने का यह पहला मौका मिला है, इसलिए मैं उन्हें इस चुनाव में उनकी शानदार जीत के लिए बधाई देता हूं और आने वाले वक्त में भारत और कनाडा उनके साथ कई सेक्टर्स में मिलकर काम करेंगे.”
‘भारत-कनाडा मैत्री को बढ़ाने के लिए…’
मीटिंग को शानदार बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और कनाडा लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन में यकीन के साथ जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री कार्नी और मैं भारत-कनाडा मैत्री को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए हमेशा तैयार हैं. व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, उर्वरक और अन्य क्षेत्रों में इस संबंध में अपार संभावनाएं हैं.”
द्विपक्षीय बैठक के बाद नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ शानदार बैठक हुई. जी-7 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए उन्हें और कनाडा सरकार को बधाई दी. भारत और कनाडा लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन में दृढ़ विश्वास से जुड़े हुए हैं.”
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने जी7 में प्रधानमंत्री मोदी का इस्तकबाल करते हुए कहा, “जी7 में आपकी मेज़बानी करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. यह आपके देश की अहमियत, आपके नेतृत्व और उन मुद्दों के महत्व का नतीजा है, जिनसे हम मिलकर निपटना चाहते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “ऊर्जा सुरक्षा से लेकर, ऊर्जा परिवर्तन तक, जिसकी अगुआई में आप मदद कर रहे हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य तक, अंतरराष्ट्रीय दमन और आतंकवाद के खिलाफ़ हमारी लड़ाई तक, आपका यहां होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है.”
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आपस में क्या बातचीत हुई?
दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मौजूद बड़ी वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की और प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों सहित प्रमुख क्षेत्रों पर मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया.
मोदी-कार्नी बैठक के बारे में कनाडा द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मार्क कार्नी और नरेंद्र मोदी ने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर भी सहमति जताई, जिसका मकसद दोनों देशों में नागरिकों और व्यवसायों के लिए सामान्य काउंसलर और राजनयिक सेवाएं बहाल करना है. दोनों नेताओं ने कनाडा-भारत संबंधों के महत्व की भी पुष्टि की. आपसी सम्मान, कानून के शासन का पालन और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
नरेंद्र मोदी और मार्क कार्नी के बीच यह मीटिंग ऐसे वक्त में हुई है, जब दोनों देश राजनयिक तनाव के दौर के बाद संबंधों को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं और इसे आपसी विश्वास और सहयोग को फिर से बढ़ाने की दिशा में संभावित पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है.