ईरान और इजरायल के बीच पिछले 4 दिन से भीषण जंग जारी है. जंग शुरू इजरायल ने की है, अब ईरान ने इसे और विध्वंसक बना दिया है. इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लायन का जवाब ईरान ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 से दे रहा है. ईरान का रुख हर घंटे, हर मिनट बदल रहा है. ईरान कह रहा है कि इजरायल को मिटाने तक, अब ये जंग जारी रहेगी, तो इजरायली पीएम नेतन्याहू ने भी कह दिया है कि ईरान को इन हमलों की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. इजरायली सेना इस बीच लगातार ईरान के अहम लोकेशंस को निशाना बना रही है. यहां तक ईरान के स्टेट टीवी ब्रॉडकास्टर्स पर भी लाइव के दौरान हमला किया गया.
इजरायल और ईरान में अब जंग और विध्वंसक हो रही है. इजरायल चुन-चुनकर ईरान के टॉप कमांडरों को मार रहा है, और ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायल के शहरों पर हमले कर रहा है. इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, तेल-गैस डिपो को उड़ाया. ईरान ने इजरायल के शहरों को कब्रिस्तान बना डाला, रिफाइनरी सेंटर पर बम मारा.
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इजरायल का ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ Vs ईरान का ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ अब और विध्वंसक रूप अख्तियार कर रहा है. इजरायल ने ईरान पर 200 फाइटर्स भेजकर जिस जंग को छेड़ा है. अब उसे ईरान ने पूरी तरह से भड़का दिया है और ये भी कह दिया है कि इजरायल को मिटाने तक ये जंग जारी रहेगी.
‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’
‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ का मतलब ही है अंतिम न्याय का आखिर दिन. यानी न्याय और प्रतिशोध. अब आगे ये जंग और कितनी भीषण होने वाली है, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक तरफ तो ईरान ने विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कह दिया, और दूसरी तरफ ईरानी सेना ने सेंट्रल इजरायल में कई जगहों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजशकियन ने ऐलान किया कि ‘हाथ से हाथ मिलाकर लड़ना होगा, हौसला बुलंद रखना होगा. हर शहीद के बाद सैकड़ों लोग आएंगे जो देश का झंडा बुलंद रखेंगे, और इसके बाद ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ग्राउंड फोर्सेज के कमांडर मोहम्मद पाकपुर ने कहा कि इजराइल अपने हमले रोके या न रोक, ईरान अपना मिलिट्री ऑपरेशन जारी रखेगा.
ईरान ने इजरायल पर 100 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इजरायल के तेल अवीव, हाइफा, यरुशलम में तबाही मचा दी. इजरायल को इस हमले की उम्मीद भी नहीं रही होगी. उसने इजरायल की मिसाइलों को कम आंका या उसे अपने एयर डिफेंस सिस्टम आयरपन डोम्स पर जरूरत ज़्यादा भरोसा था, लेकिन ईरान ने इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को भी भेद डाला.
तेल अवीव के आसमान में रातभर चलता रहा इंटरसेप्शन
रातभर तेल अवीव के आसमान में मिसाइलों और इंटरसेप्टर के गोले चमकते रहे. इजरायल पर ईरान का ये अब तक का सबसे बड़ा हमला है. ईरान ने तड़के तेल अवीव और हाइफा पर मिसाइलों की बरसात कर दी. इस हमले में कई मकान तबाह हो गए. भीषण आग के चलते बचाव टीम के लिए इमारतों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया. ईरान ने अपनी तीन सबसे घातक मिसाइलों का इस्तेमाल पहली बार किया.
आपको बता दें कि बैलिस्टिक मिसाइल इमाद की रेंज 1700 किमी है. घादिर की रेंज 300 से 2,000 किलोमीटर और खैबरशेकन की रेंज लगभग 1,450 किलोमीटर है. ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दावा किया है कि इस बार उसने “नए तरीके” से हमला किया गया, जिससे इजराइल की मल्टी-लेयर सुरक्षा प्रणालियां एक-दूसरे को ही निशाना बनाने लगीं.
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ईरान के इस हमले के बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक सनसनीखेज दावा किया. जी हां नेतन्याहू ने कहा कि ईरान की एक मिसाइल उनके बेडरूम की खिड़की पर आकर गिरी. बेंजामिन नेतन्याहू, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान से जंग के बीच सनसनीखेज दावा किया है.
पीएम नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि ईरान ने मुझे मारने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि तेहरान की एक मिसाइल उनके बेडरूम की खिड़की पर आकर गिरी. तेहरान उनको जान से मारना चाहता था. मगर उनकी कोशिश फेल हो गई. आपको बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे की शादी ईरान के मिसाइल हमलों को देखते हुए टाल दी गई है. टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू के बेटे अवनेर नेतन्याहू अमित यार्डेनी से शादी करने वाले थे.
ईरान में जासूसों के खिलाफ लिया जा रहा एक्शन
एक तरफ से ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है, दूसरी तरफ ईरान के अंदर छुपे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के जासूसों को चुन-चुन मार रहा है. ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोपी शख्स को फांसी दे दी है. ईरान की न्यूज एजेंसी ने बताया कि मृतक की पहचान इस्माइल फेकरी के रूप में की गई है. ईरान ने इस सप्ताह जासूसी के आरोप में 9 लोगों को पकड़ा है. इसके अलावा ईरान ने देश के अंदर एक तीन मंज़िला इज़रायली ड्रोन फैक्ट्री को भी पकड़ा है.
ईरानी अधिकारियों का मानना है कि ईरान में इजरायल की ऐसी और भी फैक्ट्रियां या ठिकाने मौजूद हैं. इजराइल ने इन्हीं की मदद से ईरान में कई आधिकारिक ठिकानों पर हमला किया था. आपको बता दें कि इजरायल लगतार ईरान के टॉप सैन्य कमांडरों, परमाणु ठिकानों और एयरबेस को टारगेट कर रहा है.
इजरायल ने अपने ताजा हमले में ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के खुफिया चीफ ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काज़ेमी को मार दिया. काज़ेमी के डिप्टी, हसन मोहागेग, और एक अन्य वरिष्ठ IRGC कमांडर, मोहसन बाकेरी, की भी उसी हमले में हत्या कर दी गई. इजरायली वायुसेना के विमानों ने ईरान के मशहद एयरपोर्ट पर भी उस समय हमला किया, जब ईरान का एक विमान ईंधन ले रहा था.
इजराइल ने ईरान की राजधानी में 80 से अधिक सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर हमला किया, जिसमें ईरान के डिफेंसिव इनोवेशन एंड रिसर्च संगठन SPND का मुख्यालय भी शामिल है. ईरान में अब तक कुल 250 से अधिक ठिकानों पर हमला किया गया है. इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी इस जंग में ईरान में अब तक 244 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 600 से ज़्यादा लोग घायल हैं, जबकि इजरायल में 24 लोग मारे गए हैं.
ईरान के खिलाफ इजरायली जंग का क्या है मकसद?
ईरान युद्ध हर नए दिन के साथ और भीषण होता जा रहा है. ना इजरायल की तरफ से मिसाइलें थम रही है और ना ही ईरान पलटवार करने में पीछे हैं. ईरान में अब तक 200 से ज्यादा मृत्यु हो चुकी है जबकि इजरायल में दो दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं. अब सवाल यही है कि इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए युद्ध में आगे क्या होगा, आखिर इजरायल का प्लान ईरान क्या है.
ईरान-इजरायल युद्ध में आगे क्या होगा? इजरायल के हमले का मकसद क्या है? क्या ईरान का एटमी प्रोग्राम निशाना है? क्या ईरान में सत्ता परिवर्तन का प्लान है? क्या इजरायल से बहुत बड़ी गलती हो गई? चार दिन के युद्ध के बाद ईरान पर हमले की दो वजह एकदम साफ है. इजरायल ने ईरान के एटमी प्रोग्रा म को खत्म करने के मकसद से युद्ध छेड़ा है, नाम दिया है ‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन’. दूसरा मकसद है हमले से ईरान में अशांति का मौहाल पैदा करना, ताकि ईरान की सत्ता में तीन दशकों से स्थापित खामेनेई के तख्तापलट का रास्ता खुल सके.
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अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों के साथ-साथ न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाया. दावा किया कि ईरान की सबसे बड़ी न्यूक्लियर फैसिलिटी यानी नतांज सेंटर को तबाह कर दिया, जिसे ईरान की न्यूक्लियर रीढ़ कहा जाता है, लेकिन ईरान के न्यूक्लियर सेंटर को ले कर यही इजरायल गच्चा खा गया.
ये सच है कि ईरान की नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी पर इजरायल के लड़ाकू विमानों ने मिसाइल अटैक किया, लेकिन ईरान के सुरक्षा चक्रव्यूह को भेदने में पूरी तरह नाकाम रहा. इजरायल का मकसद ईरान के एटमी प्रोग्राम पर ब्रेक लगाना है, वो मानता है कि ईरान के पास परमाणु हथियार होना उसके अस्तित्व के लिए खतरा है.
ऐसे में इजरायल को उम्मीद है कि ऑपरेशन राइजिंग लायन से एक तरफ ईरान की परमाणु प्रोग्राम को खत्म कर देगा. दूसरी तरफ ईरान की लीडरशिप कमजोर हो जाएगी या ढह सकती है, जिससे नए शासन की शुरूआत होगी और इजरायल पर मंडरा रहा खतरा टल जाएगा, लेकिन ईरान की मौजूदा सत्ता बच गई तो परमाणु बम बनाने और परीक्षण करने की अधूरी हस रत बहुत जल्द पूरी भी कर सकता है.