More
    HomeHome'पाकिस्तान के इशारे पर जारी बेतुका बयान...', इस्लामिक देशों के संगठन की...

    ‘पाकिस्तान के इशारे पर जारी बेतुका बयान…’, इस्लामिक देशों के संगठन की प्रतिक्रिया पर भारत का कड़ा प्रहार

    Published on

    spot_img


    भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की ओर से दक्षिण एशिया की स्थिति पर जारी बयान को कड़े शब्दों में खारिज करते हुए उसे ‘बेतुका और पाकिस्तान के इशारे पर दिया गया’ बताया है. भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया में कहा कि OIC का यह बयान न केवल पक्षपातपूर्ण है, बल्कि इसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं है, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे.

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि OIC का यह बयान न केवल सच्चाई को नकारता है, बल्कि यह पाकिस्तान द्वारा OIC को गुमराह कर अपने पक्ष में बयान जारी करवाने की एक और कोशिश है. उन्होंने आगे कहा कि OIC ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा तक नहीं की, और उल्टा कश्मीर को ‘विवाद’ बताकर पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा की भाषा दोहराई.

    भारत ने साफ कहा कि कश्मीर मुद्दा पूरी तरह से भारत का द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है. OIC का यह कहना कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जम्मू-कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत करना चाहिए, सीधे-सीधे पाकिस्तान के रुख को समर्थन देना है.

    भारत ने स्पष्ट कहा कि OIC की यह टिप्पणी भारत के आंतरिक मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप है और इसे पूरी तरह से खारिज किया जाता है. MEA ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान, जो लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है, OIC जैसे मंच का दुरुपयोग कर रहा है. भारत ने यह भी दोहराया कि कश्मीर और पहलगाम जैसे मुद्दे भारत के आंतरिक मामले हैं, और इस पर बाहरी संगठन या देश की कोई टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है.

    क्या कहा था OIC ने?

    OIC के महासचिवालय ने दक्षिण एशिया में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच तत्काल संवाद की बहाली की अपील की थी. संगठन ने ज़ोर दिया कि क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाना चाहिए, जो कि अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप हो. महासचिवालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह जम्मू-कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास तेज करे, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप हो. OIC ने कहा कि यह अनसुलझा मुद्दा दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता के मार्ग में एक प्रमुख बाधा बना हुआ है और इसके समाधान के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता बेहद जरूरी है.



    Source link

    Latest articles

    Why Israel cannot strike at Iranian facilities without US help

    New intelligence obtained by the United States suggests that Israel is making preparations...

    Putin visited Russia’s Kursk region for first time since Moscow said it drove out Ukrainian forces | World News – Times of India

    President Vladimir Putin visited Russia's Kursk region for the first time...

    More like this

    Why Israel cannot strike at Iranian facilities without US help

    New intelligence obtained by the United States suggests that Israel is making preparations...