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    ‘नैरेटिव बनाकर राज्य को बदनाम करने की कोशिश की गई’, हनीमून मर्डर केस पर बोले मेघालय CM कोनराड संगमा

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    मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने हाल ही में इंदौर निवासी राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उठे विवाद पर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध को लेकर जिस तरह का नैरेटिव गढ़ा गया, उसने न केवल मेघालय बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत की छवि को धूमिल किया है. संगमा ने स्पष्ट कहा कि एक व्यक्ति की क्रूर हत्या को पूरे राज्य और समुदाय को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना भले ही दुखद और निंदनीय हो, लेकिन इसके बाद जो नैरेटिव बना वह बेहद पक्षपातपूर्ण और खतरनाक था. जब यह नैरेटिव बना, तो एक पूरे राज्य और समुदाय को कलंकित करने की कोशिश की गई. यह हमारे लोगों को गहरे रूप से आहत करता है. कुछ जिम्मेदार एजेंसियों ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए, जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई.

    पुलिस की पेशेवर जांच की सराहना

    कोनराड संगमा ने मेघालय पुलिस की जांच की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि भले ही यह मामला संवेदनशील था और काफी दबाव था, लेकिन पुलिस ने अत्यंत पेशेवर ढंग से जांच करते हुए पूरे मामले को सुलझाया. पुलिस ने न केवल केस को सुलझाया बल्कि राज्य की छवि को पुनर्स्थापित करने का भी काम किया है.

    मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि घटना के बाद सोहरा (चेरापूंजी) में स्थानीय लोगों ने मृतक राजा रघुवंशी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा भी आयोजित की थी. यही हमारी पहचान है.

    बेहद कठिन था जांच का भूगोल

    मुख्यमंत्री ने बताया कि जांच के दौरान कई भौगोलिक और मौसमी चुनौतियां थीं. अपराध स्थल बेहद दुर्गम और खतरनाक इलाके में था—घने जंगल, खड़ी खाइयाँ और खराब मौसम ने जांच को काफी कठिन बना दिया. ड्रोन की मदद भी खराब मौसम की वजह से नहीं ली जा सकी.

    CBI जांच की मांग पर सीएम का जवाब

    कुछ लोगों द्वारा केस की CBI को सौंपने की मांग पर सीएम संगमा ने कहा कि मेघालय पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए हैं और केस की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है. मेघालय पुलिस पूरी तरह सक्षम है. हमें किसी अन्य एजेंसी की जरूरत नहीं है.

    हत्या की साजिश शादी के तीन दिन बाद रची गई

    शिलॉन्ग के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विवेक स्येम के अनुसार, यह साजिश शादी के महज तीन दिन बाद रची गई थी. राजा और सोनम की शादी 10 मई को इंदौर में हुई थी और 21 मई को वे मेघालय हनीमून के लिए पहुंचे. इसके बाद 22 मई को तीन शूटर शिलॉन्ग पहुंचे, जिन्हें सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा ने सुपारी दी थी.

    2 जून को राजा का शव एक खाई में पाया गया. शुरुआत में राजा लापता बताया गया, लेकिन जल्द ही सोनम पर संदेह गहराया क्योंकि वह भी घटना के बाद से गायब थी. पुलिस ने 7 जून को ‘ऑपरेशन हनीमून’ शुरू कर सोनम की तलाश शुरू की और आखिरकार 10 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

    डिजिटल सबूतों से खुला राज

    पुलिस को सोनम के फोन से ऐसे कई चैट्स मिले हैं जो यह साबित करते हैं कि वह शादी से पहले ही राज कुशवाहा से प्रेम करती थी और राजा से पीछा छुड़ाना चाहती थी. एक मैसेज में उसने लिखा था कि राजा की नज़दीकियों से वह असहज है और उसे हटाना चाहती है.

    पुलिस को यह भी शक है कि राजा की हत्या के बाद उसके फेसबुक अकाउंट से सात जन्मों का साथ नामक पोस्ट डाला गया, जिससे यह आभास दिया जाए कि वह जीवित है. यह पोस्ट पुलिस के लिए एक डिजिटल क्लू बना जिसने पूरे मामले की दिशा तय की.



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