मध्य प्रदेश के इंदौर के राजा और सोनल की कहानी अब देशभर में चर्चा का विषय बन गई है. शादी के महज 12 दिन बाद पति की हत्या, फिर खुद गायब हो जाना, और अब यूपी के गाजीपुर में मिलना इसके बाद खुद सोनम के एक कॉल से खुली हुई पूरी साजिश… ये कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि इस केस की चौंकाने वाली कहानी है.
बाणगंगा थाना क्षेत्र की गोविंद कॉलोनी निवासी सोनम की शादी 11 मई को कैट रोड के राजा रघुवंशी से हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी. दोनों परिवार खुश थे. शादी के बाद जोड़े ने 20 मई को शिलांग (मेघालय) हनीमून के लिए रवाना हुए. शादी को लेकर सोशल मीडिया पर भी तस्वीरें वायरल थीं, लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि यह कहानी जल्द ही एक हत्या और गिरफ्तारी की इबारत बन जाएगी. सोनम और राजा 22 मई को मेघालय के मवालखियाट गांव पहुंचे और वहां के शिपारा होम स्टे में रुके.
CCTV फुटेज में उन्हें स्कूटी पर बैग ले जाते देखा गया. दोनों नोंग्रियाट इलाके में पर्यटक के तौर पर घूम रहे थे. लेकिन 23 मई को सुबह 6 बजे दोनों होटल से चेकआउट कर गए, उसके बाद से उनका परिवार से संपर्क टूट गया. राजा की मां ने दोपहर डेढ़ बजे सोनम से बात की थी, जिसमें उसने कहा – हम लोग जंगल और झरनों में घूमने निकले हैं. इसके आधे घंटे बाद सोनम का मोबाइल बंद हो गया.
24 मई: लावारिस स्कूटी और शक की शुरुआत
24 मई को मवालखियाट से 25 किलोमीटर दूर एक पार्किंग में स्कूटी लावारिस हालत में मिली. यह वही स्कूटी थी, जिसे राजा ने हनीमून के लिए किराए पर ली थी. इसके बाद पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. स्थानीय गाइड और ट्रैकिंग टीम की मदद से जंगलों की तलाश शुरू हुई. 28 मई को पास के जंगल में दो बैग बरामद हुए. इनमें से एक बैग सोनम के भाई ने और दूसरा राजा की मां ने पहचान लिया. 2 जून को विजाडोंग इलाके में एक गहरी खाई से राजा रघुवंशी का शव बरामद हुआ. शव की पहचान उसके हाथ पर बने टैटू से हुई. शव के पास एक महिला की सफेद शर्ट, पेंट्रा टैबलेट और एक टूटी हुई मोबाइल स्क्रीन मिली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि राजा की मौत दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी.
शव मिलने के बाद सबसे बड़ा सवाल था – सोनम कहां है?
शुरुआत में माना जा रहा था कि वह भी किसी हादसे का शिकार हुई होगी. लेकिन पुलिस ने उसकी हत्या या आत्महत्या की कोई पुष्टि नहीं की. इंदौर पुलिस, मेघालय पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की मदद से सोनम की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिशें शुरू हुईं.
9 जून की सुबह: गाजीपुर से आया कॉल
पूरे मामले में सबसे बड़ा मोड़ 9 जून की सुबह आया. सोनम गाजीपुर जिले के नंदगंज इलाके में एक ढाबे पर पहुंची और वहां से उसने ढाबे मालिक का फोन लेकर अपने भाई को वीडियो कॉल किया. उसने बताया कि वह गाजीपुर में है और जिंदा है. इस कॉल के बाद परिवार ने इंदौर पुलिस को सूचना दी. इंदौर पुलिस ने गाजीपुर पुलिस को सूचित किया. इस बीच ढाबे वाले ने भी 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुला लिया. पुलिस मौके पर पहुंची और सोनम को वन स्टॉप सेंटर भेजा गया.
सोनम की मेडिकल जांच और पहली जानकारी
गाजीपुर पुलिस ने महिला डॉक्टरों की टीम से सोनम की प्रारंभिक जांच करवाई. रिपोर्ट के अनुसार, उसके शरीर पर किसी तरह की चोट या शारीरिक प्रताड़ना के निशान नहीं पाए गए. पुलिस ने सोनम को बरामद मानते हुए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह शिलांग से गाजीपुर तक कैसे पहुंची? उसके साथ और कौन था? पुलिस इसकी जांच कर रही है.
मेघालय पुलिस ने इस केस में अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. तीन आरोपी इंदौर से गिरफ्तार किए गए हैं. एक आरोपी उत्तर प्रदेश से है, जो फिलहाल फरार है. पुलिस की मानें तो इस मर्डर प्लान में सोनम की भूमिका प्रमुख है. सोनम किसी और से अफेयर था इसलिए हत्याकांड की अंजाम दिया गया
CCTV फुटेज से मिले सुराग
22 मई को एक CCTV फुटेज सामने आया है जिसमें सोनम और राजा स्कूटी पर आते हुए और बैग रखते हुए दिख रहे हैं. सोनम ने उस दिन जो सफेद शर्ट पहनी थी, वही शर्ट राजा के शव के पास मिली थी. यह फुटेज जांच में अहम साबित हो रहा है क्योंकि इससे साबित होता है कि दोनों आखिरी बार कहां देखे गए थे.