भारत की ओर से जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित हेडक्वार्टर पर किए गए हमले के बाद अब बहावलपुर के ‘मरकज़ सुभान अल्लाह कैंप’ को गूगल मैप्स पर ‘स्थायी रूप से बंद’ (Permanently Closed) दिखाया जा रहा है. ये वही ठिकाना है जिसे आतंकी मसूद अजहर ने एक मस्जिद के नाम पर स्थापित किया था, लेकिन इसका असल उद्देश्य आतंकियों की भर्ती, कट्टरपंथी प्रचार और चंदा एकत्र करना था.
बता दें कि 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे. ये हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बदले में किया गया था.
बहावलपुर का ये कैंप भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख प्रशिक्षण और कट्टरपंथी बनाने का केंद्र था. भारत के हमले में इस परिसर को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा. ये कैंप अल-रहमत ट्रस्ट के जरिए फंडिंग पाता था. इस आतंकी संगठन ने भारत में कई भीषण हमलों को अंजाम दिया है, इसमें 2001 संसद हमला, 2016 पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 पुलवामा हमला शामिल है.
7 मई को इंडिया टुडे टीवी को मिले एक वीडियो में आतंकी केंद्र सुभान अल्लाह कैंप को क्षतिग्रस्त दिखाया गया था. इसमें चारों ओर मलबे के ढेर और छत में एक बड़ा छेद दिखाई दिया था. एक महीने बाद Google मैप्स ने बहावलपुर बाईपास के ठीक बगल में स्थित जामिया मस्जिद की आड़ में बने मरकज सुभान अल्लाह को स्थायी रूप से बंद दिखाया है.
गूगल मैप्स इसे स्थायी रूप से बंद क्यों बता रहा?
गूगल मैप्स पर किसी स्थान को स्थायी रूप से बंद घोषित करने के पीछे अक्सर उपयोगकर्ताओं की रिपोर्ट, स्थान के मालिक की जानकारी या गूगल एल्गोरिदम की निष्क्रियता की पहचान होती है. इस मामले में कई उपयोगकर्ताओं की ओर से कैंप की बंदी की पुष्टि होने के बाद ऐसा बदलाव किया जाता है. ये ठिकाना पाकिस्तान की 31वीं कॉर्प्स के सैन्य मुख्यालय के पास स्थित था और इसके 18 एकड़ के परिसर में आतंकी गतिविधियां लंबे समय से चल रही थीं.
भारत के हमले में मारे गए थे 100 से ज्यादा आतंकी
भारत ने इस हमले के तहत जैश के अलावा लश्कर-ए-तैयबा और हिज़बुल मुजाहिदीन के कई अन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया था. इनमें मुरिदके में मरकज तैयबा (LeT मुख्यालय), सियालकोट में सरजाल कैंप और महमूना जोया कैंप, कोटली में अब्बास कैंप और गुलपुर कैंप के साथ ही मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल और सवाई नाला कैंप शामिल थे. इन हमलों में 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे.
भारत की बड़ी जीत
हालांकि जैश को 2002 में पाकिस्तान ने प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन वह अब तक खुलेआम काम करता रहा है. मसूद अजहर को भी पाकिस्तान में बार-बार देखा गया है. भारत की यह सैन्य कार्रवाई न केवल रणनीतिक बल्कि मनोवैज्ञानिक मोर्चे पर भी बड़ी जीत मानी जा रही है, और गूगल मैप्स पर स्थायी रूप से बंद का टैग इसी का संकेत है.