More
    HomeHomeEXCLUSIVE: 600 मिलियन इंडियन एजेंसियों का ट्रेस करना बाकी, ब्रिटिश HC से...

    EXCLUSIVE: 600 मिलियन इंडियन एजेंसियों का ट्रेस करना बाकी, ब्रिटिश HC से नीरव मोदी की जमानत याचिका फिर खारिज

    Published on

    spot_img


    ब्रिटेन (UK) के हाईकोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 13000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जमानत याचिका खारिज कर अदालत ने कहा कि अभी भारतीय जांच एजेंसियों को नीरव द्वारा की गई धोखाधड़ी की राशि का पता नहीं चला है. आजतक के पास अदालत के उस फैसले की कॉपी है, जिसमें नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार किया गया. अदालत ने अपने दस पेज के विस्तृत आदेश में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख है, जिनके आधार पर जज ने भगोड़े कारोबारी को जमानत देने से इनकार कर दिया.

    यूके की जस्टिस किंग्स बेंच डिवीजन की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी द्वारा धोखाधड़ी की गई 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,150 करोड़ रुपये) की राशि अभी तक भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा पता नहीं लगाई जा सकी है. 

    ‘भारत लौटने से बचना चाहता है आरोपी’

    अदालत के आदेश में जज ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ये है कि आवेदक (नीरव मोदी) के पास भारत लौटने से बचने का मजबूत प्रोत्साहन है. वह हर संभव तरीके से भारतीय एजेंसियों के प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश करेगा. ये प्रोत्साहन निम्नलिखित तथ्यों से उत्पन्न होता है: वह भारत में बहुत गंभीर और बड़े आर्थिक अपराध के मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए वांछित है, जिसमें वह मुख्य अपराधी बताया गया है. इसकी गंभीरता तीन पहलुओं में है: (i) अपराध का स्वरूप, (ii) उसकी भूमिका, और (iii) संभावित सजा.’

    भागने का है जोखिम: यूके कोर्ट

    अदालत ने आगे कहा कि नीरव पिछले 6 साल और 2 महीने से जेल में है जो उसकी सजा की अवधि में गिना जाएगा. लेकिन उसके द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए ये अवधि उनके भागने के जोखिम को कम नहीं करती. मैं इस स्तर पर आरोपों के किसी भी विस्तृत विवरण में नहीं जा रहा हूं. मैंने इस न्यायालय के चार पिछले निर्णयों के लिए उद्धरण संदर्भ दिए हैं, जिनसे प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्राप्त की जा सकती है.’

    यह भी पढ़ें: भगोड़े नीरव मोदी को फिर झटका, लंदन की हाईकोर्ट ने 10वीं बार जमानत अर्जी की खारिज

    ‘600 मिलियन डॉलर ट्रेस करना बाकी’
     
    अदालत ने अपने फैसले में धोखाधड़ी की गई राशि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी द्वारा धोखाधड़ी के तहत ट्रांसफर किए 1,015.35 मिलियन अमेरिकी डॉलर में से केवल 405.75 मिलियन डॉलर का पता लगाया गया है जो दुनिया भर में फैले खातों में जब्त या बरामद किए गए हैं. बचे हुए 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,150 करोड़ रुपये) अभी तक पता नहीं लगा है.

    जज ने कहा, ‘ये अंतर दिखाता है कि नीरव मोदी के पास बहुत बड़े वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो सकते हैं जो उन्हें भागने में मदद कर सकते हैं.’

    ‘नीरव के पास मौजूद है अपार धन’

    अदालत ने आदेश में डायमंड होल्डिंग्स लिमिटेड नामक कंपनी का भी जिक्र किया है, जिसके सीईओ के रूप में नीरव मोदी को नियुक्त किया गया था, जहां उसे 20 हजार पाउंड हर महीने सैलरी मिली थी. बाद में इस कंपनी ने जमानत के लिए लाखों पाउंड की राशि की पेशकश की. 

    कोर्ट ने इस पर सवाल उठाए कि कंपनी ने मार्च 2019 में 0.5 मिलियन पाउंड, फिर 9 दिन बाद 1 मिलियन पाउंड, मई 2019 में 2 मिलियन पाउंड और नवंबर 2019 में 4 मिलियन पाउंड की पेशकश की. जज ने कहा कि यह गियरचेंज नीरव मोदी के पास उपलब्ध विशाल वित्तीय संसाधनों को दिखाता है.

    नीरव ने मिटाए सबूत और सर्वर जलाए

    कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भारतीय आपराधिक कार्यवाही में नीरव के खिलाफ सबूतों का भी जिक्र है. जहां कहा गया है कि नीरव ने गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों को नष्ट करने में भूमिका निभाई. साथ ही मार्च 2018 में डमी निदेशकों को दुबई से काहिरा ले जाया गया, उनके मोबाइल फोन नष्ट किए गए और फरवरी 2018 में दुबई में एक कंप्यूटर सर्वर को नष्ट कर दिया गया.

    कोर्ट ने कहा कि ये घटनाएं उस वक्त हुईं जब नीरव यूके में थे. यूके की अदालतों ने दो बार पुष्टि की है कि नीरव के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद हैं.

    ‘मैं जमानत देने से इनकार करता हूं’

    जज ने अपने फैसले में कहा कि सभी विचारों और कारणों को ध्यान में रखते हुए, मैं इस मामले में उन्हें (नीरव मोदी) जमानत देने से इनकार करता हूं और इस मामले में जमानत के आवेदन को अस्वीकार कर रहा हूं.

    2019 जेल में है नीरव

    आपको बता दें कि नीरव मोदी को साल 2019 में यूके में गिरफ्तार किया गया था और तब से भारतीय अधिकारी उसके भारत प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहे हैं. साल 2021 में यूके की तत्कालीन गृह सचिव प्रीति पटेल ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी. तब से नीरव मोदी ने यूके की अदालतों से जमानत लेने के लिए कई मौकों पर कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा, क्योंकि भारतीय एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) उसकी जमानत का विरोध करते हुए कार्यवाही के दौरान अदालत में मोदी के खिलाफ एकत्र किए गए सबूत पेश कर रही हैं.



    Source link

    Latest articles

    Fatima Sana’s sweet note for favourite co-actor and best guy Madhavan wins hearts

    Fatima Sanas sweet note for favourite coactor and best guy...

    What is Riyadh Monopoly? How Saudi Arabia made the classic board game uniquely its own | World News – Times of India

    Riyadh Monopoly will be available in September 2025 at Sultan Center, select...

    More like this

    Fatima Sana’s sweet note for favourite co-actor and best guy Madhavan wins hearts

    Fatima Sanas sweet note for favourite coactor and best guy...

    What is Riyadh Monopoly? How Saudi Arabia made the classic board game uniquely its own | World News – Times of India

    Riyadh Monopoly will be available in September 2025 at Sultan Center, select...