पुणे स्थित मुलशी तालुका में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तुकाराम हगवणे की 24 वर्षीय बहू वैष्णवी शशांक हगवणे की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद विवाद खड़ा हो गया. इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ये आत्महत्या का मामला है या फिर आत्महत्या के रूप देने की साजिश है. घटना के सामने आने के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल के साथ-साथ राजनीति भी गरमा गई है.
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, वैष्णवी अपनी ससुराल वालों के घर पर लटकी हुई पाई गई. ससुराल वालों ने दावा किया कि उसने आत्महत्या कर ली है. हालांकि, वैष्णवी के परिवार ने उनके शरीर पर गले में रस्सी के निशान और अन्य चोटें देखकर संदेह जताया और पोस्टमार्टम की मांग की. ससून जनरल अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस मामले को और जटिल कर दिया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई हत्या की बात
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की बात कही गई हैं. डॉ. जयदेव ठाकरे और डॉ. एचएस टाटिया द्वारा हस्ताक्षरित पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि वैष्णवी की मौत गर्दन के लिगेचर संपीड़न के कारण हुई जो गला घोंटने का स्पष्ट संकेत है. इसके अलावा उसके शरीर पर कई बोथट चोटें (ब्लंट इंजरीज़) पाई गईं, जिससे आत्महत्या के दावे पर संदेह और बढ़ गया है. संभावित विषाक्तता की जांच के लिए उसके आंतरिक अंगों को रासायनिक विश्लेषण के लिए संरक्षित किया गया है.
मुख्य आरोपी फरार
घटना के बाद वैष्णवी के ससुर राजेंद्र हगावणे अपने बेटे सुशील हगावने के साथ फरार हो गए और अभी भी फरार हैं. पुलिस ने वैष्णवी के पति शशांक हगवणे, सास लता हगावने और ननद करिश्मा हगावने को गिरफ्तार कर लिया है. संदिग्धों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. राजेंद्र हगावणे एनसीपी के अजित पवार गुट की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं. मामले की जांच फिलहाल बावधान पुलिस कर रही है.
पुलिस ने शुरू की हत्या के मामले की जांच
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) पवार ने आजतक को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस को हत्या की संभावना की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों को सच का पता लगाने के लिए अपराध स्थल से मिले सबूतों के साथ फोरेंसिक निष्कर्षों को जोड़ने की सलाह दी गई है.
हालांकि, मामला शुरू में आत्महत्या का लग रहा था, लेकिन गर्दन पर शारीरिक चोटों और निशानों के कारण जांचकर्ताओं को संदेह हुआ कि इसमें कोई साजिश है. पुलिस अब मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और आरोपियों की पृष्ठभूमि की जांच कर रही है.
विपक्षी नेताओं ने पूछे सवाल
इस घटना के बाद से राज्यभर में राजनीतिक आक्रोश भड़क उठा है. एनसीपी(SP) सांसद सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए मामले को चौंकाने वाला बताया और गहन जांच की मांग की.
सुले ने कहा, ‘ये अविश्वसनीय है कि जिन लोगों के साथ हमने कभी काम किया था, वे इस तरह की घटना में शामिल हैं. इसी परिवार की बड़ी बहू के साथ भी पहले दुर्व्यवहार किया गया था.’
वहीं, शिवसेना यूबीटी नेता सुषमा अंधारे ने भी डिप्टी सीएम अजित पवार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि राजेंद्र हगावने के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा, ‘इतने गंभीर आरोपों के बावजूद अजित पवार ने अपनी पार्टी के सदस्य से इस्तीफा नहीं मांगा है.’