More
    HomeHomeभागते पर्यटक, तेज रफ्तार गाड़ियां और खौफ... पहलगाम हमले के ठीक बाद...

    भागते पर्यटक, तेज रफ्तार गाड़ियां और खौफ… पहलगाम हमले के ठीक बाद का बताया जा रहा ये वीडियो

    Published on

    spot_img


    जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद एक वीडियो सामने आया है. यह वीडियो पहलगाम की एक व्यस्त मार्केट में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उसी समय का है, जब हमले के बाद पर्यटक दूसरे रास्ते से नीचे की तरफ से जान बचाकर भाग रहे थे.

    सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि यह वीडियो दोपहर करीब 3 बजकर 35 से 40 मिनट के बीच का है. वीडियो में महिलाएं और बच्चे बदहवास हालत में दौड़ते नजर आ रहे हैं. कुछ लोग इधर-उधर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं और गाड़ियां तेजी से घाटी से नीचे की तरफ जाती दिख रही हैं.

    आजतक नहीं करता है वीडियो की पुष्टि

    यह वीडियो बैसरन घाटी से नीचे की ओर जाने वाले रास्ते का बताया जा रहा है. हालांकि, आजतक इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. यह साफ नहीं है कि वीडियो कब और किस जगह शूट किया गया और इसमें दिखाई दे रहे लोग किन परिस्थितियों में भाग रहे हैं.

    सेना ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन

    दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में उन आतंकवादियों की तलाश में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की थी. इन 12 दिनों में सुरक्षा बलों को कुछ इलाकों में उनकी मौजूदगी के संभावित संकेत मिले हैं, लेकिन वे अब भी फरार हैं.

    अब तक क्यों नहीं पकड़े गए आतंकी?

    कश्मीर का यह इलाका आतंकवादियों के लिए एक नेचुरल कैमफ्लेज (प्राकृतिक आवरण या छिपने में सहायक) की तरह काम करता है. इस कारण से सुरक्षा बलों को उनका पीछा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और गहन सर्च ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है.

    यूएस जियोग्राफिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, पहलगाम के पास सबसे ऊंचा पहाड़ माउंट एवरेस्ट की लगभग आधी ऊंचाई का है, जो बैसरन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. यह पहाड़ अपनी 15,108 फीट तक की चोटियों के साथ, इस क्षेत्र में ऊबड़-खाबड़ पर्वत श्रृंखलाओं और पूर्व की ओर घने जंगलों का जाल बनाता है, जहां आतंकवादी छिपे हो सकते हैं.

    ऊबड़-खाबड़ इलाकों के लिए ट्रेंड आतंकी

    भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का मानना ​​है कि पहलगाम में नरसंहार करने वाले आतंकवादी ऐसी भागौलिक परिस्थितियों के लिए ट्रेंड हैं और उन्होंने युद्ध प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है. माना जाता है कि आतंवादियों में से एक हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक पूर्व पाकिस्तानी पैरा कमांडो है. वह अपने सैन्य प्रशिक्षण और सामरिक विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. 

    खुफिया जानकारी से पता चलता है कि पहलगाम आतंकी हमला सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से किया गया था. आतंकवादियों ने दो महीने पहले सांबा-कठुआ कॉरिडोर के जरिए क्षेत्र में घुसपैठ की थी.



    Source link

    Latest articles

    Navratri 2025 Kanya Pujan: September 30 or October 1? Check date and muhurat

    Navratri is a nine-day Hindu festival dedicated to Goddess Durga and her nine...

    Ø: Sysivalo

    In 1994, on an album called Minimal Nation, Detroit’s Robert Hood stripped Motor...

    Frost Children: SISTER

    When Angel and Lulu Prost were kids in St. Louis, Missouri, they played...

    More like this

    Navratri 2025 Kanya Pujan: September 30 or October 1? Check date and muhurat

    Navratri is a nine-day Hindu festival dedicated to Goddess Durga and her nine...

    Ø: Sysivalo

    In 1994, on an album called Minimal Nation, Detroit’s Robert Hood stripped Motor...