More
    HomeHomeपाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में ज्योति मल्होत्रा से देवेंद्र सिंह...

    पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में ज्योति मल्होत्रा से देवेंद्र सिंह तक गिरफ्तार, दोषी पाए जाने पर मिलेगी ये कड़ी सजा

    Published on

    spot_img


    Pakistani Spies Arrested in India: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ी गई ज्योति मल्होत्रा को लेकर आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है पाकिस्तानी जासूस देवेंद्र सिंह की. देश से गद्दारी करने वाले केवल यही दो लोग नहीं हैं, बल्कि हाल ही के दस दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे कई जासूस पकड़े हैं. जो अपने मुल्क से गद्दारी कर रहे थे और भारत में रहते हुए पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे. आइए अब जान लेते हैं कि इस तरह के संगीन आरोप में पकड़े गए जासूसों पर किन किन धाराओं में क्या सजा हो सकती है. 

    दस दिनों में पकड़े गए कई जासूस
    भारत में 8 मई से 18 मई, 2025 के बीच कई पाकिस्तानी जासूस पकड़े गए हैं. जिनमें ज्योति मल्होत्रा (हिसार, हरियाणा), देवेंद्र सिंह (कैथल, हरियाणा), गजाला (मलेरकोटला, पंजाब), यामीन मोहम्मद (मलेरकोटला, पंजाब), नोमान इलाही (पानीपत, हरियाणा), अरमान (नूंह, हरियाणा) और मोहम्मद मुर्तजा अली (जालंधर, पंजाब) के नाम शामिल हैं. इन सभी पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संगीन इल्जाम है. 

    क्या कहता है कानून?
    पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपियों के खिलाफ भारत में निम्नलिखित कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) और अन्य प्रासंगिक कानूनों पर आधारित हैं. भारतीय दंड संहिता को अब भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है, जो 1 जुलाई 2024 से देशभर में लागू है. इसके अतिरिक्त, ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 भी जासूसी के मामलों में लागू होता है. नीचे मुख्य धाराएं और संभावित सजा का विवरण हम आपको बताने जा रहे हैं. दिया

    धारा 152 – भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023
    यह धारा देशद्रोह (sedition) और देश के खिलाफ गतिविधियों से संबंधित है. इसमें ऐसी गतिविधियां शामिल हैं, जो भारत की संप्रभुता, अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, जैसे कि जासूसी या विदेशी शक्ति के साथ मिलकर भारत के खिलाफ कार्य करना.

    सजा: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है. साथ ही दोषी पर जुर्माना भी हो सकता है.

    धारा 147 – भारतीय न्याय संहिता (BNS)
    यह धारा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने या ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से संबंधित है, जिसमें जासूसी के जरिए दुश्मन देश को सहायता देना शामिल हो सकता है.

    सजा: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही दोषी पर जुर्माना भी किया जा सकता है.

    धारा 148 -भारतीय न्याय संहिता (BNS)
    अगर जासूसी में भारत के खिलाफ साजिश रचने का अपराध शामिल है, तो यह धारा लागू हो सकती है.

    सजा: इस धारा के तहत दोषी पाए गए शख्स को आजीवन कारावास या 7 वर्ष तक का कारावास हो सकता है. साथ ही दोषी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 

    धारा 3 – ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923
    यह धारा जासूसी से संबंधित है, जिसमें गोपनीय जानकारी (जैसे सैन्य या रक्षा से जुड़े दस्तावेज) को गलत इरादे से इकट्ठा करना, प्रकाशित करना या विदेशी एजेंट को देना शामिल है.

    सजा: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 14 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है, विशेष रूप से अगर जासूसी रक्षा से संबंधित है तो. इसके साथ बी अन्य मामलों में 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

    धारा 4 – ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923
    विदेशी एजेंटों या संदिग्ध व्यक्तियों के साथ संचार या संपर्क रखना, जो भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक हो.

    सजा: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 2 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है.

    धारा 5 – ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923
    गोपनीय जानकारी को अनधिकृत रूप से साझा करना या उसका दुरुपयोग करना.

    सजा: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना हो सकता है, या फिर दोषी को दोनों ही भुगतना होगा.
    भारतीय दंड संहिता (IPC) (पुरानी धाराएं, अब BNS में समाहित)

    यदि मामला पुराने कानून के तहत दर्ज हुआ है, तो IPC की धारा 120B (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 121 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना), और धारा 124A (देशद्रोह) लागू हो सकती थीं. ये अब BNS की समकक्ष धाराओं (जैसे धारा 152 और 147) में शामिल हैं.

    सजा: धारा 121 के तहत दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है. जबकि धारा 124A के तहत 7 वर्ष तक का कारावास या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

    अन्य कानून:
    राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980: यदि जासूसी से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो, तो इस अधिनियम के तहत निवारक नजरबंदी (preventive detention) लागू हो सकती है.

    गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967: यदि जासूसी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी हो, तो UAPA की धारा 16, 17, या 18 लागू हो सकती हैं.

    सजा: इन कानूनों के तहत दोषी पाए जाने पर 7 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. और कुछ मामलों में मृत्युदंड तक मिल सकता है.

    दोषी पाए जाने पर संभावित सजा
    गंभीर मामलों में (जैसे रक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करना या देश के खिलाफ युद्ध में सहायता) मृत्युदंड या आजीवन कारावास मिल सकता है, साथ में जुर्माना भी हो सकता है. कम गंभीर मामलों में (जैसे गोपनीय जानकारी साझा करना या विदेशी एजेंटों से संपर्क) 2 से 14 वर्ष तक का कारावास मिल सकता है. जुर्माना भी हो सकता है, या फिर दोनों तरह से दोषी को दंडित किया जा सकता है.

    आजीवन कारावास
    BNS और IPC के तहत, आजीवन कारावास का मतलब अपराधी का शेष जीवन जेल में बिताना है. यह हमेशा कठोर कारावास (rigorous imprisonment) होता है, जिसमें कठिन श्रम शामिल हो सकता है.

    जुर्माना
    कई धाराओं में कारावास के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यदि जुर्माना नहीं चुकाया जाता, तो अतिरिक्त कारावास की सजा हो सकती है.

    ज्योति मल्होत्रा और अन्य का मामला
    ज्योति मल्होत्रा, देवेंद्र सिंह, और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामलों में ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3, 4, और 5 के साथ-साथ BNS की धारा 152 का उल्लेख किया गया है. इन धाराओं के तहत, यदि वे दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 14 वर्ष तक का कारावास (ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट) या आजीवन कारावास/मृत्युदंड (BNS धारा 152) हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि जासूसी की गंभीरता और प्रभाव क्या था?



    Source link

    Latest articles

    Keerthy Suresh makes a case for conscious elegance in Rs 57.3K handcrafted look 57 : Bollywood News – Bollywood Hungama

    As Keerthy Suresh promotes her film Uppu Kappu Rambu, now streaming on Amazon...

    Top 5 century makers in home Tests

    Top century makers in home Tests Source link

    New NCERT Class 8 vocational book teaches carpentry, hydroponics, home automation

    The NCERT has introduced a new Class 8 vocational textbook titled Kaushal Bodh...

    More like this