अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास में झंडे को लेकर विवाद हो गया. तत्कालीन राष्ट्रीय सरकार के समय नियुक्त दूतावास कर्मचारियों ने मुत्तकी की तालिबान टीम को इस्लामिक अमीरात का सफेद इस्लामी झंडा नहीं लगाने दिया. बहस के बाद, उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम से झंडे हटा दिए. उनका तर्क था कि भारत सरकार ने अभी तक तालिबान के झंडे को मान्यता नहीं दी है, इसलिए वे उसे नहीं लगने देंगे.
नई दिल्ली स्थित दूतावास परिसर में अब भी अफगानिस्तान की पिछली सरकार का पुराना झंडा लहरा रहा है, जो अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अशरफ गनी के नेतृत्व वाली सरकार का प्रतीक था. भारत सरकार ने तालिबान के नेतृत्व वाले इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को अभी तक आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, जिसके कारण तालिबान सरकार का झंडा दूतावास में अमान्य है. हालांकि, मुत्तकी की टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते समय मेज पर एक छोटा तालिबान झंडा रख दिया. बता दें कि 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान में तख्तापलट करके देश की सत्ता अपने हाथों में ले ली थी.
झंठे को लेकर विवाद की स्थिति क्यों?
नई दिल्ली स्थित दूतावास परिसर से निकलते समय तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा कि यह दूतावास अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य का है. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुत्तकी की बैठक के दौरान भी अफगानिस्तान या भारत का कोई झंडा नहीं लगा था, जो भारत की तटस्थ राजनयिक स्थिति को दर्शाता है. भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ सीमित संपर्क बनाए रखा है, मुख्य रूप से मानवीय सहायता और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर, लेकिन अभी तक पूर्ण राजनयिक मान्यता देने से परहेज किया है.
हालांकि, एस जयशंकर और तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के बीच कल हुई बैठक के बाद भारत ने अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं. भारत ने यह घोषणा की है कि वह काबुल में अपने दूतावास को फिर से खोलेगा, जो 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद बंद कर दिया गया था. मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी नई दिल्ली में अपने राजनयिकों की नियुक्ति करेगी.
आठ दिन के भारत दौरे पर हैं मुत्तकी
तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य अभियान के दौरान तालिबान ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन कभी भारत के खिलाफ बयान नहीं दिया. तालिबान ने हमेशा भारत के साथ अच्छे संबंधों को महत्व दिया है. मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी सैन्य बल को अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देगा. बता दें कि मुत्तकी 8 दिन के भारत दौरे पर हैं. इस दौरान वह कई द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होंगे.
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