हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में एक्शन शुरू हो गया है. चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर समेत उन 13 अधिकारी व पूर्व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, जिनके नाम सुसाइड नोट में लिखे गए थे. यह FIR सेक्टर-11 पुलिस थाने में दर्ज की गई.
2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने अपने कई पन्नों के सुसाइड नोट में कुल 13 अधिकारियों के नाम लिए थे, जिनमें हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेंद्र बिजारनिया के भी नाम हैं. उनके सुसाइड नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार बनाया, जिससे वे मानसिक रूप से टूट गए और यह दुखद कदम उठा रहे हैं.
FIR दर्ज, जांच प्रक्रिया शुरू
गुरुवार को चंडीगढ़ पुलिस ने FIR संख्या 156 दर्ज की. यह एफआईआर BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस का कहना है कि FIR वाई पूरन कुमार के अंतिम सुसाइड नोट में उल्लिखित सभी आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई है. पुलिस के अनुसार, जांच अभी जारी है और सभी साक्ष्यों, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स और प्रशासनिक कागजात की समीक्षा की जा रही है.
IAS पत्नी ने भी पुलिस में दी थी शिकायत
कुमार के आरोपों के आधार पर उनकी पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने भी बुधवार को सेक्टर 11, चंडीगढ़ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में डीजीपी और एसपी रोहतक पर उनके पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, जातिगत भेदभाव करने और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए थे.
अमनीत कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी लिखित पत्र भेजकर मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने अपने पति का पोस्टमार्टम भी रुकवा दिया था. सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम की अनुमति मिलने तक शव को सेक्टर 16 अस्पताल के शवगृह में रखा गया है.
मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप और परिवार से मुलाकात
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मामले में सक्रिय हस्तक्षेप किया. उन्होंने गुरुवार को पहले डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर से मुलाकात की और जांच की स्थिति का जायजा लिया. इसके कुछ ही घंटे बाद मुख्यमंत्री दिवंगत आईपीएस अधिकारी के परिवार से मिलने उनके सेक्टर 11 स्थित आवास पहुंचे. मुख्यमंत्री ने परिवार को भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष और पूरी पारदर्शिता के साथ होगी. उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा और सभी आरोपों की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी.
इसके बाद से ही चर्चा थी कि हरियाणा डीजीपी को छुट्टी पर भेजा जा सकता है. उनकी जगह ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने की संभावना है. इसी तरह रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को भी छुट्टी पर भेजे जाने की चर्चा है.
परिवार की चार प्रमुख मांगें
आईएएस अमनीत कुमार ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में चार प्रमुख मांगें रखी थीं. सुसाइड नोट में नामित सभी व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाए. सभी आरोपियों को तुरंत निलंबित और गिरफ्तार किया जाए ताकि जांच पर कोई प्रभाव न पड़े. परिवार, विशेषकर उनकी दो बेटियों को स्थायी सुरक्षा कवर प्रदान किया जाए. परिवार की गरिमा और अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, क्योंकि वे अभी भी डर और मानसिक दबाव में हैं.
इन मांगों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने FIR दर्ज की और जांच प्रक्रिया शुरू की.
सुसाइड नोट में 13 अफसरों पर आरोप
वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट में कुल 13 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आरोप थे, जिनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.
उन्होंने लिखा कि मेरे बैचमेट्स मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने मिलकर जातिगत उत्पीड़न किया. मैंने गृह मंत्री और मुख्य सचिव को लिखित शिकायत दी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आईपीएस कुलविंदर सिंह ने उन्हें फोन पर चेतावनी दी कि डीजीपी ने आदेश दिया है कि तुम्हें स्थायी रूप से हटाया जाएगा, संभल जाओ. वहीं आईपीएस माटा रवि किरण ने उनके प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे उन्होंने आत्महत्या का मुख्य कारण बताया. उन्होंने अंतिम पन्ने में लिखा मैं अब और नहीं सह सकता. जो लोग मुझे इस स्थिति तक लाए, वही मेरी मौत के जिम्मेदार हैं.
साउंडप्रूफ बेसमेंट में गोली मारकर की थी आत्महत्या
बता दें कि वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को अपने घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में सर्विस गन से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. सुसाइड से एक दिन पहले 6 अक्टूबर को वाई पूरन कुमार ने अपनी वसीयत भी तैयार की थी जिसमें उन्होंने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति पत्नी अमनीत पी. कुमार के नाम की. उसी दिन उन्होंने आत्महत्या नोट भी लिखा और पत्नी को भेजा.
घटना के समय अमनीत पी. कुमार जापान में मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल में थीं. उन्होंने अपने पति को 15 बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. चिंतित होकर उन्होंने अपनी बेटी अमुल्या से संपर्क किया, जिसने घर जाकर अपने पिता को बेसमेंट में मृत पाया.
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