पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर हुए सीक्रेट डील पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है. पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मिलकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जो खिचड़ी पकाई है. इससे इमराखान की पार्टी पीटीआई ने अमेरिका के साथ हो रहे सारे डील का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग की है.
अब ऐसे में सवाल उठता है कि रेयर अर्थ मिनरल्स के अलावा अमेरिका ने पाकिस्तान से और किन-किन चीजों को लेकर सौदेबाजी की है. जिस पाकिस्तान ने अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन ओसामा बिन लादेन को पनाह दे रखी थी, उसमें आखिर ट्रंप इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहे हैं. इसकी वजह है ट्रंप की नजर पाकिस्तान के कई ऐसे संसाधनों पर है, जो अमेरिका को दक्षिण एशिया में पांव पसारने में मदद कर सकता है.
सिर्फ रेयर अर्थ मिनरल्स ही नहीं इन चीजों के लिए भी हुआ है सौदा
पाकिस्तान के द डॉन के मुताबिक, यूएस स्ट्रेटेजिक मेटल्स (यूएसएसएम) ने सितंबर में पाकिस्तान के साथ देश में खनिज प्रसंस्करण और विकास सुविधाएं स्थापित करने के लिए लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए एक पाकिस्तान के साथ समझौता किया है. इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान ने खनिज नमूनों की अपनी पहली खेप अमेरिका भेजी है.
पासनी पोर्ट पर भी है अमेरिका की नजर
इस पर विपक्षी पार्टी पीटीआई के सूचना सचिव शेख वक्कास अकरम ने सरकार से अमेरिका के साथ कथित गुप्त सौदों का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग की. उन्होंने यूएसएसएम शिपमेंट का उल्लेख करते हुए और फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा प्रकाशित दावों के बारे में भी कहा है, जिसमें पासनी पोर्ट को वाशिंगटन को देने की योजना की जानकारी दी गई है.
ईरान और अफगानिस्तान से लगती है पासनी की सीमा
रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के सलाहकारों ने अरब सागर पर एक बंदरगाह बनाने और चलाने के प्रस्ताव के साथ अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया था.
फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, इस योजना में अमेरिकी निवेशकों द्वारा पासनी शहर में पाकिस्तान के महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंचने के लिए एक टर्मिनल का निर्माण और संचालन शामिल है. पासनी, बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर जिले में स्थित एक बंदरगाह शहर है, जिसकी सीमा अफगानिस्तान और ईरान से लगती है.
अमेरिका पोर्ट का सैन्य इस्तेमाल नहीं करेगा
एफटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ब्लूप्रिंट में अमेरिकी सैन्य ठिकानों के लिए बंदरगाह के उपयोग को शामिल नहीं किया गया है. इसके स्थान पर बंदरगाह को खनिज-समृद्ध पश्चिमी प्रांतों से जोड़ने वाले रेल नेटवर्क के लिए विकास वित्त को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.
खनन, ऊर्जा और कृषि में भी अमेरिका करेगा निवेश
आसिम मुनीर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सितंबर में व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक में शरीफ ने कृषि, प्रौद्योगिकी, खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में भी अमेरिकी कंपनियों से निवेश की अपील की थी.
पाकिस्तान के तेल भंडार पर भी है नजर
पाकिस्तान द्वारा अमेरिका को महत्वपूर्ण खनिज और रेयर अर्थ मिनरल्स की आपूर्ति अलावा तेल की माइनिंग को लेकर भी समझौता हुआ है. अल जजीरा के मुताबिक, जुलाई में ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के साथ मिलकर उसके विशाल तेल भंडार के विकास को लेकर वादा किया है. इसके तहत अमेरिकी कंपनी पाकिस्तानी खनिजों में 50 करोड़ डॉलर का निवेश कर रही है.
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