मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले शनिवार को ही परासिया थाना में डॉक्टर प्रवीण सोनी और कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी sresun फार्मासूटिकल के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी.
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया है केस
मामले में ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27(A), बीएनएस की धारा 105 और 276 के तहत केस दर्ज किया गया है. डॉक्टर के खिलाफ परासिया सीएचसी से बीएमओ अंकित सहलाम ने शिकायत की थी. छिंदवाड़ा में मरने वाले ज्यादातर बच्चों को कफ सिरप डॉक्टर प्रवीण सोनी ने ही लिखी थी.
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सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा है 48.6%
जिस सिरप से बच्चों की मौत हुई थी, उसकी जांच रिपोर्ट शनिवार देर रात आई थी. रिपोर्ट में पाया गया कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 48.6% थी. जिससे स्वास्थ्य को गंभीर क्षति पहुंच सकती है.
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: CM मोहन यादव
छिंदवाड़ा जिले में 7 सितंबर से संदिग्ध किडनी संक्रमण के कारण 10 बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 15 सितंबर को कहा, “छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण बच्चों की मौत बेहद दुखद है. इस सिरप की बिक्री पूरे मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित कर दी गई है. इस सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है.”
यह सिरप कांचीपुरम की एक फैक्ट्री में बनाया गया था. घटना के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच कराने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आज सुबह प्राप्त हुई और कड़ी कार्रवाई की गई है. बच्चों की दुखद मौतों के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई जारी है. यादव ने कहा कि मामले की जांच के लिए राज्य स्तर पर एक टीम भी गठित की गई है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
कमलनाथ ने सरकार पर बोला मामला
कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने राज्य सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को पीड़ित परिवारों 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देनी चाहिए. उनका यह बयान मुख्यमंत्री की तरफ से पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मंज़ूरी के बाद आया है.
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नाथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “छिंदवाड़ा में ज़हरीली कफ सिरप पीने से अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. लेकिन यह याद रखना चाहिए कि यह सिर्फ़ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है. मैं मध्य प्रदेश सरकार से मृतक बच्चों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आग्रह करता हूं.”
नाथ ने कहा कि कुछ बीमार बच्चों के परिवार इलाज के लिए अपनी जेब से पैसे दे रहे हैं. उन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार से सभी चिकित्सा खर्चों को पूरा करने का आग्रह किया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने राज्य में नकली और जहरीली दवाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की भी मांग की.
उन्होंने कहा, “सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि राज्य में किस तरह की दवाइयां बिक रही हैं. नकली और जहरीली दवाओं के खिलाफ एक बड़े अभियान की ज़रूरत है, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो. सामने आ रहे तथ्य बताते हैं कि छिंदवाड़ा और पूरे मध्य प्रदेश में बच्चों की जान जोखिम में डाली गई. इस तरह की मिलावट लंबे समय तक अनियंत्रित रही, जिससे “राज्य में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से विफल” हो गया.”
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