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    गाजा पीस प्लान पर बढ़ी तकरार! हमास की चुप्पी से भड़का इजरायल, ट्रंप बोले- शांति समझौता ठुकराया तो तबाही…

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    गाजा में शांति के मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हलचल तेज हो गई है. एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 20 सूत्रीय ‘गाजा पीस प्लान’ सामने आया है, जिसे इजरायल ने मंजूरी दे दी है. दूसरी ओर हमास की चुप्पी और इजरायल की कड़ी प्रतिक्रिया ने हालात और तनावपूर्ण बना दिए हैं.

    दरअसल, ट्रंप और नेतन्याहू द्वारा तैयार गाजा पीस प्लान को लेकर अभी तक भी हमास की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. इसके बाद अब अमेरिका और इजरायल, दोनों ने सख्त रवैया अख्तियार किया है. 

    एक तरफ इजरायल ने समुद्र के रास्ते गाजा जा रही राहत सामग्री को रास्ते में ही रोक दिया है. और कई विदेश सामाजिक कार्यकर्ताओं को इजरायल के बंदरगाहों पर ले गए. तो दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को सीधी धमकी दे दी है.

    इजरायल ने 40 नाव पकड़ी, 200 लोगों हिरासत में

    इजरायली सुरक्षाबलों ने 40 से ज्यादा छोटी नौकाओं पर सवार 37 देशों को 200 से अधिक लोगों को पकडक़र हिरासत में लिया. इन नौकाओं में खाने पीने की चीजें, दवाइयां आदि रखी हुई थीं और इन्हें गाजा ले जाने की कोशिश की जा रही थी. फिलिस्तीन समर्थक कई देशों ने इजरायल की इस कार्रवाई को हमला बताया है. 

    इससे पहले भी कई बार इजरायल ने समुद्री के रास्ते गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने वाले जहाजों को रास्ते में ही रोक दिया था. उसका मानना है कि गाजा पहुंचने वाली राहत सामग्री गाजा के आम लोगों को नहीं बल्कि हमास के काम आती है, क्योंकि वो उसपर कब्जा कर लेता है.

    हमास को ट्रंप की खुली धमकी

    ट्रंप ने शुक्रवार को हमास को दो दिन का सख्त अल्टीमेटम देते हुए कहा कि वाशिंगटन डी.सी. के समयानुसार रविवार शाम 6 बजे तक हमास के साथ एक समझौता हो जाना चाहिए. सभी देशों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अगर ये समझौता नहीं हुआ, तो हमास के खिलाफ ऐसी भयावह कार्रवाई की जाएगी, जो पहले कभी नहीं देखी गई.

    7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले को नरसंहार करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास को मिडिल ईस्ट में कई वर्षों से मौजूद एक क्रूर और हिंसक खतरा बताया है. ट्रंप ने अपने लंबे ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा कि हमास ने इजरायल में मासूम बच्चों, महिलाओं, बुज़ुर्गों और अनेक युवक-युवतियों की हत्या की है और लोगों का जीवन असहनीय बना दिया है.  

    उन्होंने कहा कि इसका चरम 7 अक्टूबर के नरसंहार में दिखा, जब लोग अपने फ्यूचर को लेकर जश्न मनाने की तैयारी कर रहे थे. बता दें कि मानव सभ्यता पर हुए इस हमले के प्रतिशोध में अब तक 25000 से अधिक हमास सैनिक मारे जा चुके हैं.

    ट्रंप ने निर्दोष फिलिस्तीनियों से गाज़ा में सुरक्षित जगहों पर चले जाने की गुज़ारिश की और चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि कई लोग उनके निशाने पर हैं, उनकी जान तुरंत खत्म कर दी जाएगी. हम जानते हैं कि आप कहां हैं और आप कौन हैं. आपको ढूंढकर मार दिया जाएगा.

    पाकिस्तान का समझौते पर यू-टर्न

    पाकिस्तान की सियासत में भी गाजा मुद्दे को लेकर भूचाल आ गया है. कारण, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर पर इजरायल और अमेरिका के दबाव में आने के आरोप लग रहे हैं।

    इस बीच पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि गाजा में चल रहा इजरायली युद्ध खत्म करने के लिए ट्रंप ने जो 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है, वो मुस्लिम देशों के तैयार किए गए प्रस्ताव से मेल नहीं खाता.

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत अन्य मुस्लिम देशों के नेताओं ने जिस प्रस्ताव का समर्थन किया था, उसे बदल दिया गया है जो कि पुराने वाले से अलग है.

    इससे पहले हफ्ते की शुरुआत में एक टीवी इंटरव्यू में भी डार ने कहा था कि गाजा पीस प्लान अमेरिका की पहल है, पाकिस्तान की तरफ से तैयार किया गया ड्राफ्ट नहीं है. उन्होंने कहा था,
    ‘यह हमारा डॉक्यूमेंट नहीं है. कुछ अहम बिंदुओं पर हम असहमत हैं जिसपर ध्यान दिया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’ 

    पीस प्लान में बदलाव के आरोप

    इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए व्हाइट हाउस गए थे. और इन दोनों के बीच हुई मीटिंग के बाद जो प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, इसमें हमास को गाजा युद्ध खत्म करने और शांति लाने का एक प्रस्ताव दिया गया था.

    अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक विशेष प्लान के बारे में बताया था, जिसे डोनाल्ड ट्रंप का बीस सूत्रीय Gaza Peace Plan कहा गया है. इसके तहत उन्होंने इजरायल और हमास से शांति की अपील की है. इस प्लान पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी राजी हैं.

    वहीं 30 सितंबर को आठ मुस्लिम और अरब देशों- मिस्र, जॉर्डन, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान जारी कर ट्रंप की योजना का समर्थन किया. लेकिन अगले ही दिन यह खुलासा हुआ कि हमास को जो शांति प्रस्ताव दिया गया, उसके अहम हिस्से बदल दिए गए हैं.

    गाजा पीस प्लान में क्या बदलाव किए गए हैं?

    द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, नेतन्याहू गाजा से इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) की वापसी और हमास के निरस्त्रीकरण से संबंधित ट्रंप के प्रस्ताव में आखिरी समय में महत्वपूर्ण बदलाव करवाने में कामयाब रहे.

    मूल योजना में कहा गया था कि इजरायली सेनाएं अपनी युद्ध रेखा पर लौट जाएंगी और बंधकों की रिहाई की तैयारी होगी. लेकिन बदले हुए संस्करण में लिखा गया कि इजरायली सेनाएं सहमति वाली नई रेखा तक ही लौटेंगी. इसका मतलब यह हुआ कि सेना गाजा के बड़े हिस्से में बनी रह सकती है.

    इसी तरह, मूल समझौते में यह प्रावधान था कि हमास के शांतिपूर्ण रहने वाले सदस्यों को माफी दी जाएगी. लेकिन बदलकर यह कर दिया गया कि उन्हें अपने हथियार भी डालने होंगे. यानी यह शर्त हमास के लिए कहीं ज्यादा कठोर है.

    क्या है ट्रंप का गाजा पीस प्लान

    इस पीस प्लान के मुताबिक गाजा को आतंकवाद और कट्टरपंथ मुक्त बनाया जाएगा और वहां के लोगों के हित में विकास कार्य किए जाएंगे. इजरायल-हमास युद्ध तुरंत समाप्त किया जाएगा और इजरायली सेना हमले बंद कर देगी. इजरायल के द्वारा सार्वजनिक रूप से युद्धविराम स्वीकार करने के 72 घंटे के अंदर हमास को सारे इजरायली बंधक लौटाने होंगे. हमास के द्वारा इजरायली बंधकों को रिहा करते ही, इजरायल भी उम्रकैद वाले फिलिस्तीनी कैदियों और अन्य गाजावासियों को रिहा कर देगा. हमास के जो आतंकी सरेंडर करेंगे या गाजा छोड़ना चाहेंगे, उन्हें माफ किया जाएगा और जाने दिया जाएगा. 

    इसमें आगे कहा गया है कि UN, Red Crescent और अन्य संगठनों की मदद से गाजा में राहत सामग्री भेजी जाएगी और अस्पताल, बेकरी जैसी जरूरी सुविधाओं के बुनियादी ढांचे की मरम्मत होगी. गाजा का प्रशासन एक विशेष अस्थाई समिति चलाएगी, जिसकी निगरानी ‘Board Of Peace’ करेगा. ‘Board Of Peace’ का नेतृत्व खुद ट्रंप करेंगे और इसमें कई देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं होंगी. जिनका काम गाजा का पुनर्निर्माण होगा. 

    इसके अलावा इसमें यह भी कहा गया है कि गाजा के प्रशासन में हमास या अन्य कट्टरपंथी गुटों की कोई भागीदारी नहीं रखी जाएगी. और किसी भी गाजावासी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. गाजा में कानून व्यवस्था बनाने के लिए International Stabilisation Force तैनात की जाएगी. इसे अमेरिका, अरब देश और अन्य साझेदार देश मिलकर तैयार करेंगे. इजरायल,गाजा पर कब्जा या उसके किसी क्षेत्र का विलय नहीं करेगा और International Stabilisation Force के तैनात होते ही इजरायली सेना अपनी सीमाओं पर लौट जाएगी.

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