माथे पर त्रिपुंड, कंधे पर गेरुआ वस्त्र और होंठों पर नैतिकता, वेदांत और प्रबंधन के प्रवचन… दिल्ली में लग्जरी गाड़ियां, गाड़ी पर राजनयिक नंबर प्लेट और लग्जरी लाइ… दिखने में स्वामी, व्यवहार में मैनेजमेंट गुरू और लाइफस्टाइल में किसी बड़े कॉर्पोरेट टायकून जैसे ठाठ… यही छवि थी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी की, जो अब यौन शोषण और फर्जीवाड़े के आरोपों में गिरफ्तार है.
चैतन्यानंद का बायोडाटा चौंकाने वाला है. उसने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में शुमार यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो- बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से मैनेजमेंट की पढ़ाई की. उसने एमबीए और मैनेजमेंट में पीएचडी की डिग्रियां हासिल कीं. इस यूनिवर्सिटी के छात्र रहे दस दिग्गज अब तक नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं.
इसी डिग्री और वैश्विक exposure के दम पर चैतन्यानंद ने खुद को एक मैनेजमेंट गुरू के रूप में पेश किया. उसके लेख नामी-गिरामी जर्नल्स में छपे. किताबें लिखीं. कॉर्पोरेट और आध्यात्मिकता के मेल का मॉडल गढ़ा. अंग्रेजी में उसकी पकड़ और फर्राटेदार बोलने की शैली ने दिल्ली और मुंबई की कॉर्पोरेट और अकादमिक दुनिया को प्रभावित किया.
दिल्ली में संस्थान, आश्रम और गवर्निंग पावर
दिल्ली के पॉश इलाके में उसकी कोठी थी, जो एक साथ आश्रम, मठ और मैनेजमेंट संस्थान- श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट (SRISIIM) के रूप में जानी जाती थी. यहां मैनेजमेंट की शिक्षा दी जाती थी और ‘भारतीय परंपरा और आधुनिक प्रबंधन’ के मेल का पाठ पढ़ाया जाता था.
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संस्थान की गवर्निंग काउंसिल में चैतन्यानंद का दबदबा था. वह खुद को न केवल आध्यात्मिक नेता बल्कि एक प्रख्यात शिक्षाविद और थिंकर के रूप में पेश करता था. उसके सेमिनार और लेक्चर भव्य होटल्स और बड़े मंचों पर होते थे.
लक्जरी लाइफ और ‘डिप्लोमैटिक’ रुआब
बाबा का शौक और अंदाज किसी संन्यासी का नहीं बल्कि एक राजनयिक या अरबपति का लगता था. दिल्ली की सड़कों पर वह वोल्वो जैसी महंगी गाड़ियों में घूमता. उसकी कार पर राजनयिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी हुई थी, जो बाद में पुलिस जांच में फर्जी निकली.
विदेशी डिग्री का रुआब, अंग्रेजी का जलवा और ‘डिप्लोमैटिक’ ठाठ- इन सबसे उसकी छवि छात्रों और भक्तों के बीच बड़ी दिखती थी.
छात्राओं के लिए ‘डर्टी गेम्स’ की पाठशाला
लेकिन इस चमकदार चेहरे के पीछे घिनौना रूप छिपा था. आरोपों के मुताबिक, चैतन्यानंद ने अपने ही संस्थान को ‘डर्टी गेम्स की पाठशाला’ बना दिया. FIR और पीड़िताओं के बयानों के अनुसार-
- गरीब (EWS) वर्ग की छात्राओं को रात में कमरे में बुलाता था.
- देर रात अश्लील चैट करता था और अनुचित प्रस्ताव देता था.
- डीन और स्टाफ के जरिए छात्राओं पर दबाव डलवाता था.
- विदेश यात्रा पर साथ चलने के लिए मजबूर करता था.
- विरोध करने पर डिग्री रोकने या संस्थान से निकालने की धमकी देता था.
- सुरक्षा के नाम पर छात्राओं के हॉस्टल और यहां तक कि टॉयलेट में कैमरे लगवाए.
- एक छात्रा का जबरन नाम बदलवाया.
FIR और पीठम का कदम
23 जुलाई 2025 को ही श्रृंगेरी पीठम् ने छात्राओं की शिकायत पर वसंत कुंज थाने में FIR (नंबर 320/2025) दर्ज कराई. इसके साथ ही पीठम् ने चैतन्यानंद से पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द किया और 11 सदस्यीय नई गवर्निंग काउंसिल गठित कर दी. इसके बावजूद बाबा बेफिक्र रहा और अपनी गतिविधियां जारी रखीं.
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मामला तब और गंभीर हो गया जब 1 अगस्त को भारतीय वायुसेना मुख्यालय के शिक्षा निदेशालय ने पीठम् को ईमेल भेजा. इस ईमेल में संस्थान की छात्राओं की शिकायतें विस्तार से दी गई थीं.
जब 3 अगस्त को गवर्निंग काउंसिल की बैठक में छात्राओं के बयान सुने गए तो वहां चैतन्यानंद की करतूतों का पूरा ‘काला चिट्ठा’ खुलकर सामने आया.
इसके बाद 4-5 अगस्त को दूसरी FIR दर्ज कराई गई. इस बार शिकायत के साथ 300 पन्नों का सबूत पुलिस को सौंपा गया.
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की. बाबा लगातार लोकेशन बदलता रहा. पुलिस ने कभी दिल्ली, कभी यूपी, कभी हरियाणा-पंजाब-राजस्थान में तलाश की. वह अलग-अलग नंबर बदलता रहा. अंततः पुलिस ने उसे आगरा से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि बाबा की लोकेशन यूपी के आगरा में मिल रही थी, जिसके बाद पुलिस ने तलाश शुरू की. वह कई दिन से आगरा में छिपा था. उसे बीती रात करीब साढ़े तीन बजे आगरा से अरेस्ट किया गया है. पुलिस उससे पूछताछ में जुटी है.
पहले भी विवादों में रहा फर्जी बाबा
यह पहला मौका नहीं था जब चैतन्यानंद का नाम ऐसे मामलों में आया. साल 2009 में भी उस पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे और केस दर्ज हुआ था. मगर तब न तो उसका रसूख कम हुआ और न ही उसका ‘खेल’.
इंस्टीट्यूट के एक पूर्व छात्र ने आरोप लगाया कि यहां लड़कियों का ‘चयन’ होता था. उन्हें विदेश भेजने का लालच दिया जाता और कॉम्प्रोमाइज करने के लिए दबाव बनाया जाता. यानी बाबा का नेटवर्क संस्थान की हर गतिविधि में गहराई से जकड़ा हुआ था.
बाबा की ‘किताबी छवि’ बनाम ‘जमीनी सच्चाई’
विडंबना यह है कि यही चैतन्यानंद मैनेजमेंट, नीति और नैतिकता पर किताबें लिखता था. उसके लेक्चर वीडियोज में मौजूद हैं. वह छात्रों को ‘लीडरशिप’, ‘वैल्यूज’ और ‘एथिक्स’ सिखाने का दावा करता था. लेकिन उसी के संस्थान की छात्राएं कह रही हैं कि बाबा घिनौने काम करता था.
चमकदार आवरण से आरोपी तक
शिकागो बूथ से डिग्री, अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्र, दिल्ली का पॉश संस्थान… गेरुआ चोला और आध्यात्मिक शब्दावली… लग्जरी गाड़ियां और डिप्लोमैटिक ठाठ… इन सबके आवरण में छिपा था एक ऐसा शख्स, जिस पर अपनी ही छात्राओं का शोषण करने और करियर बर्बाद करने के आरोप लगे हैं. अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, 17 छात्राओं ने चैतन्यानंद पर यौन शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया है. छात्राओं ने कहा कि उन्हें वॉट्सऐप पर अश्लील मैसेज आते, रात को बुलाया जाता और मना करने पर धमकियां दी जातीं.
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