कनाडा में प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह के प्रमुख आयोजक और घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी सहयोगी इंदरजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे लाइसेंस के हथियार रखने से संबंधित कई आरोपों में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी 22 सितंबर को ओटावा में हुई.
गोसल को पुलिस ने दो साथियों के साथ ब्रैम्पटन से ओटावा जाते वक्त बिना लाइसेंस के हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया. तीनों व्यक्ति अभी भी हिरासत में हैं और उन पर औपचारिक आरोप लगाए जा सकते हैं और उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.
यह गिरफ्तारी 19 सितंबर को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके कनाडाई समकक्ष नथाली जी. ड्रौइन के बीच हुई एक हाई-लेवल मीटिंग के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जहां दोनों देशों ने आतंकवाद-रोधी और इंटरनेशनल क्राइम पर सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई थी.
अमेरिका से चलता है संगठन
कथित तौर पर भारतीय एजेंसियों ने ओटावा को गोसल के बारे में विस्तृत दस्तावेज़ उपलब्ध कराए हैं, जिनमें वित्तीय लेन-देन और पन्नू से उसके सीधे संबंध के सबूत शामिल हैं. पन्नू, एसएफजे का महासचिव है. एसएफजे, एक अमेरिकी संगठन है जो पंजाब में एक स्वतंत्र सिख राज्य की स्थापना के लिए “खालिस्तान जनमत संग्रह” की वकालत करता है. एसएफजे को भारत में एक आतंकवादी संगठन के रूप में बैन किया गया है, और पन्नू को खुद नई दिल्ली ने आतंकवादी घोषित किया है.
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पन्नू का दाहिना हाथ है इंदरजीत
इंदरजीत गोसल को खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू का दाहिना हाथ माना जाता है, जो भारत में एक प्रमुख संगठन, सिख फॉर जस्टिस (SJF) का प्रमुख और घोषित आतंकवादी है. वह पन्नू के निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) के रूप में भी काम कर चुका है.
पन्नू, अमेरिका और कनाडा दोनों देशों का नागरिक है. वह मूल रूप से पंजाब का रहने वाला है. भारत सरकार द्वारा उसके संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के एक साल बाद, जुलाई 2020 में भारत के गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा उसे ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ घोषित किया गया था. अधिकारियों ने SFJ और पन्नू के खिलाफ 100 से ज़्यादा मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से करीब 60 अकेले पंजाब में हैं.
एक साल के अंदर दूसरी गिरफ़्तारी
इंदरजीत गोसल को एक साल से भी कम वक्त में कनाडा पुलिस ने दूसरी बार गिरफ़्तार किया है. उसे पिछले साल नवंबर (2024) में ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) स्थित एक हिंदू मंदिर में हुई हिंसक घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था, जहां उसने कथित तौर पर हिंदू-कनाडाई श्रद्धालुओं पर हमला किया था. गोसल पर हथियार से हमला करने का आरोप था. इस घटना की भारत ने तीखी निंदा की थी और इसे “चरमपंथी हिंसा” करार दिया था.
हालांकि, पील क्षेत्रीय पुलिस (PRP) ने उसे सशर्त रिहा कर दिया था. उस वक्त अधिकारियों ने बताया कि गोसल कनाडा में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के मुख्य आयोजक के रूप में काम कर रहा था.यह भी पढ़ें: क्या ‘सिख फॉर जस्टिस’ समेत खालिस्तानी संगठनों को बैन कर सकता है रूस, पहले भी लगा चुका है पाबंदियां?
निज्जर की हत्या…
जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे (Surrey) में SFJ के एक अन्य नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद, इंदरजीत गोसल खालिस्तानी आंदोलन में प्रमुखता से सामने आया. निज्जर की मौत के भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.
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