बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘कोई दूसरा विकल्प नहीं है. तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा होंगे.’
सांसद ने महागठबंधन की एकजुटता और जनता के सामने तेजस्वी यादव के नेतृत्व को प्रमुख बताते हुए कहा कि उनका नाम ही बिहार में विकास और बदलाव का प्रतीक है. उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि सभी गठबंधन दलों को मिलकर तेजस्वी यादव को CM चेहरा बनाने के लिए काम करना चाहिए.
अखिलेश प्रसाद सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में चुनावी प्रचार और राजनीतिक सरगर्मी तेज हो रही है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि महागठबंधन में किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में नहीं देखा जा रहा और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही गठबंधन मजबूत होकर चुनाव मैदान में उतरेगा.
इस बयान के बाद महागठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर सुगबुगाहट कम होने और चुनावी रणनीति पर फोकस बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
कलम बांटने पर गरमाई सियासत
उधर, बिहार की राजनीति में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ‘कलम बांटने’ को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है. बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह कलम बांट नहीं रहे, बल्कि फेंक रहे हैं. उन्होंने तंज कसा कि पहले तेजस्वी को खुद कलम का सही इस्तेमाल सीखना चाहिए, उसके बाद दूसरों को शिक्षा देने की बात करनी चाहिए. गिरिराज ने यह भी कहा कि जो लोग चोरी के मामले में दोषी हैं, उन्हें हर जगह चोर ही नजर आते हैं.
गिरिराज सिंह ने तेजस्वी के एनडीए पर हथियार बांटने का आरोप लगाने पर कहा कि तेजस्वी अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि पिता जैसा काम करते थे, बेटा वैसा ही कर रहा है. उनका कहना था कि विरोधियों की नजर में हमेशा विरोधी ही दोषी दिखते हैं.
मृत्युंजय तिवारी ने क्या जवाब दिया?
वहीं, आरजेडी ने इसका जवाब भी दिया. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार अधिकार यात्रा में उमड़ी भारी भीड़ से विरोधी बौखला गए हैं. उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव का अभियान अब unstoppable है और विजय के साथ ही आगे बढ़ेगा. तिवारी ने यह भी कहा कि जिस मोकामा क्षेत्र में पहले AK–47 बांटी जाती थी, वहीं तेजस्वी ने कलम बांटकर शिक्षा और बदलाव का संदेश दिया है.
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