चीन के वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी खोज की है – दुनिया का पहला ‘बोन ग्लू’ (हड्डी का चिपकने वाला पदार्थ), जो टूटी हड्डियों को 2-3 मिनट में जोड़ देता है. यह सामग्री सीपों से प्रेरित है. पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल है, यानी 6 महीने में शरीर में घुल जाती है. इससे मेटल इम्प्लांट की जरूरत नहीं पड़ेगी.
बोन ग्लू क्या है?
चीन के वैज्ञानिकों ने ‘बोन 02’ नामक बायोमटेरियल विकसित किया है, जो हड्डियों को चिपकाने के लिए इस्तेमाल होता है. यह सामग्री सीपों से प्रेरित है, जो समुद्र में मजबूती से चिपक जाते हैं. डॉ. लिन जियानफेंग ने देखा कि सीप लहरों और धाराओं में भी नहीं हिलते, तो क्या हड्डियों को खून से भरे माहौल में चिपकाया जा सकता है?
यह भी पढ़ें: अलास्का में ग्लेशियर से बनी झील पिघली तो निकल आया आईलैंड
इसी विचार से यह बोन ग्लू बना. यह ग्लू 200 kg से ज्यादा की चिपकने की ताकत रखता है. सर्जरी के दौरान इसे लगाने से टूटी हड्डियां 2-3 मिनट में जुड़ जाती हैं. पुरानी विधि में धातु के इम्प्लांट लगाने पड़ते हैं, जो हटाने के लिए दूसरी सर्जरी की जरूरत डालते हैं. लेकिन बोन ग्लू 6 महीने में हड्डी ठीक होने पर खुद घुल जाता है, बिना दूसरी सर्जरी के.
यह भी पढ़ें: कितना ताकतवर है अक्टूबर में मिलने वाला तेजस-Mk1A फाइटर जेट?
कैसे काम करता है बोन ग्लू?
बोन ग्लू को सर्जरी में लगाने से पहले यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है. खून से भरे माहौल में भी यह मजबूती से चिपक जाता है. वैज्ञानिकों ने 50 से ज्यादा फॉर्मूले टेस्ट किए और सैकड़ों प्रयोग किए. यह सामग्री बायोसेफ (शरीर के लिए सुरक्षित) है. हड्डी को ठीक होने में मदद करती है.
चीन के वेंजोउ में डॉ. लिन की टीम ने इसे विकसित किया. अब तक 150 से ज्यादा मरीजों पर टेस्ट हो चुका है, और सभी सुरक्षित और प्रभावी पाए गए. यह हड्डियों के टूटने, फ्रैक्चर और ऑर्थोपेडिक सर्जरी में क्रांति लाएगा. पारंपरिक इम्प्लांट से बचाव होगा. सर्जरी का समय कम होगा.
दुनिया में हड्डी टूटने की समस्या
हर साल दुनिया भर में करोड़ों लोग हड्डी टूटने की समस्या से जूझते हैं. पारंपरिक तरीके महंगे और दर्दनाक हैं. धातु इम्प्लांट लगाने से संक्रमण या दूसरी सर्जरी का खतरा रहता है. बोन ग्लू इस समस्या का समाधान है. यह पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल है, यानी शरीर में घुल जाता है. चीन ने इसके लिए चीनी और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट (PCT) के लिए आवेदन किया है.
Chinese researchers on Tuesday unveiled their self-developed world’s first “bone glue” material capable of securely bonding fractured bone fragments within 2-3 minutes in a blood-rich environment.
Inspired by oysters, this new biomaterial, with a maximum adhesion strength of over… pic.twitter.com/7ozvRrQBP0— China Science (@ChinaScience) September 10, 2025
—- समाप्त —-