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    करिश्मा का जल गया था पांव, शिल्पा पर मां रखती थीं नजर, एक्ट्रेसेज ने शेयर किए डेब्यू फिल्म के अनुभव

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    करिश्मा कपूर और शिल्पा शेट्टी 90s की सुपरहिट हीरोइनों में शुमार रही हैं. दोनों की खूबसूरती और अदाओं के फैंस आज भी कायल हैं. शिल्पा ने 1993 में बाजीगर से डेब्यू किया था तो वहीं करिश्मा ने 1991 में प्रेम कैदी फिल्म से शोबिज में कदम रखा था. 

    अब सुपर डांस चैप्टर्स रिएलिटी शो में दोनों ने अपने-अपने एक्सपीरियंस पर बात की हैं. करिश्मा ने बताया कि कैसे शूटिंग के वक्त उनके पैर जलने लगे थे, तो वहीं शिल्पा ने खुलासा किया क्यों उनकी मां उनपर नजर रखे होती थीं.

    करिश्मा ने नंगे पैर किया था शूट

    करिश्मा ने बताया कि प्रोड्यूसर डी. रामानायडू ने उन्हें अप्रोच किया था, वो अपनी तेलुगू फिल्म का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे. करिश्मा बोलीं- मैंने फिल्म देखी तो मुझे फील आया कि ये मुझे करना है. मैंने अपनी लाइफ में कभी कुछ प्लान नहीं किया. लेकिन तब मैंने डिसाइड किया कि ये चांस ले लेती हूं. उसके बाद तो आप देख ही रहे हैं, जिंदगी निकल गई. 

    91 के हिसाब से प्रेम कैदी बहुत ही हिम्मती कहानी थी. वो किरदार बहुत डेयरिंग था. हम तब हैदराबाद में शूटिंग करते थे, बिना चप्पलों के 45 डिग्री की गर्मी में. पांव जल रहे थे, छाले पड़ रहे थे, लेकिन काम चालू था. तो वो जो खून-पसीना एक करने वाली चीज थी कि काम करना है, उसी ने आज मुझे करिश्मा बनाया है. इसलिए आज भी मैं आगे काम कर पा रही हूं, वही वजह है.

    शिल्पा पर मां रखती थीं नजर?

    शिल्पा शेट्टी ने भी अपना एक्सपीरियंस शेयर किया और बताया कि उन्हें नहीं लगा था कि वो एक्टिंग में अपना करियर बनाएंगी. शिल्पा बोलीं- उस जमाने में मॉनिटर नहीं हुआ करते थे, जिससे हमें पता चले कि हमने क्या काम किया है. तो डायरेक्टर के पीछे सुपर डायरेक्टर मेरी मां हुआ करती थीं. मैं पीछे देखती थी कि मम्मी को कैसा लगा, तो फिर वो इशारे से बताती थीं कि ‘ठीक था.’ अगर वो बोलतीं कि एक और टेक दो, तो मैं डायरेक्टर से मांगती थी एक और टेक. 

    आगे शिल्पा ने शो के कंटेस्टेंट्स की मम्मियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि- कितना सैक्रिफाइस देखिए एक मां अपने बच्चे के लिए करती है. बिल्कुल इन मम्मियों की तरह मेरी मां सुबह मेरे साथ उठती थीं. सुबह 7 बजे की अगर शिफ्ट होती थी तो वो मेरे साथ सुबह 5:30 बजे उठती थीं. मेरे साथ सेट पर आती थीं, मेरे पिता से दूर रहकर वो मेरे साथ आउटडोर शूट में जाती थीं. मेरे साथ ट्रैवल करती थीं. इसलिए वो शायद मेरी दोस्त ज्यादा बन गई थीं. मैंने 17 से लेकर 22 की उम्र तक का वक्त मम्मी के साथ ज्यादा बिताया था. उससे पहले तो वो क्योंकि अपने काम पर जाती थीं, तो मेरा साथ उन्होंने बहुत दिया है.

    —- समाप्त —-



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