अफगानिस्तान में भूकंप आने का सिलसिला जारी है. आज (शुक्रवार) को पूर्वी अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे के लगभग एक और तेज भूकंप आया, जिसने लोगों में दहशत और भय पैदा कर दिया. यह भूकंप लगभग 4.8 तीव्रता का था और इसका केंद्र जलालाबाद से करीब 41 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था.
भूकंप का यह झटका इतना ज़ोरदार था कि आस-पास के इलाके में लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों से बाहर निकल गए. अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुक़सान की सूचना नहीं है.
एक सप्ताह में आए तीन भूकंप
पिछले एक सप्ताह में अफगानिस्तान में चार जोरदार भूकंप आए, जिससे क्षेत्र में रहने वाले लोगों में भय बैठ गया. भूकंप की वजह से न केवल लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे मकानों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचा है.
31 अगस्त की देर रात 6.2 तीव्रता की भूकंप आई थी, इसका केंद्र जलालाबाद के पास, 8-10 किलोमीटर गहराई में था. इस विनाशकारी भूकंप की वजह से 2200 से अधिक लोगों की जान चली गई और 3600 से ज्यादा लोग घायल हुए. भूकंप पीड़ितों की मदद करने वाले सहायता एजेंसी के अनुसार, 84 हज़ार लोग भूकंप की वजह से प्रभावित हुए और हजारों लोग विस्थापित हुए.
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सबसे ज्यादा प्रभावित कुनर और नंगरहार जिले हुए. यहां तो सैंकड़ों घर पूरी तरह से नष्ट हो गए. स्थानीय मीडिया के अनुसार, 6700 से अधिक घर ढह गए और लोग अब खुले में रहने के लिए मजबूर हैं. यही नहीं, अस्पताल भी घायलों से भर गए. प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाना कठिन है. क्योंकि सड़कों पर भूस्खलन के बाद मलबा जमा है.
इसके अलावा, गुरुवार (4 सितंबर) को भी अफगानिस्तान में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 6.2 रही. इसका केंद्र पाकिस्तान सीमा के क़रीब शिवा जिले के पास था.
2 सितंबर को भी अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 5.5 रही थी. इस भूकंप की वजह से राहत बचाव कार्य बाधित हुआ.
बचाव और राहत कार्य
तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान में आर्थिक संकट और गहरा गया है. इस बीच भूकंप ने और तबाही मचा दी. अंतरराष्ट्रीय एजेंसी, तालिबान प्रशासन और स्थानीय एनजीओ राहत कार्य में जुटे हैं. लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर और सेना की मदद ले जा रही है.
भारत ने भेजी राहत सामग्री
भारत और अफगानिस्तान एक अच्छा मित्र देश है. इस संकट के घड़ी में भारत ने आगे आकर अफगानिस्तान को मानवीय राहत और सहायता प्रदान की है. भारत ने क़रीब 21 टन राहत सामग्री काबूल भेजी है, जिसमें दवा, पानी के टैंक, स्वच्छता किट, जेनरेटर से आकर मेडिकल सप्लाई शामिल हैं.
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