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    जानिए कौन हैं भारतीय मूल के वो चार चेहरे, जिन्हें कनाडा की नई कैबिनेट में मिली अहम जिम्मेदारी

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    कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में अपनी 28 सदस्यीय नई कैबिनेट की घोषणा की है, जिसमें चार भारतीय मूल के सांसदों को शामिल किया गया है. इनमें सबसे प्रमुख नाम अनीता आनंद का है, जिन्हें कनाडा का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. इससे पहले मार्च में जस्टिन ट्रूडो से पदभार संभालने के बाद कार्नी ने 24 सदस्यीय कैबिनेट बनाई थी, जिसमें दो भारतीय मूल के मंत्री थे.

    28 अप्रैल को हुए संघीय चुनाव में लिबरल पार्टी की जीत के बाद कार्नी ने यह कैबिनेट गठित की. उन्होंने कहा कि यह टीम अमेरिका के साथ सुरक्षा और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने, जीवन यापन की लागत कम करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है.

    अनीता आनंद: कनाडा की पहली हिंदू विदेश मंत्री

    57 वर्षीय अनीता आनंद ने भगवद गीता पर हाथ रखकर विदेश मंत्री पद की शपथ ली. वे इससे पहले रक्षा और नवाचार मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुकी हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान वे वैक्सीन आपूर्ति की प्रमुख प्रभारी थीं. अनीता का जन्म नोवा स्कोटिया के केंटविल में हुआ था. उनके पिता तमिल और मां पंजाबी मूल की हैं. उनके माता-पिता दोनों ही डॉक्टर थे और 1960 के दशक की शुरुआत में भारत से कनाडा चले गए थे.

    यह भी पढ़ें: गीता पर हाथ रखकर ली शपथ, बेहतर दुनिया बनाने का किया वादा… जानें कौन हैं कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद

    अनीता आनंद ने डलहौजी विश्वविद्यालय, टोरंटो विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी की डिग्री प्राप्त की. वह येल और ऑक्सफोर्ड जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ में कानून पढ़ा चुकी हैं. 

    मनिंदर सिद्धू: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री

    ब्रैम्पटन ईस्ट से सांसद मनिंदर सिद्धू को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. उनका कार्यकाल अमेरिका से व्यापारिक विवादों के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सिद्धू पंजाब से हैं और बचपन में कनाडा आ गए थे. वे पहले कई मंत्रियों के संसदीय सचिव रह चुके हैं.

    रूबी सहोता: अपराध नियंत्रण मामलों की सचिव

    रूबी सहोता को अपराध नियंत्रण मामलों के लिए राज्य सचिव बनाया गया है. वे 2015 से ब्रैम्पटन नॉर्थ से सांसद हैं. वे पहले वकील थीं और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर काम करती रही हैं. उन्होंने सस्केचेवान विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की और सार्वजनिक सेवा में करियर बनाने से पहले उनकी पृष्ठभूमि आव्रजन और पारिवारिक कानून से संबंधित रही है.

    कनाडा के नेशनल पोस्ट के अनुसार, “टोरंटो की मूल निवासी पहले अमेरिका में एक प्रैक्टिसिंग वकील थीं, जो वाणिज्यिक कानून में दक्ष मानी जाती हैं.”

    रणदीप सराय: अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों के सचिव

    सरे सेंटर से सांसद रणदीप सराय को अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों का राज्य सचिव बनाया गया है. वे विदेशों में कनाडा की मदद और सहयोग योजनाओं को देखेंगे. यह संसद सदस्य के रूप में सराय का चौथा कार्यकाल है. वे पहली बार 2015 में चुने गए थे और 2019 और 2021 में फिर से चुने गए.

    यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया बना भारतीय छात्रों का सबसे पसंदीदा स्टडी डेस्टिनेशन, कनाडा से हुआ मोहभंग

    अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए राज्य सचिव के रूप में, सराय मानवीय सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा पहल और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों सहित कनाडा के वैश्विक सहायता प्रयासों की देखरेख में मदद करेंगे.

    रिकॉर्ड भारतीय मूल के सांसद
    इस चुनाव में भारतीय मूल के कुल 22 उम्मीदवार संसद पहुंचे हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड है. पिछली संसद में यह संख्या 17 थी. यह दर्शाता है कि कनाडा की राजनीति में भारतीय मूल के नेताओं का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. हैरान करने वाली बात यह रही कि एनडीपी नेता जगमीत सिंह अपनी सीट हार गए हैं. 



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