दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को लेकर पुलिस अब उन सवालों के जवाब तलाश रही है, जिन पर इस पूरे मामले की साजिश और गहरी होती नजर आ रही है. आरोपी राजेश भाई खिमजी के मोबाइल से कई अहम नंबर मिले हैं, जिन पर वह हमले से पहले और बाद तक लगातार बात करता रहा. पुलिस ने मोबाइल जब्त कर लिया है और इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि सारे नंबर गुजरात के हैं और आरोपी पिछले 24 घंटे से इन्हीं पर सक्रिय था.
दरअसल, बुधवार सुबह सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री कैम्प ऑफिस पर ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हुए हमले ने पूरे दिल्ली राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी. सुबह करीब 8:15 बजे जब आम लोग अपनी समस्याएं लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे, तभी आरोपी राजेश ने शिकायतकर्ता बनकर एंट्री ली और अचानक सीएम पर हमला कर दिया. मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह उसे काबू में किया. लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री को हाथ, कंधे और सिर में चोटें आईं.
आरोपी के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1)/132/221 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के आरोप में बीएनएस की धारा 132, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने के आरोप में बीएनएस की धारा 221 और हत्या कोशिश के लिए धारा 109 के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस के सामने अब कई अहम सवाल
पुलिस के सामने अब कई अहम सवाल हैं. अब पुलिस की जांच कई बिंदुओं पर केंद्रित है. पुलिस जांच में जुटी है कि आरोपी बार-बार किससे फोन पर बात कर रहा था? शालीमार बाग स्थित सीएम आवास की वीडियो रिकॉर्डिंग क्यों बनाई? आरोपी दिल्ली क्यों आया और किन लोगों से मिला? और आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट आदेश के विरोध का बहाना या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क?
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब आरोपी को पकड़ा गया तो उसके पास ना तो कोई शिकायत पत्र था और ना ही कोई एप्लिकेशन. यही नहीं, पुलिस ने यह भी साफ किया कि आरोपी का कोई भी रिश्तेदार किसी जेल में बंद नहीं है. यानी यह संभावना भी खारिज हो गई कि वह मुख्यमंत्री से किसी कैदी की पैरवी कराने या किसी बंदी की रिहाई के लिए पहुंचा था.
24 घंटे पहले से कर रहा था रेकी
शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास से मिले सीसीटीवी फुटेज ने हमले की गंभीरता और भी बढ़ा दी है. फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने घटना से एक दिन पहले वहां जाकर रेकी की थी. उसने न केवल आवास के बाहर घूमकर वीडियो बनाया बल्कि फोन पर लगातार किसी से बात भी करता दिखा. यह वीडियो पुलिस के पास है और जांच का हिस्सा है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी ने जानबूझकर हथियार अपने साथ नहीं रखा क्योंकि उसे मालूम था कि सुरक्षा जांच में पकड़ा जा सकता है. यही कारण है कि उसने हाथों से हमला किया. लेकिन उसका मकसद गंभीर नुकसान पहुंचाना था.
पांच पुराने केस और आपराधिक इतिहास
पुलिस रिकॉर्ड खंगालने पर सामने आया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास लंबा है. गुजरात में उसके खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं, जिनमें तीन शराब तस्करी से जुड़े और दो मारपीट के हैं. कुछ मामलों में वह पहले बरी भी हो चुका है. पेशे से वह ऑटो चालक है और शादीशुदा है.
सूत्रों का कहना है कि आरोपी पिछले दो दिन से दिल्ली में था और सिविल लाइंस के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ था. मंगलवार को वह सीएम के शालीमार बाग स्थित आवास भी पहुंचा, जहां स्टाफ ने उसे पर्ची पर कैम्प ऑफिस का पता और जनसुनवाई का समय लिखकर दिया.
हमले के पीछे सुप्रीम कोर्ट का आदेश या कुछ और?
जांच के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह डॉग लवर है और सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया आदेश से नाराज था जिसमें दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को पकड़ने की बात कही गई थी. आरोपी की मां ने भी गुजरात में मीडिया से कहा कि उसका बेटा जानवरों से बेहद लगाव रखता है और इसी वजह से वह दिल्ली विरोध करने आया था. लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियों को यह तर्क संदेहास्पद लग रहा है.
सूत्रों का कहना है कि आरोपी के मोबाइल से मिले वीडियो और कॉल रिकॉर्ड इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि यह हमला महज किसी आदेश के विरोध में नहीं था बल्कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है.
पुलिस और आईबी की संयुक्त पूछताछ
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, आईबी और अन्य खुफिया एजेंसियां मिलकर आरोपी से पूछताछ कर रही हैं. शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी का अयोध्या आना-जाना रहा है और वह पहले बंदरों की सुरक्षा को लेकर भूख हड़ताल पर भी बैठ चुका है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस हमले को साधारण घटना मानना जल्दबाजी होगी. आरोपी ने लगातार कई लोगों से फोन पर बातचीत की और उसके मोबाइल से मिले संपर्कों को ट्रेस किया जा रहा है. आने वाले दिनों में और लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है.
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
दिल्ली पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक कहां हुई. सीएम रेखा गुप्ता को केंद्र सरकार से ‘Z कैटेगरी’ और दिल्ली पुलिस से भी सुरक्षा प्राप्त है. इसके बावजूद आरोपी कैसे उनके इतने करीब पहुंच गया और हमला कर पाया, यह बड़ा सवाल है. दिल्ली पुलिस आयुक्त स्वयं इस आंतरिक जांच की निगरानी कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय भी सीएम की सुरक्षा व्यवस्था का रिव्यू कर रहा है और जरूरत पड़ने पर इसे और मजबूत किया जाएगा.
हौसला नहीं टूटेगा: मुख्यमंत्री का पहला बयान
हमले के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर अपना पहला बयान जारी किया. उन्होंने लिखा, “आज सुबह जनसुनवाई के दौरान मेरे ऊपर हुआ हमला केवल मेरे ऊपर नहीं, बल्कि दिल्ली की सेवा और जनता की भलाई के हमारे संकल्प पर किया गया एक कायराना प्रयास है. ऐसे हमले मेरे हौसले और जनता की सेवा के संकल्प को कभी तोड़ नहीं सकते. अब मैं पहले से कहीं अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ आपके बीच रहूंगी.”
सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि जनसुनवाई कार्यक्रम पहले की तरह जारी रहेंगे और वह जल्द ही जनता के बीच सक्रिय दिखेंगी.
बीजेपी विधायक के दावे का AAP ने किया फैक्ट चेक
दिल्ली के बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने दावा किया था कि सीएम रेखा गुप्ता पर हमले का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन है और उन्होंने एक फोटो शेयर किया था, जिसमें हमलावर AAP विधायक गोपाल इटालिया के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. इस दावे को आम आदमी पार्टी ने खारिज कर दिया. AAP के गुजरात विधायक गोपाल इटालिया ने कहा कि मेरे पुराने वीडियो से कुछ स्क्रीनशॉटस लेकर, उसे एडिट कर आपने फर्जी फ़ोटो पोस्ट किए हैं. इटालिया ने बाकायदा अपना वह पुराना वीडियो भी शेयर किया, कथित तौर पर जिसका स्क्रीनशॉट लेकर बीजेपी विधायक ने पोस्ट किया था.
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