More
    HomeHomeगले में आला और मुंह पर मास्क... दवा लिखने की बात पर...

    गले में आला और मुंह पर मास्क… दवा लिखने की बात पर खुल गई जिला अस्पताल के मुन्नाभाई MBBS की पोल

    Published on

    spot_img


    यूपी के बस्ती जिले में जिला अस्पताल का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां इमरजेंसी वार्ड में एक ऐसा शख्स पकड़ा गया, जो डॉक्टर नहीं था लेकिन खुद को सीनियर डॉक्टर बताकर गंभीर मरीजों का इलाज करने में जुटा था. गले में आला (स्टेथोस्कोप)और चेहरे पर मास्क लगाकर वह डॉक्टर बनने की कोशिश में था. एक मरीज के परिजनों की एक साधारण-सी मांग पर जब उसकी पोल खुली, तो मरीज के तीमारदारों ने उसे रंगे हाथ पकड़कर पुलिस को सौंप दिया.

    इमरजेंसी वार्ड बना ‘फिल्मी सेट’

    जिला अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड अक्सर गंभीर मरीजों और उनके परिजनों से भरा रहता है. भीड़-भाड़ और अफरा-तफरी के बीच मरीजों के परिजन बस किसी तरह डॉक्टर से इलाज की आस लगाए रहते हैं. इसी माहौल का फायदा उठाते हुए एक व्यक्ति गले में आला डाले और मुंह पर मास्क लगाकर वार्ड के अंदर घुस गया. सबसे वह बता रहा था कि मैं यहां का सीनियर डॉक्टर हूं.

    शक की सुई दवा लिखवाने पर अटकी

    वारदात तब खुली जब रूधौली थाना क्षेत्र के निवासी लक्ष्मी नारायण अपनी पत्नी को गंभीर हालत में लेकर इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. आरोप है कि भर्ती के बाद दो घंटे तक उन्हें सही इलाज नहीं मिला, जिससे मरीज की स्थिति और बिगड़ गई और बाद में उनकी मृत्यु हो गई. इस बीच उक्त फर्जी डॉक्टर वार्ड में पहुंचा और मरीज को देखने का नाटक करने लगा. परिजन उम्मीद से उससे बोले – डॉक्टर साहब, मरीज को कुछ दवा दीजिए ताकि हालत सुधर जाए. फर्जी डॉक्टर ने आत्मविश्वास से भरा लेकिन अजीब-सा जवाब दिया-अभी मैं वॉर्डन से पूछकर बताता हूँ कि कौन सी दवा चल रही है.

    बस, यहीं से शक की सुई घूम गई. परिजन समझ गए कि कोई सच्चा डॉक्टर इस तरह का जवाब नहीं देगा. मामला गंभीर था, इसलिए लोगों ने तुरंत उसे पकड़ लिया. जब उससे नाम-पता और पहचान पूछी गई तो वह हड़बड़ा गया और सच सामने आ गया – वह कोई डॉक्टर नहीं, बल्कि राज कुमार नामक व्यक्ति था जो मुन्नाभाई स्टाइल में ‘डॉक्टर साहब’ बनकर घूम रहा था.

    पुलिस के हवाले किया गया

    भीड़ ने मौके पर ही उसे रोक लिया और अस्पताल प्रशासन को सूचना दी. थोड़ी ही देर में हंगामा मच गया. स्थानीय लोगों ने मिलकर फर्जी डॉक्टर को पुलिस के हवाले कर दिया. अस्पताल के एसआईसी डॉ. खालिद रिजवान ने बताया कि हमें सूचना मिली कि एक अनजान व्यक्ति खुद को डॉक्टर बताकर वार्ड में घुसा है. शक होने पर लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. परिजनों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. अस्पताल में इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई. मरीज की हालत पहले से ही नाजुक थी, सांस फूल रही थी और ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम था. हमने पूरी कोशिश की लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई.

    सवालों के घेरे में अस्पताल की सुरक्षा

    यह घटना जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है. यहां तैनात सुरक्षा गार्ड और व्यवस्थाएं आखिर किस काम की हैं, जब कोई आम व्यक्ति गले में स्टेथोस्कोप डालकर इतनी आसानी से सीनियर डॉक्टर बनकर इमरजेंसी वार्ड में घुस जाता है?

    परिजनों का गुस्सा और आक्रोश

    मरीज की मृत्यु के बाद परिजन आक्रोशित दिखे. उनका आरोप है कि सही समय पर इलाज मिलता तो शायद उनकी प्रियजन की जान बच सकती थी. वे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा चूक दोनों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

    लक्ष्मी नारायण का कहना है कि हम दो घंटे तक इंतजार करते रहे, कोई डॉक्टर ठीक से देखने नहीं आया. इसी बीच एक नकली डॉक्टर आया और हमें विश्वास दिलाने की कोशिश की. सोचिए, अगर हम उस पर भरोसा कर लेते तो क्या होता? हमारी पत्नी को तो हम खो ही चुके हैं, लेकिन ये घटना पूरे सिस्टम की पोल खोलती है.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    ChatGPT का सस्ता प्लान भारत में लॉन्च, 10 गुना बेहतर सर्विस के लिए देने होंगे सिर्फ इतने रुपये

    OpenAI ने अपना नया सब्सक्रिप्शन प्लान लॉन्च कर दिया है, जिसे कंपनी ने...

    Mahindra Vision S: What is it?

    Mahindra Vision S What is it Source link

    Bigg Boss 19: Media house tour of Salman Khan’s show hit by Mumbai rains

    The incessant rains in Mumbai have put a hold on one of the...

    More like this

    ChatGPT का सस्ता प्लान भारत में लॉन्च, 10 गुना बेहतर सर्विस के लिए देने होंगे सिर्फ इतने रुपये

    OpenAI ने अपना नया सब्सक्रिप्शन प्लान लॉन्च कर दिया है, जिसे कंपनी ने...

    Mahindra Vision S: What is it?

    Mahindra Vision S What is it Source link