जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि पूरा इलाका तबाही में बदल गया. गुरुवार दोपहर करीब 12:25 बजे चशोटीऔर पड्डर ताशोति इलाके में अचानक बादल फटा और चिनाब नदी में उफान आ गया. देखते ही देखते नदी का जलस्तर बढ़ा और तेज़ बहाव अपने साथ मकान, गाड़ियां, मंदिर, पुल और लोगों की जिंदगियां बहा ले गया.
अब तक इस आपदा में 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं हैं और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. प्रशासन और राहत एजेंसियां दिन-रात मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए जुटी हुई हैं. सेना, NDRF, SDRF और पुलिस जवान रस्सियों और मशीनों की मदद से लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
मंत्री जावेद डार ने बारामूला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अभी भी लापता लोगों की सटीक संख्या साफ नहीं हो पाई है. रेस्क्यू टीमें लगातार मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयास कर रही हैं.
इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शुक्रवार दोपहर को किश्तवाड़ का दौरा करेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि राज्य प्रशासन पूरी ताकत से राहत और बचाव कार्य में लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम से फोन पर बात कर रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली है.
पूरा गांव खहंडर में तब्दील
आपदा का असर इतना भयावह है कि पूरा इलाका खंडहर में बदल चुका है . मकान ढह गए, गाड़ियां बर्बाद हो गईं और सड़कें विशाल पत्थरों से बंद हो गईं. स्थानीय लोग किसी तरह जान बचाकर भागते दिखे. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें और वीडियो इस तबाही की गवाही दे रहे हैं- कैसे मलबे और गाद से भरा पानी पूरे गांव को समतल कर गया.
किश्तवाड़ में आई यह तबाही मचैल माता यात्रा के रास्ते पर हुई, जहां हजारों श्रद्धालु मौजूद थे . कई तीर्थयात्री भी इस संकट की चपेट में आ गए . यही वजह है कि मचैल माता की वार्षिक यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है .
पीएम ने की सीएम अब्दुल्ला से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरी चिंता जताई है और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात कर राहत व बचाव कार्यों की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राज्य प्रशासन पूरी ताकत से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है.
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अभी भी दर्जनों लोग लापता हैं और उनके परिजन अस्पतालों व राहत शिविरों में अपने प्रियजनों की तलाश में भटक रहे हैं . लोगों की आंखों में आंसू और दिलों में डर साफ झलक रहा है.
सेना और राहत एजेंसियों का कहना है कि बचाव अभियान लगातार जारी है और हेलिकॉप्टर व ड्रोन की मदद से दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
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