राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक मिसाल के रूप में याद किया जाएगा.
गुरुवार को दिए अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले को कायराना और पूरी तरह अमानवीय बताया. उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर को निर्णायक तरीके और अडिग संकल्प के साथ अंजाम दिया गया. इसने साबित कर दिया कि हमारी सशस्त्र सेनाएं किसी भी परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तैयार हैं.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह अभियान मानवता की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इतिहास में दर्ज होगा और पहलगाम हमले के बाद देश ने एकजुट होकर जवाब दिया, जो उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया थी जो हमें बांटना चाहते थे.
उन्होंने कहा, “दुनिया ने यह नोट किया है कि भारत आक्रामक नहीं होगा, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिकार करने में कभी हिचकेगा नहीं.”
राष्ट्रपति ने ऑपरेशन सिंदूर को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन का टेस्ट केस बताते हुए कहा, “इसका परिणाम साबित करता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.”
‘युवाओं के लिए तेजी से बढ़ रहे रोजगार के अवसर’
राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षा, कौशल और मूल्यों पर जोर देते हुए कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने दूरगामी बदलाव किए हैं, जो शिक्षा को मूल्यों के साथ और कौशल को परंपरा के साथ जोड़ते हैं. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं, और जिनके पास उद्यमिता के सपने हैं, उनके लिए सरकार ने सबसे अनुकूल माहौल तैयार किया है.”
उन्होंने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विस्तार का जिक्र करते हुए कहा, “शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा ने पूरी पीढ़ी को बड़ा सपना देखने के लिए प्रेरित किया है. यह हमारे आगामी मानव अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा.”
खेलों में युवाओं के प्रदर्शन पर गर्व जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “शतरंज में आज भारत के युवा जिस तरह से दबदबा बना रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. हमें पूरा भरोसा है कि राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के तहत भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने वाले परिवर्तन जल्द ही दिखेंगे.”
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