पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के धराली (Dharali) में रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी बाधित है. हर्षिल और धराली में सभी कम्युनिकेशन नेटवर्क ठप हैं, जिससे संपर्क टूट गया है. लगातार हो रही बारिश और बादलों की वजह से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू नहीं हो सकी.
धराली आपदा में अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 68 लोग लापता हैं, जिनमें 25 नेपाली मूल के नागरिक शामिल हैं. 1308 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.
धराली में बचाव और राहत कार्य लगातार नौवें दिन भी खराब मौसम की वजह से प्रभावित रहा. हर्शिल और धराली में संचार नेटवर्क पूरी तरह से ठप है, जिससे अधिकारियों को जानकारी जुटाने में मुश्किलें आ रही हैं. बादल छाए रहने और बारिश होने के कारण हेलीकॉप्टर सेवा शुरू नहीं हो पाई, जो बचाव और जरूरी सामान पहुंचाने का मुख्य जरिया है. इसके बावजूद, SDRF ने एक इंसिडेंट कमांड पोस्ट स्थापित किया है और राहत कार्यों को सेक्टरों में बांटकर तेजी लाने की कोशिश कर रही है.
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर कई टीमें
बचाव कार्य के लिए सेना, वायुसेना, NDRF, SDRF, ITBP और BRO जैसी कई एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं. अब तक 356 हेलीकॉप्टर उड़ानें भरी जा चुकी हैं, जिनके जरिए 1308 लोगों को निकाला गया है और जरूरी सामान पहुंचाया गया है. इसके अलावा, 110 गाड़ियां और 21 भारी मशीनें मलबा हटाने और रास्ता साफ करने में लगी हैं. भागीरथी नदी में जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए UJVNL और SDRF की टीमें काम कर रही हैं.

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एक्सपर्ट्स की टीम का दौरा…
आपदा के कारणों की जांच और भविष्य के लिए दीर्घकालिक समाधान ढूंढने के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम आज धराली पहुंच रही है. इस टीम में ULMCC, वाडिया इंस्टीट्यूट, CBRI रुड़की और GSI के वैज्ञानिक शामिल हैं. उत्तराखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (USAC) को भी अस्थायी झीलों की निगरानी के लिए सेंसर लगाने का काम सौंपा गया है. इसके साथ ही, धराली में एक मेडिकल टीम, डॉक्टर और एंबुलेंस तैनात हैं, जबकि जिला अस्पताल उत्तरकाशी में 294 बेड तैयार किए गए हैं.
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