प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ न केवल जनमानस से जुड़ने का माध्यम है, बल्कि यह एक बड़ा राजस्व अर्जन करने वाली पहल भी साबित हुआ है.
सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि इसके शुरू होने से अब तक 34.13 करोड़ रुपये की आय हुई है. सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने एक लिखित जवाब में बताया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम कई पारंपरिक माध्यम से दर्शकों तक पहुंचता है.
राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने बताया कि यह कार्यक्रम आकाशवाणी द्वारा अपने मौजूदा संसाधनों से तैयार किया जाता है, जिसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता. उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ पारंपरिक और डिजिटल, दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर लाखों-करोड़ों श्रोताओं तक पहुंचता है.
हर महीने के अंतिम रविवार को होता प्रसारित
यह कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को पहली बार प्रसारित हुआ था और आज भी हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित किया जाता है. इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह न केवल आकाशवाणी के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेटवर्क पर लाइव प्रसारित होता है, बल्कि इसके क्षेत्रीय भाषाई संस्करण भी बनाए जाते हैं ताकि यह देश के कोने-कोने में पहुंच सके.
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इसके साथ ही, कार्यक्रम को दूरदर्शन के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों पर प्रसारित किया जाता है, जबकि डीडी फ्री डिश के माध्यम से 48 आकाशवाणी रेडियो चैनल और 92 निजी टीवी चैनलों के जरिए देश के ग्रामीण व दूरदराज़ क्षेत्रों तक भी इसकी पहुंच सुनिश्चित होती है.
कई प्लेटफॉर्म पर होता है प्रसारित
मुरुगन ने बताया कि कार्यक्रम का विज़ुअल फॉर्मेट दर्शकों की सहभागिता बढ़ाता है और सामूहिक चर्चा का माहौल बनाता है. यह न केवल टीवी और रेडियो पर बल्कि PMO India, AIR, और प्रसार भारती के OTT प्लेटफॉर्म ‘WAVES’ पर भी लाइव-स्ट्रीम और आर्काइव किया जाता है. इसके अलावा, ‘NewsOnAIR’ मोबाइल ऐप के ज़रिए 260 से अधिक आकाशवाणी चैनलों पर इसे सुना जा सकता है.
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कार्यक्रम को PB SHABD न्यूज़ फीड सेवा के जरिए भी साझा किया जाता है, ताकि यह संबद्ध चैनलों और प्लेटफॉर्म्स तक आसानी से पहुंचे. साथ ही, यह फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी भारत और विदेश में व्यापक रूप से देखा-सुना जाता है.
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